Saturday 31 March 2018

अप्रेल फूल मानाने वालो! पहले इसके पीछे का सच जान लो! जरूर पढ़े!

 अप्रेल फूल मानाने वालो! पहले इसके पीछे का सच जान लो! जरूर पढ़े!




                 


                 नमस्ते दोस्तों आज जो  पोस्ट लेकर आया हूँ वो सायद आपके लिए एक दर्पण के जैसे काम कर जाय! लेकिन   इससे पहले आपको बताना चाहूंगा यह पोस्ट किसी राजनीतिक संगठन से सबन्धित नहीं है और मेरा उद्देश्य किसी समाज अथवा संगठन को ठेस पहुंचना नहीं है लेकिन हम हिन्दू है तो इसके पीछे का सच जानना हमारे लिए बहुत जरूरी है!

  आप जानते है यह 

                   आप जानते है की आज के दिन मतलब 1 अप्रेल को मूर्खता दिवस मानते है! परन्तु दोस्तों सायद आपको इसके बारे में पता नहीं होगा तो जरूर पढ़े और पसंद आये तो आगे भी शेयर करे ..धन्यवाद!

 दोस्तों "अप्रैल फूल" किसी को कहने से पहले इसकी वास्तविक सत्यता हमे जरुर जान लेना चाहिए .! पावन महीने की शुरुआत को मूर्खता दिवस कह रहे हो! पता भी है क्यों कहते है अप्रैल फूल (अप्रैल फुल का अर्थ है - हिन्दुओ का मूर्खता दिवस).??  जी हाँ सही पढ़ा आपने!


यह है मूर्खता का प्रमाण!!!!

ये  देश की  आजादी से पहले  अंग्रेजों  की देन है…
मुर्ख हिन्दू कैसे समझें "अप्रैल फूल" का मतलब बड़े
दिनों से बिना सोचे समझे चल रहा है अप्रैल फूल,
अप्रैल फूल ???
इसका मतलब क्या है.?? दरअसल जब ईसाइयत अंग्रेजो
द्वारा हमे 1 जनवरी का नववर्ष थोपा गया तो उस
समय लोग विक्रमी संवत के अनुसार 1 अप्रैल से नया साल मनाते थे, जो आज भी सच्चे हिन्दुओ
द्वारा मनाया जाता है!


यह सच है !!!



आज भी हमारे बहीखातेर बैंक 31 मार्च को बंद होते है और 1 अप्रैल से शुरू
होते है, पर उस समय जब भारत गुलाम था तो ईसाइयत
ने विक्रमी संवत का नाश करने के लिए साजिश करते
हुए 1 अप्रैल को मूर्खता दिवस "अप्रैल फूल" का नाम
दे दिया ताकि हमारी सभ्यता मूर्खता लगे अब आप
ही सोचो अप्रैल फूल कहने वाले कितने सही हो आप.?


लेकिन हमे अब कुछ भूलना नहीं-


यादरखो अप्रैल माह से जुड़े हुए इतिहासिक दिन और
त्यौहार
1. हिन्दुओं का पावन महिना इस दिन से शुरू होता है
(शुक्ल प्रतिपदा)
2. हिन्दुओ के रीति -रिवाज़ सब इस दिन के कलेण्डर
के अनुसार बनाये जाते है।
6. आज का दिन दुनिया को दिशा देने वाला है।
अंग्रेज ईसाई, हिन्दुओ के विरुध थे इसलिए हिन्दू के
त्योहारों को मूर्खता का दिन कहते थे और आप
हिन्दू भी बहुत शान से कह रहे हो.!!
गुलाम मानसिकता का सुबूत ना दो अप्रैल फूल लिख के!


यह इसलिए मनाया गया था- 



अप्रेल  फूल सिर्फ भारतीय सनातन कलेण्डर, जिसको
पूरा विश्व फॉलो करता था उसको भुलाने और
मजाक उड़ाने के लिए बनाया गया था। 1582 में पोप
ग्रेगोरी ने नया कलेण्डर अपनाने का फरमान
जारी
कर दिया जिसमें 1 जनवरी को नया साल का प्रथम
दिन बनाया गया।
जिन लोगो ने इसको मानने से इंकार किया, उनको 1
अप्रैल को मजाक उड़ाना शुरू कर दिया और धीरे-
धीरे
1 अप्रैल नया साल का नया दिन होने के बजाय मूर्ख
दिवस बन गया।आज भारत के सभी लोग अपनी ही
संस्कृति का मजाक उड़ाते हुए अप्रैल फूल डे मना रहे
है। हम कट्टर हिन्दू है , फिर क्यों मना रहे!


हम कटटर हिन्दू है याद रखो- 



जागो हिन्दुओ जागो।।
अपने धर्म को पहचानो।
हम कटटर हिन्दू है

सब हिन्दुओ के साथ साझा करे!  

इस जानकारी को इतना फैलाओ कि कोई भी आज के दिन यानी  1 अप्रैल को  मूर्खता न मनाये यदि वो मनाता है तो वह स्वयं अपनी मूर्खता का परिचय  देता है और अंग्रेजों द्वारा प्रसिद्ध किया गया ये हिंदुओं का मजाक बंद होजाये । दोस्तों इस पोस्ट को इतना share  करों  ताकि देश के कोने कोने के हर एक हिन्दुओ तक यह सन्देश पहुँचे ...धन्यवाद