Tuesday 6 November 2018

मेरी दीवाली ....दीवाली पर एक कविता एवं आप सभी को दीवाली की हार्दिक शुभकामनाये



जिसका दीप जले मन में 
राग द्वेष मद लोभ मिटा दें
ऊर्जा भर दें जो तन में। 

सुख समृद्धि का दयाक हो
कष्ट पाप का मोचन हो,
आओ ऐसा दीप जलाएं
जिससे दुनिया रौशन हो।

भाई भाई को मिला दे
पर में भी अपनत्व जगा दे 
कम हो जाये दिल की दूरी,
शुद्ध प्रेममयी लोचन हो 
आओ ऐसा दीप जलाएं
जिससे दुनिया रौशन हो।

चलो चलें हम उनसे मिलने,
जो नहीं चले हमारे साथ
जो दीप पड़े हैं झझकोरों में
चलो लगा दें उन पर हाथ
हृदय लगा लें आओ सबको
त्याग प्रेम का सिंचन हो 
आओ ऐसा दीप जलाएं
जिससे दुनिया रौशन हो।

वो भी मेरे अपने है
जो दीप बेंचते हैं पथ पर
जो भीख मांगते हैं पथ पर
वो भी मेरे अपने हैं 
फटी-फटी साड़ी है जिसकी
वो माता भी मेरी है 
सूख रही है नाड़ी जिसकी
वो बहना भी मेरी है।

आँसू गालों से होकर होंठों की प्यास बुझाते हैं
वो भाई भी मेरा है 
जो पढ़ने को न पाते हैं
दीवाली में बड़े-बड़े पटाख़े तो हम दागते हैं 
पर भारत माँ के दुःखित हृदय को भांप नहीं पाते हैं
अबकी कुछ ऐसा कर जाएं
ताकि इस ऋण का भी मोचन हो 
आओ ऐसा दीप जलाएं
जिससे दुनिया रौशन हो।

- नारायण दत्त 


Sunday 21 October 2018

एक नई सोच जो हम सबके लिए जरूरी है ...🙏जय गुरुदेव🙏


आप बुध्दीजीवी है, एक बार जरूर सोच कर देखिये 


(प्राकृतिक आपदाओं पर हुई नई खोजों के नतीजें मानें तो इन दिनों बढ़ती मांसाहार की प्रवृत्ति भूकंप और बाढ़ के लिए जिम्मेदार है। आइंस्टीन पेन वेव्ज के मुताबिक मनुष्य की स्वाद की चाहत- खासतौर पर मांसाहार की आदत के कारण प्रतिदिन मारे जाने वाले पशुओं की संख्या दिनोंदिन बढ़ रही है।

सूजडल (रूस) में पिछले दिनों हुए भूस्खलन और प्राकृतिक आपदा पर हुए एक सम्मेलन में भारत से गए भौतिकी के तीन वैज्ञानिकों ने एक शोधपत्र पढ़ा। डा. मदन मोहन बजाज, डा. इब्राहीम और डा. विजयराजसिंह के तैयार किए शोधपत्र के आधार पर कहा गया कि भारत में पिछले दिनों आए तीन बड़े भूकंपों में आइंस्टीन पैन वेव्ज (इपीडबल्यू) या नोरीप्शन वेव्ज बड़ा कारण रही है।

इन तरंगों की व्याख्या यह की गई है कि कत्लखानों में जब पशु काटे जाते हैं तो उनकी अव्यक्त कराह, फरफराहट, तड़प वातावरण में भय और चिंता की लहरें उत्पन्न करती है। यों कहें कि प्रकृति अपनी संतानों की पीड़ा से विचलित होती है। अध्ययन मे बताया गया है कि प्रकृति जब ज्यादा क्षुब्ध होती है तो मनुष्य आपस में भी लड़ने भिड़ने लगते हैं और विभिन्न देश प्रदेशों में दंगे होने लगते हैं।


सिर्फ स्वाद के लिए बेकसूर जीव जंतुओं की हत्या भी इस तरह के दंगों का कारण बनती है पर कभी कदा। ज्यादातर मामलों में प्राकृतिक उत्पात जैसे अतिवृष्टि, अनावृष्टि, बाढ़, भूकंप, ज्वालामुखी के विस्फोट जैसे संकट आते हैं। इस अध्ययन के मुताबिक एक कत्लखाने से जिसमें औसतन पचास जानवरों को मारा जाता है 1040 मेगावाट ऊर्जा फेंकने वाली इपीडब्लू पैदा होती है।

दुनिया के करीब 50 लाख छोटे बड़े कत्लखानों में प्रतिदिन 50 लाख करोड़ मेगावाट की मारक क्षमता वाली शोक तरंगे या इपीडव्लू पैदा होती है। सम्मेलन में माना गया कि कुदरत कोई डंडा ले कर तो इन तंरगों के गुनाहगार लोगों को दंड देने नहीं निकलती। उसकी एक ठंडी सांस भी धरती पर रहने वालों को कंपकंपा देने के लिए काफी है।

कत्लखानों में जब जानवरों को कत्ल किया जाता है तो बहुत बेरहमी के साथ किया जाता है बहुत हिंसा होती है बहुत अत्याचार होता है। जानवरों का कतल होते समय उनकी जो चीत्कार निकलती है, उनके शरीर से जो स्ट्रेस हारमोन निकलते है और उनकी जो शोक वेभ निकलती है वो पूरी दुनिया को तरंगित कर देती है कम्पायमान कर देती है। परीक्षण के दौरान लैबरोट्री में भी जानवरों पर ऐसा हीं वीभत्स अत्याचार होता है।


