Friday 16 November 2018

पोर्न देखने वालों को होते है यह बड़े नुकशान


नमस्कार दोस्तों आज की पोस्ट भले ही छोटी क्यों न हो , लेकिन जो इसमें बताई गयी जानकारी आपके लिए बहुत लाभदायक साबित होगी तो दोस्तों देर किस बात की बात करते है आज के  टॉपिक की जिसका नाम है 


पोर्न देखने वालों को होते है यह बड़े नुकशान 

जैसा की दोस्तों मेने फेसबुक  और इंस्टाग्राम पर एक सर्वे किया था फेसबुक ग्रुप में सभी लोगों से उनकी पसंद के बारे में पुछा गया की आप लोग सबसे अधिक गूगल पर क्या सर्च करते है जिसमे से बहुत से लोंगो का कमेंट में जवाब आया की वह पोर्न साइट पर अपना टाइम बिताते है और आप यह भी जानते हैं कि इस दुनिया भर में ऐसे बहुत से लोग है, जो रोजाना पोर्न फिल्म देखने के शौकीन होते हैं। 


भारत सरकार द्वारा वेबसाइट पर प्रतिबंध 

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत में रह रहे हैं और पोर्न देखने के शौकीन हैं तो आफके लिए बुरी खबर है। हाल ही में भारत सरकार ने 800 से ज्यादा ऐसी वेबसाइट को बंद कर दिया है, जो भारत में एक्स फिल्में प्रदर्शित करती हैं।आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बहुत से लोग सरकार के इस फैंसले को सही मान रहे हैं। तो वहीं कुछ लोगों को सरकार द्वारा लिया गया फैसला पसंद नहीं आ रहा है। 


जब लोगों से चर्चा की गयी तो उनका जवाब कुछ इस प्रकार था 

लोगों के अनुसार एक्स फिल्में देखना उनके लिए एक आम दृश्य की ही तरह है, लेकिन फिर भी बहुत से लोगों के मन में यह सवाल जरूर उठता होगा कि एक्स फिल्में देखना शरीर के लिए अच्छा है या बुरा। इस लिए आज हम आपको इस आर्टिकल में इस विषय पर विस्तार से बताने जा रहे हैं।

एक्स फिल्में देखना शरीर के लिए अच्छा है या बुरा


आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पोर्न फिल्में देखने से हमारे शरीर में निम्न लिखित नुकसान होते हैं। 

मस्तिस्क का सिकुड़ना :-एक रिसर्च के अनुसार, जो लोग ज्यादा एक्स फिल्में देखते हैं, उनका दिमाग धीरे-धीरे सिकुड़ने लगता है। अगर किसी व्यक्ति के दिमाग का स्ट्रेटम छोटा है तो उसे गंभीर नुकसान भी हो सकता है।


मन में असंतुष्टि की भावना :-आपमें से बहुत से कम लोग ही जानते होंगे कि ऐसी फिल्मों को जानबूझकर ज्यादा भड़काऊ और आर्कषक बनाया जाता है और जिसकी नक़ल कर पाना आम आदमी के बस की बात नही होती है, जिससे व्यक्ति के मन में असंतुष्टि कि भावना बनने लगती है। 

तनाव का शिकार होना:- जी हाँ दोस्तों अधिक पोर्न वीडियो देखने से आप तनाव के शिकार हो सकते है , आपका दमाग हर वक्त सोचता रहेगा और आप दिमागी रूप से बिमार हो सकते है! 

अकेलापन महसूस होना:-  दोस्तों ऐसे में आपको अकेलापन महसूस होता है और आप हमेशा अकेले में रहना पसंद करने लगते हो जो आपके लिए सही नहीं है! 

याददास्त का कमजोर पड़ना:-  जैसे की आप बहुत अधिक पोर्न देखते है और यह बहुत ही अधिक हो रहा है आपके लिए तो ऐसे में आपकी याददास्त कमजोर पड़ सकती है! 

