जो अपने मन की पीड़ा को स्पष्ट रूप से नहीं कह सकता उसी को क्रोध अधिक आता है!
जलो सिर्फ वहाँ , जहाँ आपकी जरूरत हो ..उजाले में चिरागों के कोई मायने नहीं होते!
यदि आप गुस्से के एक क्षण में धैर्य रखते हैं, तो आप दु:ख के सौ दिन से बच जाएंगे।
नेक इंसान बनने के लिए वैसी ही कोशिश करो, जैसे खूबसूरत दिखने के लिए करते हो।
समस्या के बारे में सोचने से बहाने मिलते हैं, समाधान के बारे में सोचने पर रास्ते मिलते हैं।
दो बातें इंसान को अपनों से दूर कर देती हैं, एक उसका …अहम… और दूसरा उसका …वहम.. ।
महान बनने की चाहत तो हर एक में हैं… पर पहले इंसान बनना अक्सर लोग भूल जाते हैं।
अहंकार दिखा के किसी रिश्ते को तोड़ने से अच्छा है कि, माफी माँगकर वो रिश्ता निभाया जाये।
छोटी-छोटी बातों में ही आनंद खोजना चाहिए, क्योंकि बड़ी-बड़ी बातें तो जीवन में कुछ ही होती हैं।
एक मिनट में जिन्दगी नहीं बदलती। पर एक मिनट सोच कर लिया हुआ फैसला पूरी जिन्दगी बदल देता
अच्छे इंसान सिर्फ और सिर्फ अपने कर्म से पहचाने जाते हैं। क्योंकि अच्छी बातें तो बुरे लोग भी कर लेते है।
यदि किसी भूल के कारण कल का दिन दु:ख में बीता है तो उसे याद कर आज का दिन व्यर्थ में न बर्बाद करो।”
मनुष्य सुबह से शाम तक काम करके उतना नहीं थकता, जितना क्रोध और चिंता से एक क्षण में थक जाता है…
कभी पीठ पीछे आपकी बात चले तो घबराना नहीं, क्योंकि बात तो उन्ही की होती है.. जिनमें वाकई कोई बात होती है।
जब रिश्तों में झूठ बोलने की आवश्यकता महसूस होने लगे, तब समझ लेना चाहिए कि रिश्ता समाप्ति की ओर है।
इंसान को बोलना सीखने में तीन साल लग जाते हैं… लेकिन क्या बोलना है? ये सीखने में पूरी जिदंगी लग जाती है।
जिंदगी में अच्छे लोगों की तलाश मत करो, खुद अच्छे बन जाओ, आपसे मिलकर शायद किसी की तलाश पूरी हो जाए।
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