जानवरों को जब कटा जाता है तोह बहुत दिनों तक उनको भूखा रखा जाता है और कमजोर किया जाता है फिर इनके ऊपर ७० डिग्री सेंट्रीगेड गर्म पानी की बौछार डाली जाती है उससे शरीर फूलना शुरु हो जाता है तब गाय भैंस तड़पना और चिल्लाने लगते हैं तब जीवित स्थिति में उनकी खाल को उतारा जाता है और खून को भी इकठ्ठा किया जाता है | फिर धीरे धीरे गर्दन काटी जाती है, एक एक अंग अलग से निकला जाता है।

आज का आधुनिक विज्ञानं ने ये सिद्ध किया है के मरते समय जानवर हो या इन्सान अगर उसको क्रूरता से मारा जाता है तो उसके शरीर से निकलने वाली जो चीख पुकार है उसकी बाइब्रेसन में जो नेगेटिव वेव्स निकलते हैं वो पूरे वातावरण को बुरी तरह से प्रभावित करता है और उससे सभी मनुष्यों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, इससे मनुष्य में हिंसा करने की प्रवृत्ति बढ़ती है जो अत्याचार और पाप पूरी दुनिया में बढ़ा रही है |


दिल्ली के दो प्रोफेसर है एक मदनमोहन जी और एक उनके सहयोगी जिन्होंने बीस साल इनपर रिसर्च किया है और उनकी रिसर्च ये कहती है कि जानवरों का जितना ज्यादा कत्ल किया जायेगा जितना ज्यादा हिंसा से मारा जायेगा उतना ही अधिक दुनिया में भूकंप आएंगे, जलजले आएंगे, प्राकृतिक आपदा आयेगी उतना ही दुनिया में संतुलन बिगड़ेगा

Saturday 13 October 2018

22 best motivated thoughts in hindi





जिसके पास उम्मीद है , वह लाख बार हार कर भी , हार नहीं सकता!


जो अपने मन की पीड़ा को स्पष्ट रूप से नहीं   कह सकता उसी को क्रोध अधिक आता है! 




जलो सिर्फ वहाँ  , जहाँ आपकी जरूरत हो ..उजाले में चिरागों के कोई मायने नहीं होते! 


यदि आप गुस्से के एक क्षण में धैर्य रखते हैं, तो आप दु:ख के सौ दिन से बच जाएंगे।




      नेक इंसान बनने के लिए वैसी ही कोशिश करो,    जैसे खूबसूरत दिखने के लिए करते हो। 

      समस्या के बारे में सोचने से बहाने मिलते हैं, समाधान के बारे में सोचने पर रास्ते मिलते हैं।

      दो बातें इंसान को अपनों से दूर कर देती हैं, एक उसका …अहम… और दूसरा उसका …वहम.. ।

      महान बनने की चाहत तो हर एक में हैं… पर पहले इंसान बनना अक्सर लोग भूल जाते हैं।

      अहंकार दिखा के किसी रिश्ते को तोड़ने से अच्छा है कि, माफी माँगकर वो रिश्ता निभाया जाये।

      छोटी-छोटी बातों में ही आनंद खोजना चाहिए, क्योंकि बड़ी-बड़ी बातें तो जीवन में कुछ ही होती हैं।

      एक मिनट में जिन्दगी नहीं बदलती। पर एक मिनट सोच कर लिया हुआ फैसला पूरी जिन्दगी बदल देता

      अच्छे इंसान सिर्फ और सिर्फ अपने कर्म से पहचाने जाते हैं। क्योंकि अच्छी बातें तो बुरे लोग भी कर लेते है।

      यदि किसी भूल के कारण कल का दिन दु:ख में बीता है तो उसे याद कर आज का दिन व्यर्थ में न बर्बाद करो।”

      मनुष्य सुबह से शाम तक काम करके उतना नहीं थकता, जितना क्रोध और चिंता से एक क्षण में थक जाता है… 


      कभी पीठ पीछे आपकी बात चले तो घबराना नहीं, क्योंकि बात तो उन्ही की होती है.. जिनमें वाकई कोई बात होती है।

      जब रिश्तों में झूठ बोलने की आवश्यकता महसूस होने लगे, तब समझ लेना चाहिए कि रिश्ता समाप्ति की ओर है।

      इंसान को बोलना सीखने में तीन साल लग जाते हैं… लेकिन क्या बोलना है? ये सीखने में पूरी जिदंगी लग जाती है।

      जिंदगी में अच्छे लोगों की तलाश मत करो, खुद अच्छे बन जाओ, आपसे मिलकर शायद किसी की तलाश पूरी हो जाए।








      Monday 8 October 2018

      21 हिन्दीविचार जो बदल दे आपकी ज़िंदगी





      🔔   *अतिसुन्दर प्रार्थना*   🔔
       
           
      *_इतनी   मेहरबानी_*
      *_मेरे   ईश्‍वर   बनाये   रखना,_*
       *_जो   रास्ता   सही   हो_*
      *_उसी   पर   चलाये   रखना।_* 
       *_ना   दुखे   दिल   किसी   का_*
      *_मेरे   शब्दो   से,_* 
       *_इतना   रहम   तू   मेरे   भगवान_*
      *_हम सब पर बनाये   रखना_*



                                     

      मूर्ख व्यक्ति की पहचान  







      किसी मूर्ख व्यक्ति की पहचान उसकि वाचालता से होती है 
      जबकि बुद्धिमान व्यक्ति की पहचान उसके मौन रहने से होती है!



                                     
      मधुर वाणी बोलना एक महँगा शौक है,




      मधुर वाणी बोलना एक महँगा शौक है,जो हर किसी के बस की बात नहीं!अपने खराब मूड के समय बुरे शब्द न बोलें,
      क्योंकि खराब मूड को बदलने के बहुत मौके मिलेंगें पर




      शब्दों को बदलने के नहीं 



                                     
      वो सिर्फ भीख लेने नहीं दुआ देने भी आता है!!