शारीरिक कमजोरी महसूस होना:- ऐसी वीडियो देखने से आपकी कल्पना करने की छमता कम हो सकती है एवं आपके अंदर शारीरिक क्षमता कम होने लगती है जो आपके लिए बहुत नुकशान दायक है!  दोस्तों यदि आपको कुछ पूछना है तो आप बेझिझक पूछ सकते है , दोस्तों मेरा एक ब्लॉग और आने वाला है जिसमे आपको इस बुरी लत से बहार निकालने के उपाए बताऊँगा....धन्यवाद् 

हिन्दीविचार जो  बदल दे आपकी ज़िंदगी  

Thursday 15 November 2018

ब्रेकअप होने के बाद क्या करे.? What to do after the breakup in hindi?

नमस्कार दोस्तों आज हम एक ऐसे विषय के बारे में जानकारी बताएँगे जो आज की युवा पीड़ी के साथ सभी वर्गों के लिए दुःख दाई बन गयी है जिसका नाम है सम्बन्ध बिगड़ना या ब्रेकअप होना , जो की आज के वर्तमान समय में ब्रेकअप होना और दो दिलों का टूटना आम बात हो गयी है , तो दोस्तों आज के ब्लॉग में आपको कुछ ऐसे उपाए बताने जा रहा हूँ जिनकी मदद से आप अपने ब्रेकअप होने के बाद जो पीड़ा और दर्द होता है या जो तनाव होता है उससे  बहार उभारने के लिए बहुत मददगार साबित होंगे! 

ब्रेकअप होने के बाद क्या करे  

दोस्तों इस बारे में सोचना सामान्य है। लेकिन इस सोच में डूब जाना आपको इस मुश्किल से बाहर नहीं निकलने देगा। अपनी गलतियों और अपने अतीत से सीखना अच्छी बात है। इस सोच से बाहर निकलना मुश्किल है लेकिन पूरे मन से प्रयास कीजिये और अपने दिमाग को दूसरी और लगाइये। लेकिन ध्यान रहे कि आपका पूर्ण उद्देश्य इन  सब से बाहर निकल कर फिर से सामान्य होना ही है।
●  अपने दिल की बात बताये 

दोस्तों से मिलकर अपने दिल के भाव उनसे बांटिये। ये सच है कि दुःख बांटनें से ही काम होता है। शराब के जाम के साथ अपने दिल का गुबार निकाल देना सही इलाज नहीं  है।

●  नकारत्मक भाव से बचिए। 

ये सामान्य है कि रिश्ता ख़त्म होने के बाद भी आपके मन में अपने पूरब साथी के प्रति गुस्सा होगा। उन् सभी चीज़ों को अपनी ज़िन्दगी से बाहर कर दीजिये जो आपको अपने अतीत कि याद दिलाती हैं। शायद इससे आपको मदद मिले।

●  अपने आप पर ध्यान दीजिये। 

अच्छी नींद,अच्छा भोजन और थोडा व्यायाम।. वो करिये जो कारण आप को हमेशा से पसंद था। शाम को टहलने जाइये, या फिर व्यस्त रहयने के लिए घर के काम में अपनी माँ का हाथ बांटिये।
●  कोई नया शौक विकसित करिये 

जैसे कि संगीत या कोई स्पोर्ट्स जैसे कि फुटबॉल इत्यादि। अपने दिमाग और शरीर को व्यस्त रखिये। व्यस्त रहना इस से बाहर निकल पाने का मूलमंत्र है।

●   सकारत्मक सोच रखिये। 

सुनने में मुश्किल है, लेकिन सकारत्मक सोच आपकी मदद करेगी। प्यार फिर से मिलने कि कोई उम्र या समय नहीं होता।

●   डिप्रेशन के संकेतों को ध्यान में रखें। 

और अगर आपको लगे कि आप में वो संकेत हैं तो बाहरी परामर्श लेने से बिलकुल न हिचकें। निचे लिखी हुई सूची से मदद लें:

●   ड्रग्स या नशे कि और रुख बिलकुल न करें। 

इसने दूर रेह्कर ही आप अपनी मदद कर पाएंगे। इसलिए आप नशे की आदत में ना आये और ना ही इसे अपने जीवन में हावी होने दे 

●   मदद के लिए संपर्क करें 
अंत में, यदि ज़रूरत महसूस हो तो निम्नलिखित में से किसी पेशेवर मनोवैज्ञानिक कि मदद लेना एक अच्छा उपाय होगा।मदद के लिए संपर्क करें