      जलील मत करना किसी गरीब को अपनी चौखट पर




      वो सिर्फ भीख लेने नहीं दुआ देने भी आता है!!



                                     
      “कठोर किंतु सत्य”






       माचिस किसी दूसरी चीज को जलाने से पहले खुद
      को जलाती हैं..! इसी प्रकार *गुस्सा* भी एक माचिस की तरह है..!
      यह दुसरो को बरबाद करने से पहले खुद को बरबाद करता है…!!

                                     
      दिल से ज्यादा" ऊपजाऊँ" जगह और कोई नहीं है! 





      दिल से ज्यादा" ऊपजाऊँ" जगह और
      कोई नही हैं !
      क्योकी यहाँ जो कुछ "बोया" जाये , बढता ज़रूर हैं !!*
      फिर चाहे वो "प्यार" हो.......
      या "नफरत" .................||
                                     

      वो तुम्हें लूट लेंगे



      घर के अंदर जी भर के रो लो पर दरवाज़ा हँस कर ही खोलो....!!
       क्योंकि लोगों को यदि पता लग गया कि तुम अंदर से टूट चुके हो तो वो तुम्हें लूट लेंगे




                                             

       *इंसान* कभी *गलत* नहीं होता

      *इंसान* कभी *गलत* नहीं होता, उसका *वक़्त* गलत होता है मगर लोग इंसान को *गलत* कहेते हे जैसे के..............
      *पतंग* कभी नहीं *कटती, कटता* तो *धागा* हे फिर भी लोग कहेते हे *पतंग* कटी"..!  



                                       
      हिम्मत को ही जिन्दगी कहते हैं



      एक सपना चकनाचूर होने के बाद दुसरा सपना देखने की हिम्मत को ही जिन्दगी कहते हैं



                                     
      अच्छा *विचार* मन को हल्का कर देता है! 





      अच्छा *दिखने* के लिये मत जिओ  बल्कि *अच्छा* बनने के लिए जिओ



        जो *झुक* सकता है वह सारी  दुनिया को *झुका* सकता है



       अगर बुरी आदत *समय पर न बदली* जाये   तो बुरी आदत *समय बदल देती* है

      अच्छी *सोच*, अच्छी *भावना* अच्छा विचार* मन को हल्का कर देता है! 



                                     
      *यह तो आप के हाथ में ही है..*





      सभी को सुख देने की क्षमता*  

      *भले ही आप के हाथ में न हो...!*



      *किन्तु किसी को दुख न पहुँचे*
      *यह तो आप के हाथ में ही है..*!!




                                      

      हम तो अच्छे बने ,हमें किसने रोका है






      *दान करने से रुपया जाता है!*
       *"लक्ष्मी" नहीं!...*
      *घड़ी बंद करने से घड़ी बंद होती है!*
       *"समय" नहीं!...*
      *झूठ छुपाने से झूठ छुपता है!*
       *"सच" नहीं !...*



      *माना दुनियाँ बुरी है ,सब जगह धोखा है,*
      *लेकिन हम तो अच्छे बने ,हमें किसने रोका है !*



      *पूछा चिड़िया से कि घोसला* , *कैसे बनता है* 





      *मंजिल यूँ ही नहीं मिलती*
                      *राही को* 
       *जुनून सा दिल में जगाना* 
                     *पड़ता है,* 
      *पूछा चिड़िया से कि घोसला* 
                  *कैसे बनता है* 
      *वो बोली कि तिनका तिनका* 
                *उठाना पड़ता है।*









      गुड मॉर्निंग का मतलब 


      *केवल पैसों से आदमी धनवान नहीं होता*
      *असली धनवान वो है जिसके पास* 
                     *अच्छी सोच* 




                   *अच्छे दोस्त और* 
                     *अच्छे विचार*

      *सुबह की बधाई का मतलब सिर्फ़ किसी को गुड मॉर्निंग शुभ प्रभात कहना नहीं होता बल्कि इसके पीछे एक संदेश होता है ।* 
      *की जब मैंने आँखे खोली तो मुझे आप याद थे।* 

             🌹🙏🏻 *शुभ प्रभात* 🙏🏻🌹



          


      Wednesday 12 September 2018

      कपडे नहीं सोच बदलो....उन लोगो से मेरे कुछ प्रश्न है???





      लड़कियो के अनावश्यक नग्नता वाली पोशाक में  घूमने पर जो लोग या स्त्रीया ये कहते है की कपडे नहीं सोच बदलो....
      उन लोगो से मेरे कुछ प्रश्न है???




      1)वो सोच क्यों बदले?? सोच बदलने की नौबत आखिर आ ही क्यों रही है??? आपने लोगो की सोच का ठेका लिया है क्या??

      2) आप उन लड़कियो की सोच का आकलन क्यों नहीं करते??
       उसने क्या सोचकर ऐसे कपडे पहने की उसके स्तन पीठ जांघे इत्यादि सब दिखाई दे रहा है....इन कपड़ो के पीछे उसकी सोच क्या थी?? एक निर्लज्ज लड़की चाहती है की पूरा पुरुष समाज उसे देखे,वही एक सभ्य लड़की बिलकुल पसंद नहीं करेगी की कोई उस देखे




      3)अगर सोच बदलना ही है तो क्यों न हर बात को लेकर बदली जाए???
       आपको कोई अपनी बीच वाली ऊँगली का इशारा करे तो आप उसे गलत मत मानिए......सोच बदलिये..वैसे भी ऊँगली में तो कोई बुराई नहीं होती....आपको कोई गाली बके तो उसे गाली मत मानिए...उसे प्रेम सूचक शब्द समझिये.....
      हत्या ,डकैती, चोरी, बलात्कार, आतंकवाद इत्यादि सबको लेकर सोच बदली जाये...सिर्फ नग्नता को लेकर ही क्यों????




      4) कुछ लड़किया कहती है कि हम क्या पहनेगे ये हम तय करेंगे....पुरुष नहीं.....
      जी बहुत अच्छी बात है.....आप ही तय करे....लेकिन  पुरुष भी किस लड़की का सम्मान/मदद करेंगे ये भी वो तय करेंगे, स्त्रीया नहीं.... और वो किसी का सम्मान नहीं करेंगे इसका अर्थ ये नहीं कि वो उसका अपमान करेंगे

      5)फिर कुछ विवेकहीन लड़किया कहती है कि हमें आज़ादी है अपनी ज़िन्दगी जीने की.....
      जी बिल्कुल आज़ादी है,ऐसी आज़ादी सबको मिले, व्यक्ति को चरस गंजा ड्रग्स ब्राउन शुगर लेने की आज़ादी हो,गाय भैंस का मांस खाने की आज़ादी हो,वैश्यालय खोलने की आज़ादी हो,पोर्न फ़िल्म बनाने की आज़ादी हो... हर तरफ से व्यक्ति को आज़ादी हो।




      6) फिर कुछ नास्तिक स्त्रीया कुतर्क देती है की जब नग्न काली की पूजा भारत में होती है तो फिर हम औरतो से क्या समस्या है??
      पहली बात ये की काली से तुलना ही गलत है।।और उस माँ काली का साक्षात्कार जिसने भी किया उसने उसे लाल साडी में ही देखा....माँ काली तो शराब भी पीती है....तो क्या तुम बेवड़ी लड़कियो की पूजा करे?? काली तो दुखो का नाश करती है...... और काली से ही तुलना क्यों??? सीता पारवती से क्यों नहीं??
      क्यों न हम पुरुष भी काल भैरव से तुलना करे जो रोज कई लीटर शराब पी जाते है????
      शनिदेव से तुलना करे जिन्होंने अपनी सौतेली माँ की टांग तोड़ दी थी।

      7)लड़को को संस्कारो का पाठ पढ़ाने वाला कुंठित स्त्री समुदाय क्या इस बात का उत्तर देगा की क्या भारतीय परम्परा में ये बात शोभा देती है की एक लड़की अपने भाई या पिता के आगे अपने निजी अंगो का प्रदर्शन बेशर्मी से करे???
      क्या ये लड़किया पुरुषो को भाई/पिता की नज़र से देखती है ???
        जब ये खुद पुरुषो को भाई/पिता की नज़र से नहीं देखती तो फिर खुद किस अधिकार से ये कहती है की "हमें माँ/बहन की नज़र से देखो"
      कौन सी माँ बहन अपने भाई बेटे के आगे नंगी होती है??? भारत में तो ऐसा कभी नहीं होता था....




      सत्य ये है कीअश्लीलता को किसी भी दृष्टिकोण से सही नहीं ठहराया जा सकता। ये कम उम्र के बच्चों को यौन अपराधो की तरफ ले जाने वाली एक नशे की दूकान है।।और इसका उत्पादन स्त्री समुदाय करता है।
      मष्तिष्क विज्ञान के अनुसार 4 तरह के नशो में एक नशा अश्लीलता(सेक्स) भी है।
      चाणक्य ने चाणक्य सूत्र में सेक्स को सबसे बड़ा नशा और बीमारी बताया है।।
      अगर ये नग्नता आधुनिकता का प्रतीक है तो फिर पूरा नग्न होकर स्त्रीया अत्याधुनिकता का परिचय क्यों नहीं देती????
      गली गली और हर मोहल्ले में जिस तरह शराब की दुकान खोल देने पर बच्चों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है उसी तरह अश्लीलता समाज में यौन अपराधो को जन्म देती है।



      भाईयो मेने सच कहा या गलत comments जरुर करना please
      लेख पडने के बाद विडियो जरूर देखें
      पसंद आये तो लाईक कमेन्ट व सेर करना ना भुले।
      धन्यवाद 




      Thursday 12 July 2018

      कैसे किसी अनजान व्यक्ति का दिल जीते?






      नमस्कार दोस्तों कैसे है आप? मुझे पता है आप सभी बहुत अच्छे और खुश ही होंगे दोस्तों आज के हिन्दीविचार ब्लॉग में आपके लिए बहुत ही अच्छे विचार बताने जा रहा हूँ! 

      आप सभी को पता होगा ही की हम दिन भर में कितने ही लोगों से मिलते है जिसमे से कुछ तो हमें जानते है लेकिन कुछ नहीं जानते है! 





      अब सवाल यह उठता है की वह लोग हमे क्यों नहीं जानते है इसका सीधा उत्तर है की हम उन लोगों से मिले नहीं और मिले भी है  तो उनसे अच्छे से तालमेल नहीं बना पाए मतलब उनसे अच्छे से बात नहीं कर पाए है! 

      यूँ कहे की उनका हमने अच्छे दिल नहीं जीता है तो दोस्तों आज की पोस्ट में आपको यही बताने वाला हूँ की आप कैसे किसी अनजान व्यक्ति का दिल जीत सकते है? 

      वैसे तो किसी अनजान व्यक्ति का दिल जीतना कोई आम बात नहीं है हाँ लेकिन प्रयास करने से यह संभव है! आप भी कर सकते है! वो कैसे होता है  इसके लिए हमारी post को last तक पढ़े! k




      यदि आपको वाकई में किसी का दिल जीतना है तो सबसे पहले अपने अंदर कुछ बदलाव लाने होंगे जिससे आपके अंदर सकारात्मक सोच जाग्रत होगी जिससे आपके मन में दूसरों के प्रति सकारात्मक भाव और ख्याल अपने मन में आएंगे! 