Website: http://betweenus.bharatmatrimony.com/?page_id=16

Saturday 10 November 2018

प्यार कभी मरता नहीं...मार दिया जाता है! एक प्यार सी प्रेमकहानी

शाम का समय था कुछ धुधला-धुधला सा दिखाई दे रहा था कुछ लोग मिलकर एक लडकी और एक लडके को बेद़्दी से मार रहे थे |जाति -धर्म के नाम पर लोग एक दूसरे को मार रहे थे | कुछ लोग कह रहे हिन्दू की लडकी से प्यार करोगे तो यही होगा| कुछ लोग कह रहे थे हम राजपूत है और अपनी बेटी को मुस्लमान से शादी नही करने देगे "लाशे बिछा देगे लाशे"| चारो ओर खून से लथपथ लाशे पडी थी|यह सब देखकर रश्मि चीखते हुए जाग जाती है उसके मुँह से सिर्फ यही निकलता है"अली" और वहाँ ए सी होते हुए भी वो पसीने से भीग जाती है| उसकी माँ दौडती हुई आती है और पूछती है बेटी क्या हुआ रश्मि कहती है माँ आज मैने दोबारा वही सपना देखा जो बचपन से देखती आ रही हूँ| साधना जो रश्मि की माँ है वो कहती है कि बेटा ये तो सपना है और सपने कभी सच नही होते| रश्मि जल्दी उठकर नहा ले तब तक मै टेबल पर नाश्ता लगाती हूँ सुबह के 9 बज गए है तुझे रिकाडिग के लिए नही जाना| रश्मि बाथरूम की ओर जाती है और साधना किचन की ओर जाती है मगर रश्मि के दिमाग से वो सपना नही जा रहा था वो जल्दी से नहाकर टेबल पर आ जाती है| जल्दी-जल्दी नाश्ता करके वो अपनी कार से अपने आफिस के लिए निकलती है| रश्मि एक बहुत बडी सिंगर थी ऐसा कोइ नही था जो उसे न जानता हो दिल्ली की हर गली मे उसके फैन थे सबकी जुबान पर रश्मि के गाने थे| रश्मि 22 साल की नौजवान खूबसूरत लडकी थी उसे 2 साल पहले ही गाने का चाँस मिला और उसके बाद उसने कभी पीछे मुडकर नही देखा| अब वो बालीवुड की बेस्ट सिंगर है| उसे पार्टियो में जाना ज्यादा पंसद नही था फिर भी वो अपने फैन्स के लिए कुछ खास पार्टियो मे जाती थी|

रश्मि अपने अॉफिस जाती है जहाँ रश्मि का सेक्रटरी गनपत उसका इंतजार कर रहा था| रश्मि गनपत से पूछती ह़ै कि आज का क्या स्डूयल है| गनपत कहता है कि कुछ गानो की रिकाडिग करनी है और शाम को मल्होत्रा जी के यहाँ जाना है| मल्होत्रा की वजह से ही रश्मि को गाने का चाँस मिला था| फिर से पार्टी, रश्मि कहती है मै पार्टियो मे बोर हो जाती हूँ| गनपत कहता है आप वहाँ चलिए बाकी सब मै सम्भाल लूँगा आप सिर्फ वहाँ जाकर बैठ जाना लोगो को हैंडल करना मुझे आता है| रश्मि कहती है ठीक है पहले रिकार्डिंग कर ले फिर सोचगे क्या करना है| रिकार्डिंग के बाद रश्मि घर जाने से पहले गनपत से कहती है मै घर जा रही हूँ शाम 6 बजे मेरे घर आ जाना वही से पार्टी मे चलेगे| रश्मि और गनपत अपने घर चले जाते है|मगर रश्मि के दिमाग मे दोबारा वही सपना घूमने लगता है| रश्मि अपनी माँ साधना से कहती है माँ इन सब सपनो और अली से मेरा कोइ रिश्ता है तभी बार-बार ये सपने मुझे दिखाई देते है| साधना कहती है ये सिर्फ सपने है और इनका बार-बार आना महज एक इत्तफाक है| मगर साधना मन ही मन इन सपनो को लेकर परेशान थी| वो कहती है बेटा पहले कुछ खालो फिर जो सोचना है सोचती रहना| रश्मि लंच करते हुए कहती है माँ आज रात मल्होत्रा अंकल के घर पार्टी मे जाना है तो मेरे लिए कुछ मत बनाना| लंच के बाद रश्मि बैडरूम मे जाकर लेट जाती है और सो जाती है| जब रश्मि की आँख खुलती है तो शाम के 5 बज चुके थे वो उठकर बाथरूम मे चली जाती है और नहाकर पार्टी के लिए तैयार होने लगती है| हल्का सा मेकअप करके तैयार होकर बाहर आती है| तबतक गनपत आ चुका था और वो हॉल मे बैठा चाय पी रहा था| रश्मि के आते ही गनपत उठता है और कहता है मैडम चले| रश्मि कहती है पहले चाय तो खत्म कर लो फिर आराम से चलेगे मुझे वहाँ जाने की कोई जल्दी नही है| वो कार से धीरे-धीरे मल्होत्रा के फार्म हाऊस की ओर चलते है| थोडी देर मे उनकी कार वहाँ पहुँचती है| पार्टी शुरू हो चुकी थी| मल्होत्रा ने ये पार्टी अपने बेटे करन के लंदन से वापस आने की खुशी मे दी जोकि वहाँ एक बडी बिजनस डील पूरी करके लौटा था| रश्मि पार्टी मे पहुँचती है वहाँ गनपत भी उनके साथ था| पार्टी मे ज्यादा भीड नही थी| पार्टी मे सिर्फ मल्होत्रा के कुछ खास बिजनेस पाटनर और उनक़ा बेटा था| पार्टी मे मल्होेत्रा रश्मि को सबसे मिलवाता है और अंत मे अपने बेटे मिलवाता है वो कहता है"ही इज माइ सन" और करन ये रश्मि इसे तो जानते ही होगे| करन सोचता है "(अपने प्यार को कौन नही पहचानेगा)"| करन अपना हाथ आगे बढाता है और जैसे ही रश्मि का हाथ करन के हाथ से मिलता है रश्मि को झटका सा लगता है| रश्मि को कुछ याद आने लगता है