      दोस्तों सबसे पहले अपने आप को बदल ने के लिए इन प्रमुख बातों का ध्यान रखे! और इन बातों को अपनी जीवन शैली का प्रमुख हिस्सा बना ले! 

      दोस्तों आपको कुछ ऐसा बनना पडेगा जिससे लोग आपको पसंद करने लग जाए , आपके अंदर वो काबिलियत जरूर होना चाहिए जिससे हमारी पहचान बढे तो दोस्तों आप कुछ ऐसा work करो जिससे दुनिया वाले आपके fans बन जाए! 




      में आपको कोई  actor नहीं बना रहा हूँ में तो आपको hero बनाने की बोल रहा हूँ वो भी आपके फिल्ड के लोगों के लिए मतलब यह की आप जिस कम्पनी में या कही भी काम कर रहे!  

      सबसे पहले तो आपका दूसरों के प्रति व्यवहार ही आपको हीरो बनाएगा जब आपको सबलोग अच्छे से जानते होंगे तो जाहिर है नए आने वाले अनजान व्यक्ति भी आपके व्यवहार द्वारा बहुत ही जल्द से दोस्ती का लेगा! 




      दोस्तों मेरा एक दोस्त है जो किसी भी अनजान व्यक्ति से बात करने में ही सामने वाले व्यक्ति का दिल जीत लेता है मतलब उस के अंदर ऐसी काबिलियत है जिसके द्वारा वह किसी भी व्यक्ति के अंदर पहली बार में उसके प्रति ऐसी छाप छोड़ देता है जो उसे कभी बुला ही नहीं पाते है तो दोस्तों आप अंदर भी वह काबिलीयत या यूँ कहे वह टेलेंट जरूर होना चाहिए! 




      Sunday 24 June 2018

      खाली हाथ आये हो , खाली हाथ जाओगे! गीता उपदेश- जो बदल देंगे हमारा जीवन!





      नमस्कार मित्रों जय श्रीकृष्ण-राधे-राधे!मनुष्य केवल खुद के कल्याण के बारे में सोचता है, यदि वह समाज हित के बारे में सोचे तो संसार स्वर्ग बन जाए। श्रीमद्भागवत गीता में बताई गई बातें यदि मनुष्य आचरण में उतारे तो वह समाज का कल्याण कर सकता है। पौराणिक विनोद शास्त्री का कहना है कि मनुष्य व्यर्थ ही चिंता करता है। उसे केवल कर्म करना चाहिए। कर्म के अनुरूप ही उसे फल की प्राप्ति होगी

       दोस्तों आज आप पढ़ने वाले है भगवान श्रीकृष्ण द्वारा बताये गए अर्जुन को गीता उपदेश जिनको पढ़ने के बाद हमारा जीवन बदल जायेगा तो दोस्तों जरूरी पढ़े गीता उपदेश जो बदल देंगे हमारा जीवन! 


      हमें गीता के उपदेशों को क्यों पढ़ना चाहिए!

      दोस्तों गीता को हिन्दू धर्म में बहुत खास स्थान दिया गया है , गीता अपने अन्दर भगवान् श्रीकृष्ण के उपदेशों को समेटे हुए है , को को आम संस्कृत भाषा में रचा गया है! जो व्यक्ति संस्कृत को समझने की जानकारी रखता है , वह आराम से श्रीमद गीता को पढ़ सकता है! श्रीमद गीता में जीवन के उन चार योगों के बारे में विस्तार से बताया हुआ है जैसे- कर्म योग , भक्ति योग , राजा योग और प्रजा योग! 




      भगवान श्रीकृष्ण गीता में कहते हैं कि न तो मैं किसी को सुख देता हूं, और न ही दुख। मनुष्य स्वयं के कर्मों से ही सुख और दुख को प्राप्त करता है।-भागवत गीता उपदेश



      हे अर्जुन , तुम यह निश्चयपूर्वक सत्य मानो की मेरे भक्त का कभी भी विनाश या पतन नहीं होता!- भागवत गीता उपदेश



      काम , क्रोध और लोभ , यह तीनो व्यक्ति को नरक की ओर ले जाने वाले द्वार होते है , इसलिए इन तीनो का त्याग करना चाहिए- भागवत गीता उपदेश



      मै ही सबकी उत्पत्ति का कारण हूँ , और मुझसे ही जगत का होता है!-   भागवत गीता उपदेश



      यदि कोई बड़े से बड़ा दुराचारी भी , अनन्य भक्ति भाव से मुझे भजता है तो , उसे भी साधू ही मानना चाहिए , वह शीघ्र ही धर्मात्मा हो जाता है , तथा परम शांति को प्राप्त जाता है!   भागवत गीता उपदेश


      न यह शरीर तुम्हारा है, न तुम शरीर के हो। यह अग्नि, जल, वायु, पृथ्वी, आकाश से मिलकर बना है और इसी में मिल जाएगा। परन्तु आत्मा स्थिर है। फिर तुम क्या हो? - भागवत गीता उपदेश





      आत्मा अजर अमर है। जो लोग इस आत्मा को मारने वाला यह मरने वाला मानते हैं वे दोनों की नासमझ हैं। आत्मा न किसी को मारती है और न ही किस के द्वारा मारी जा सकती है।- भागवत गीता उपदेश


      आत्मा न कभी जन्म लेती है और न मरती है। शरीर का नाश होने पर भी इसका नाश नहीं होता। - भागवत गीता उपदेश 