रश्मि एक राजकुमारी की वेशभूषा मे है और वो अपने रथ पर सैनिको के साथ मंदिर से लौट रही थी कि लुटरो ने रथ को घेर लिया| लुटेरो का सरदार जोर से हँसता हुआ बोला आज तो माल के साथ राजकुमारी भी मिल गई| आज मै राजकुमारी का भोग लगउगा|लुटेरो ने सब सैनिको को मार डाला और राजकुमारी को बंदी बना लिया| अंजलि(राजकुमारी) कहती है मै भी एक राजपूत की बेटी हूँ मै यूहि हार नही मान लूँगी वो लुटेरो से लडने लगती है किंतु ज्यादा समय तक उनका समाना नही कर पाती और जंगल की ओर भागने लगती है| एक लुटेरा कहता है सरदार वो भाग रही है| सरदार कहता भागने दो इस जंगल से भागकर कहाँ जाएगी और सब लुटरे अपने घोडो पर सवार होकर अंजलि के पीछे दौडने लगते है अंत मे एक पहाडी खाई के पास लुटेरे अंजलि को दोबारा घेर लेते है| अंजलि खाई मे कूदने ही वाली थी तभी एक नौजवान उसका हाथ पकडकर अपनी ओर खीच. लेता है और अंजलि को खाई मे कूदने से बचा लेता है|तभी लुटेरे उस नौजवान पर हमला कर देते है वो नौजवान भी उन पर टूट पडता है| कुछ समय तक लुटरो से लडने के बाद लुटेरे नौजवान पर भारी पडने लगते है उस नौजवान का शरीर जश्मी हो गया था एक लुटेरा उस नौजवान के सीने मे भाला मारने वाला ही था कि तभी एक तीर उसके सीने को चीर चुका था| वह तीर राजा के सैनिक ने चलाया था| क्योकि अब राजकुमारी के पिता अपनी सेना के साथ वहाँ पहुँच चुके थे और लुटेरो को सैनिक बंदी बना लेते है वही कुछ लुटेरे भागने मे कामयाब हो जाते है किंतु लुटेरो का सरदार पकडा जाता है| राजा विक्रम सिंह आदेश देते है कि इन सब लुटेरो को बंदीगृह मे डाल दिया जाए और जल्द ही इनको फाँसी के फन्दे पर लटका दिया जाए| राजा विक्रम पुछते है नौजवान तुम कौन हो और कहाँ रहते हो| नौजवान कहता है कि महाराज मेरा नाम अली है और मै पास ही के मुस्लिम गाँव मे रहता हूँ| राजा विक्रम कहते है अली तुमने आज राजमहल की इज्जत बचाई है बोलो तुम्हे क्या चाहिए| अली कहता है महाराज ये तो मेरा कर्तव्य था अब मै चलता हूँ| महाराज कहते की तुम्हे बहुत चोट लगी है तुम महल चलो मै तुम्हारा इलाज शाही वैध से करवाऊगा| वे एक सैनिक को आदेश देते है तुम अली के घर जाओ और उसके घर वालो को अली के महल मे होने की सूचना दो यदि उन्हे कोइ परेशानी हो तो उसका निवारण करो| यह कहकर राजा अंजलि और अली को लेकर महल की ओर प्रस्थान करते है| महल पहुँचकर अली का इलाज शुरू हो जाता है| परन्तु इन सब घटनाओ के बीच अंजलि और अली एक दूसरे से प्यार करने लगते है| वे महल के कभी किसी कोने तो कभी अंजलि के शयनकक्ष मिलते और प्यार भरी बाते करते ये सब यूहि चलता रहा| कुछ दिनो बाद अली पूर्णतया स्वस्थ हो गया परन्तु उन दोनो का मिलना-जुलना बंद नही हुआ वे मंदिर के पीछे मिलने आते थे| एक दिन एक लुटेरे ने ये सब देख लिया उसने तुरन्त इसकी सूचना राजदरबार मे पहुँचा दी जब इस बात की सूचना राजा को मिली तो राजा ने अपने मंत्री को बुलाया और जल्द से जल्द अंजलि के लिए लडका खोजने के लिए कहा| मंत्री ने कहा जैसा महाराज ने कहा वैसा ही होगा| मंत्रीे जल्दी ही पास के राज्य के राजकुमार का रिश्ता ले आए और महाराज के हुक्म से ये रिश्ता पक्का हो गया| कुछ दिन बाद शादी का मुहुर्त निकला| ये रिश्ता अंजलि को मंजूर न था इसलिए उसने अपनी दासी से यह संदेश अली को भेजा कि "अली मै शादी करूगी तो तुमसे करूगी वरना मै जहर खाकर जान दे दूँगी"| अली उस दासी से कहता है तुम कल शाम को अंजलि के साथ मंदिर आ जाना हम वही शादी कर लेगे| तुम सिर्फ उसे ले आना बाकी तैयारी मै खुद कर लूगा|एक लुटेरे ने उन दोनो की बात सुन ली और यह खबर राजमहल और अली के गाँव मे पहुँचा दी|शाम के समय अली मंदिर मे शादी की तैयारी करके अंजलि का इंतजार कर रहा था| कुछ देर मे अंजलि मंदिर पहुँचती हैऔर शादी के मंत्रोच्चारण शुरू होते है मगर उसी समय एक ओर से राजा के सैनिक और दूसरी ओर से गाँव के मुस्लमान मंदिर पहुँच जाते है|हिन्दूओ का कहना था कि मुस्लमानो ने हमारी बेटी को बहला फुसलाकर शादी के लिए राजी कर लिया है मुस्लमानो का कहना था कि हिन्दूओ ने हमारे बेटे को फँसा लिया है| उन दोनो का कहना था कि हम ये धर्म विरोधी शादी नही होने देगे|
इस तरह हिन्दू मुस्लमान की लडाई शुरू हो जाती है लोग एक दूसरे को मारने लगते है| अली और अंजलि की शादी होते देख कुछ लोग उनकी तरफ बढते है और उन दोनो को डण्डो से पीटने लगते है|अली अंजलि और स्वयं को बचाने की कोशिश करने लगता है उसी कोशिश मे वो खडा हो जाता उसी समय एक आदमी ने भाला फेककर अली को मारा जोकि अली के पेट मे घुस गया और उसके हाथ का मंगलसूत्र उडते हुए एक पेड पर जा टँगा| उन लोगो ने अंजलि और अली को पीट-पीटकर मार डाला | वो मंगलसूत्र उसी पेड पर टँगा था| रश्मि को सबसे ज्यादा हैरानी इस बात से थी कि अंजलि का चेहरा रश्मि से और अली का चेहरा करन से हूबहु मिलता है| रश्मि को सब बाते समझ आ चुकी थी| अब रश्मि को अपने सपनो का सच पता चल चुका था|उसी समय करन रश्मि को हिलाते हुए कहता है रश्मि मेरा हाथ छोडने का मन नही है क्या?रश्मि असहज महसूस करते हुए कहती है ऐसी कोई बात नही है और जाकर गनपत के साथ चेयर पर बैठ गई|कुछ देर बाद रश्मि अपने घर चली गई और गनपत अपने घर चला गया| रश्मि ये तो जानती थी कि करन उससे प्यार करता है मगर उससे प्यार का इजहार कैसे करे यही सोच रही थी|



Monday 3 September 2018

दोस्ती है या प्यार ....एक छोटी से प्रेमकहानी

 दोस्ती है या प्यार ....एक छोटी से प्रेमकहानी

बात उस समय की है जब मैं भोपाल  से MBA कर रहा था ,मैं अपने class की एक लड़की से प्यार करता था और उस से शादी कर के एक अच्छा जीवन जीना चाहता था | मगर मुझे पता नहीं था की आने वाला समय मेरे जीवन मैं ऐसा मोड़ लेकर आएगा ,उस लड़की का नाम आरती (काल्पनिक नाम ) था ,वो पढने मैं बहुत अच्छी थी और दिखने मैं सरल और सादगी से भरी हुई | लड़कियों से बात करने मैं झिजक तो हमेशा से रही है ,इतनी हिम्मत नहीं थी की उसके पास सीधे जा कर अपने दिल की बात कह सकूँ | चमक धमक से आकिर्षित होने वाली लड़की वो थी नहीं ,तो सोचा चलो पढाई मैं अच्छे नंबर ला कर ली कुछ काम हो पाएगा ,दिन रात मेहनत की और इस बार class मैं मैंने आरती को पछाड़ कर फर्स्ट रैंक हासिल की |

मुझे लगने लगा था की अब शायद इस लड़की को पाना कठिन नहीं है ,मगर उस रात दोस्तों से साथ कुछ ऐसी महफ़िल सजी की शराब के नशे मैं कॉलेज फेस्ट मैं जाना पड़ा ,कदमों मैं लडखडाहट थी | उसको भी मुझे ऐसी हालत मैं ही देखना था ,अब भाई लड़के हैं दोस्तों मैं कभी कभी शराब हो जाती है |



शायद वो लड़की कुछ जायदा ही सीधी थी ,इतनी सीधी की कॉलेज मैं पढने के बावजूद मोबाइल फ़ोन तक नहीं रखती थी | उसको ये पता चल चुका था की मैं उससे प्यार करता हूँ ,उसकी नज़रें जब भी मेरी नज़रों से मिलती थीं तो नजाकत से झुक जाती थी | मेरे सारे दोस्तों को भी लगता था की हम दोनों एक दुसरे के लिए ही बने हैं |

बात होली की है , सबको रंग लगाने के बाद वो मेरे पास आई ,मेरे चेहरे पर रंग लगाया और कहा हैप्पी होली साहिल | उसके हाथों का संपर्क जैसे ही मेरे चेहरे से हुआ मुझको ऐसा लगा जैसे समय वहीँ रुक गया हो ,जैसे अब कुछ नहीं चाहिए जिंदिगी से ,इस पल मैं अपनी पूरी जिंदिगी को समेट कर रख लेना चाहता था ,वक्त से इस पल को चुरा के अपने पास रख लेना चाहता था | 
सब कुछ अच्छा चल रहा था मगर फिर मेरी लव स्टोरी की मैं विलन की एंट्री होती है | ये कोई और नहीं आरती की सहेली सोनम (काल्पनिक नाम ) थी | मुझ मैं इतनी हिम्मत नहीं थी की आरती से सीधे जा कर अपने दिल की बात कह सकूँ तो सोचा आरती की बेस्ट फ्रेंड को माध्यम बनता हूँ |
मैंने सोनम से बात करना शुरू की और उसको बताया की मैं आरती से प्यार करता हूँ, उसका जबाव था की आरती तुमसे प्यार नहीं करती और उसके घरवाले कभी शादी की इज़ाज़त नहीं देंगे | मेरा दिल टूट गया मगर मैंने सोनम से बात करना ज़ारी रक्खा ये सोच के की शायद आगे आरती का मन बदल जाए ,मगर हुआ इसके विपरीत |