      तुम अपने आपको भगवान को अर्पित करो। यही सबसे उत्तम सहारा है, जो इसके सहारे को जानता है वह भय, चिन्ता, शोक से सर्वदा मुक्त रहता है।- भागवत गीता उपदेश





      जैसे मनुष्य अपने पुराने वस्त्रों को उतारकर दूसरे नए वस्त्रों धारण करता है, वैसे ही जीव मृत्यु के बाद अपने पुराने शरीर को त्यागकर नया शरीर प्राप्त करता है।- भागवत गीता उपदेश




      शस्त्र इस आत्मा को काट नहीं सकते, अग्नि इसको जला नहीं सकती। जल इसको गीला नहीं कर सकता। वायु इसे सूखा नहीं कर सकती।- भागवत गीता उपदेश 


      जो हुआ , वह अच्छा हुआ , जो रहा , वह अच्छा हो रहा , जो होगा , वह भी अच्छा ही होगा! तुम भूत का पश्च्याताप करो! भविष्य की चिंता न करो! वर्तमान चल रहा है! भागवत गीता उपदेश

      Wednesday 13 June 2018

      तू यह नहीं कर सकता? एक प्रेरणादायक कहानी




      नमस्कार दोस्तों आज के हिंदी विचार में आपके लिए एक कहानी लेकर आया हूँ जो की बहुत ही उम्दा और प्रेरणादायक है इस कहानी को आप सभी जरूर पढ़े ....धन्यवाद्  

      दोस्तों यह कहानी है , दो दोस्तों की , जो एक गांव में रहते थे! जिसमे से एक आठ साल का था , और दूसरा दस साल का , दोनों अच्छे दोस्त थे! बुल्कुल सोले फिल्म के जय और वीरू के जैसे दोनों हमेशा साथ रहा करते थे! साथ-साथ खेलते कूदते , साथ-साथ खाते-पीते और साथ-साथ नाचते गाते!
      इन्ही भी पढ़े-  हमारी दोस्ती की असली पहचान क्या है?
                                   



      फिर एक दिन वह दोनों अपने गांव से खेलते-खेलते दूर निकल जाते है! उनमे से एक दोस्त  (दस साल वाला) , वह अचानक  कुए में गिर जाता है और बहुत जोर से चीखता और चिल्लाता है! क्यूंकि उसे तैरना नहीं आता था! 




      अब जो दूसरा दोस्त था मतलब (आठ साल वाल) वह अपने आस-पास में देखता तो उसे कोई नज़र नहीं आ रहा था! ताकि वह बुला सके मदद के लिए! 



      तभी उसने नीचे एक बाल्टी और रस्सी देखि , तो उसने ना आव देखा और ताव देखा  और जल्दी से उसने बाल्टी को कुए में  फेक दिया! 




      तभी उसका दोस्त वह रस्सी पकड़ लेता है और बाल्टी के सहारे किनारे आ जाता है , लेकिन उसका दोस्त (आठ साल वाला) वह रस्सी पुरी ताकत और जोर के साथ खींचता रहा , खींचता रहा और वह तब खींचता रहा जब तक उसका दोस्त जो की उससे बड़ा था (दस साल का) , उसे वह (आठ साल का) दोस्त उसे तब तक खींचता रहा जब तक की वह उस कुए से बहार न निकल जाता!



       अब यह कहानी यहाँ तक तो ठीक थी , मतलब यह कहानी हमें समज आ रही है , लेकिन वास्तव में  हुआ क्या? वह दोनों  इतने डर गए थे और एक दूसरे को गले लगा का रो रहे थे , क्यूंकि उससे (छोटे वाले दोस्त) ने  अपने (बडे  वाले दोस्त) को कुए से बहार खींच कर बचाया था , वह दोनों आश्चर्य में लींन हो गए थे! 







      क्यूंकि जैसे ही यह दोनों दोस्त एक हो गए और एक दूसरे से गले मिल रहे , रो रहे और खुश हो रहे तब उन्हें  एक तरफ से उन्हें डर भी लग रहा था! 



       डर इसलिए था की अब गांव जायेंगे तो बहुत पिटाई होगी मतलब  वह  इस घटना की जानकारी  बताएँगे की कुए गिरने के बाद केसे बचाया तो पता  नहीं क्या होगा? 







      लेकिन सब से मज़े की बात तो , यह की वह दोनों अपने  गांव गए और वहा जाकर अपने घर वालों और  गांव के लोगों को बताया तो किसीने उन पर विश्वास ही नहीं किया उन दोनों पर! 



       वह सब लोग अपनी जगहे ठीक थे , क्यूंकि इतने से बच्चे में इतनी ताकत कहाँ से आई की  वह अपने से (बड़े दोस्त को)  खींच ले बहार वो भी कुए में से तो ऐसा सोच कर कोई उन पर विश्वास ही नहीं कर रहे थे! सब लोग सोच रहे थे ऐसा कैसे हो सकता है 







      क्यूंकि जो लड़का पानी की भरी बाल्टी बहार नहीं खींच सकता वह इतना वजन कैसे उठा सकता है?  मतलब उन पर कोई भी विश्वास ही नहीं कर रहे थे!



       लेकिन एक आदमी था उस गांव में , जिसने उन दोनों पर विश्वास कर लिया था , उन्हें सब गांव के लोग रहीम चाचा कहते थे , रहीम चाचा सबसे समझदार बुजुर्गों  में से एक थे , और सब को लगा की यार यह  झूठ नहीं बोलते है जरूर सच है इनकी बात में  तभी रहीम चाचा इन पर विश्वास कर रहे तभी सारे गांव वाले इक्कठे होकर रहीम चाचा के पास चले जाते है! 







      और जाकर के पूछते है की देखिये हमें तो कुछ समझ आ नहीं रहा आप बताइये  की ऐसा कैसे हो सकता है! 







      तभी चाचा को हंसी आ गयी और बोले में क्या बताऊँ बच्चे बता तो रहे है! 



      उसने बाल्टी को उठा कर कुए में फेखा और इसने बाल्टी को पकड़ा और अपनी पूरी ताकत से उसे खींच दिया और अपने दोस्त को बचा लिया!







       कुछ देर बार सारे गांव वाले उनकी तरफ देखंने लगे!



       बात यह नहीं  की वह छोटा सा बच्चा कैसे कर पाया यहाँ सवाल यह है की वह यह क्यों कर पाया? उसमे इतनी ताकत कहाँ से आयी? 







      बस एक जवाब , सिर्फ एक जवाब  है की- जिस वक्त उस बच्चे ने यह किया मतलब बढे वाले बच्चे को खींचा , उस समय दूर-दूर तक कोई नहीं था उस जगहे पर , बच्चे को यह बताने वाला  की तू यह नहीं कर सकता! कोई नहीं था , कोई नहीं , वह खुद भी नहीं.....संदीप माहेश्वरी 

      Saturday 9 June 2018

      श्री ऐ.पी.जे. अब्दुल कलाम जी द्वारा दिए गए १० सफलता के प्रेणादायक विचार ...जरूर पढ़े.!






       नमस्कार दोस्तों हमें सफल लोगों से प्रेरणा अवश्य लेनी चाहिए क्यूंकि इनके द्वारा बताये गए विचार हमारे जीवन को बदल सकते है , हमें जीवन में सफल होने एवं जीने का एक नया रास्ता बताते है! दोस्तों क्या आप भी अपने जीवन में कुछ बदलाव लाना चाहते है? या फिर आपको कुछ समझ नहीं पा रहे है , की क्या करे और क्या नहीं करे! तो दोस्तों आज जो विचार लेकर आया हूँ यह हमारे कलाम साहब द्वारा बताये गए है हमें इनके बताये गए प्रेणनादायक विचारों को जरूर अपने जीवन में अपनाना चाहिए! अब्दुल कलाम हमारे देश के शान और गौरव थे। हमें गर्व है कि हमारे देश में ऐसे महापुरुष का जन्म हुआ। जिसने अपनी पूरी जिंदगी देश के सेवा में लगा दिया। वह एक वैज्ञानिक थे जिन्होंने अपने जीवन काल मे बहुत सी मिसाइलों का अविष्कार किया। इसलिए अब्दुल कलाम जी को भारत का मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता है।
      आज अपने इस लेख में हम आपको अब्दुल कलाम की कुछ सुंदर उक्ति के बारे में बताने वाले हैं। जिसे पढ़कर लाखों लोगों की जिंदगी बदल गयी। तो आइए जानते हैं उस सुंदर उक्ति के बारे में जो इस प्रकार हैं।
      श्री ऐ. पी. जे. अब्दुल कलाम द्वारा बताये गए  महत्वपूर्ण प्रेरणादायक विचार 

      आइये दोस्तों पढ़ते है हमारे कलाम साहब की दस ऐसी बाते जो हमें सफल बनाने में मदद करती है!  




      atiitude (रवैया) attitude के बारे में कलाम साहब के विचार कुछ इस प्रकार थे! 
      अब्दुल कलाम के सुंदर विचार 


      1.अब्दुल कलाम जी के अनुसार जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए हर इंसान को कठिनाइयों की आवश्यकता होती है, क्योंकि सफलता का आनंद उठाने कि लिए ये ज़रूरी हैं। क्योंकि जब कोई इंसान मुश्किलों का सामना करता है। तब ही जाकर उसे उसके मायने समझ में आते हैं।
      2.अब्दुल कलाम जी कहते हैं कि अपने मिशन में सफल होने का ओनली एक ही जरिया है। किसी भी वर्क को पूरी लगन और निष्ठा से करो।

      3. दुनियां का सबसे बड़ा असफलता हिम्मत हारना होता है। इसलिए कभी हिम्मत न हारो और हमेशा आगे बढ़ते रहो।






      4. आप अपना कल नहीं बदल सकते, लेकिन अपनी आदतें तो आप बदल सकते हैं, और बदली हुई आदतें ही आपका आने वाला कल बदल देगी।
      5. जिंदगी में सफलता के रास्तों को आप खुद चुनों और बिना सोंचे उस पर चल पडो। अगर आप हार जाते हो तो भी निराश मत होना। क्योंकि जो हारता है वही तो जितने का मतलब जानता है। हो सकता हो भगवान आपको उससे भी बेहतर कुछ देना चाहते हों। इसलिए अनवरत प्रयास करते रहिए सफलता आपकी कदम चूमेगी।

      6. रास्तें कभी बन्द नहीं होते, अक्सर लोग हिम्मत हार जाते हैं। इसलिए कोशिश आखरी सांस तक करनी चाहिए। मंजिल मिले या तजुर्बा चीजें दोनो ही नायाब हैं।





      दोस्तों आप लोगों को अब्दुल कलाम जी की यह बात किसी लगी कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं। अगर आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आयी हो तो ऐसे ही अट्रैक्टिव और रोचक खबरों कि जानकारी के लिए आप हमें वेबसाइट को विजिट जरूर  करें। और ज्यादा से ज्यादा शेयर और लाइक करें। धन्यवाद






      Friday 1 June 2018

      जीवन के पांच सिद्धांत जो बदल देंगे आपकी ज़िंदगी! jeewan badalne wale panch sootra,





         
       नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका आज हम आपको जीवन के पांच वो सूत्र बताने जा रहे है , जिसका आपने  सही से अपने जीवन में अमल किया या अपनाया तथा धारण किया तो हम विश्वास दिलाते है की आप जीवन में जरूर सफल होंगे एवं आपका कल्याण होगा आप जीवन में हमेशा आगे बढ़ेंगे एवं सफलता की और आपके कदम बढ़ेंगे! 
      जरूर पढ़िए:-  ज़िंदगी को आसान बनाने के आसान उपाए





      यह क्या सूत्र है जरा थोड़ा ध्यान दें और जाने एवं इन पांच सिद्धांतों के बारे में एवं इन सूत्रों का अपने जीवन में जरूर अमल करे:- 





      👉पहला सूत्र है शिक्षा:- दोस्तों शिक्षा वो शेरनी का दूध है जिसे बहुत ही सूंदर शब्दों में  डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर ने बताया है , की शिक्षा वो शेरनी का दूध है जो पियेगा वो दहाड़ेगा और जो नहीं पियेगा वो जानवरों की तरह आवाज करेगा! इसलिए याद रखना आप कुछ भी करे , कैसे भी करे , अपने बच्चों को जरूर पढ़ाये और अगर आप अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दे सकते है तो आप याद रखना आप जीवन में कभी भी कोई बड़ा काम नहीं कर सकते है! 




      👉दूसरा सूत्र है संस्कार:- दोस्तों चाहे जितनी अच्छी शिक्षा दिला देना अपने बच्चों को , लेकिन बच्चों को संस्कार आप नहीं देंगे तो यह बच्चे आपको बुढ़ापे में कभी साथ नहीं देंगे और न ही सम्मान करेंगे! हम हजारों लाखो को परिवारों को हर रोज देखते है , जिन्होंने अपने बच्चों को बहुत पढ़ाया लिखाया है , और अनेको तरह तरह की डिग्रियां दिला दी है , लेकिन  आज बुढ़ापे में उन्हें सम्मान नहीं मिल पा रहा है , इसलिए हमारा अनुरोध है आप सभी से , की शिक्षा के साथ अपने बच्चों को आप संस्कार भी दें!जरूर पढे:-
       


      👉तीसरा सूत्र है संगती:- चाहे जितनी भी अच्छी शिक्षा दिला देना , चाहे जितने भी अच्छे संस्कार दिला देना अपने बच्चों को इससे कुछ नहीं होने वाला है , जब तक आप , अपने बच्चों की संगति पर आप ध्यान देंगे! संगति ऐसी चीज है यदि बुरे लोगों की संगति हो जाये तो वह बुरा इंसान हो जाता है और अच्छे लोगों की संगति करने से वह अच्छा इंसान बन जाता है! यह ध्यान रखना होगा आपको , आपकी शिक्षा , आपके संस्कार तभी आपके काम आएंगे जब बच्चों को अच्छी शिक्षा प्राप्त हो , और बच्चों की शिक्षा तब प्राप्त होगी जब अच्छी संगति होगी और अच्छी संगति तब होगी जब माँ-बाप की अच्छी संगति होगी! इसलिए ध्यान रखे तीन सूत्र  हमें बताये है पहला शिक्षा , दूसरा संस्कार , तीसरा है संगति अब आपको चौथा बताते है! 




      👉चौथा हमारा सूत्र है एकता:- हमने कई बार देखा होगा आजकल घरों की , परिवारों की , गांवों की , शहरों की , देश की एकता बिखंडित हो रही है , लोग जाती के नाम पर , लोग काले और गोर के नाम पर , वर्ग और भेद के नाम पर , ऊँच-नीच के नाम पर और तरह-तरह की जातियों के नाम पर बटते चले जा रहे है! 

      याद रखना हमने पशु-पक्षियों में एकता देखी है ,  इसकी मिशाल हम आपको बताना चाहते है! मधुमक्खियों की हमने एकता देखि है , जंगली जानवरों में हमें एकता देखि है!  पांच- साथ सियार इकट्ठे हो जाते है और एक शेर को मार गिराते है , क्यों? क्यूंकि सियारों की एकता होती है! आज हम चाहते  है की , हमारा देश , हामारा समाज , हमारे समाज में रह रहे सभी लोग एकता के साथ रहे , घर परिवार में एकता रहे इसलिए आपको भी एकता को धारण करना पड़ेगा! दोस्तों अब हमने आपको चार सन्देश बता दिए! 




      👉पांचवा सूत्र है व्यक्तिगत पहचान:- दोस्तों जिस व्यक्ति की व्यक्तिगत पहचान नहीं होती है वह आदमी किसी काम का नहीं होता है इसलिए आप प्रयास करे की संसार में आपका जन्म हुआ है , यह साढ़े तीन हाथ की काया मिली है , तो आप कुछ ऐसा कार्य करे या करके दिखाए दुनियां को जिससे आपकी पहचान हो , ऐसा कार्य , विशेष कार्य , रचनात्मक कार्य कुछ बहुत अच्छा कार्य करे , कुछ कुशल कर्म करे , जिससे आपकी पहचान बने! संसार के जिस ग्रस्त व्यक्ति ने यह पांच सिद्धांतों का पालन कर लिया तो हम दावे के साथ कहते है की वह व्यक्ति संसार में बहुत आगे निकल जायेगा! हमने आपको पूरे पांच सिद्धांत या सूत्र बताये दोस्तों यदि आप इनका अच्छे से अपने जीवन में अमल करना चाहिए  या अपनाना चाहिए! हमने आपको यह पांच सिद्धांत बतये है की 

      पहला शिक्षा 
      दूसरा संस्कार 
      तीसरा संगति 
      चौथा एकता 
      पांचवा व्यक्तिगत पहचान