सोनम ने मुझसे फ़्लर्ट करना शुरू कर दिया | मैंने सोचा आरती की सहेली है ,साली हुई अपनी चलो थोडा बहुत फ़्लर्ट तो चलता है भाई | मैंने भी फ़्लर्ट ज़ारी रक्खा ,मगर मुझको नहीं पता था की सोनम किस तरह से मेरे पीछे पड़ जाएगी ,वो मेरी ही caste की थी तो उसके घर वाले भी चाहते थे की उसकी शादी मुझसे हो जाए | मैं उसके साथ अच्छा व्यवहार इसलिए करता क्योँकी वो आरती की पक्की सहेली थी मगर वो मेरे अच्छे व्यवहार को प्यार समझने लगी |
अब भाई कोई लड़की इतना प्यार करेगी तो कौन लड़का होगा जो मना कर पाएगा भाई हमने भी हाँ कह दिया , मगर बाद मैं मुझको पता चला की आरती मुझसे प्यार करती थी ,और सोनम ने मुझसे झूठ बोला था क्यूंकि वो मुझे हर हाल मैं पाना चाहती थी 
मैंने सोनम को मिलने के लिए बुलाया , मैं उसके घर के पास के चाय की ठेले पर उसका इंतज़ार कर रहा था | वो बाहर आई ,गज़ब सी खूबसूरती थी उसमें ,आँखों मैं एक कशिश थी ,जब वो मुस्कुराती थी तो ऐसा लगता था जैसे एक साथ हजारो फूल खिल गए हों | आज उसने पर्पल कलर का टॉप पहना हुआ था |

‘ साहिल , क्योँ बुलाया है तुमने मुझे ? क्या प्लान है आज का ? ‘ उसने पूछा 
‘ आज मौसम बहुत अच्छा है तो सोचा की कहीं घूम के आते हैं ‘ , मैंने कहा
‘ तुम कोई दिन फंसवोगे मुझे , आज भैया और पापा दोनों घर पर ही हैं ’ , उसने हँसते हुए कहा 

वो मेरी मोटरसाइकिल के पीछे बैठ गयी , उसका दाहिना हाथ मेरी कमर पर था और बांया हाथ मेरे कंधे पर | हम हाईवे पर आ चुके थे | आज बहुत दूर जाने का मन था , किसी ऐसे जगह जहाँ सिर्फ हम दोनों हों |

ऐसा लग रहा था जैसे मौसम भी हमारा साथ दे रहा हो ,आसमान मैं हलके हलके बादल घिरे हुए थे और साथ मैं बसंत का महिना , हर तरह हरियाली छाई हुई थी |
सोनम ने मुझे कस के पकड़ लिया , शहर से १० km बाहर आने पर मैंने एक खुबसूरत सी जगह पर अपनी मोटरसाइकिल रोकी | एक सुंदर सी झील थी वहां जहाँ कभी मैं अपने दोस्तों के साथ घुमने आया करता था , मगर आज वहां सिर्फ हम दोनों थे |
हम दोनों झील के पास बैठ गए , उसने अपने बायें हाथ से मेरे दाहिने हाथ को कुछ ऐसे पकड़ा की मेरी उंगलियों के बीच के खाली जगह को उसकी उंगलियों ने भर दिया | हलकी हलकी हवा चल रही थी और उसके रेशमी बाल उड़ कर मेरे चेहरे पर आ रहे थे | उसके बालों की खुशबू मुझे मदहोश कर रही थी , ऐसा लग रहा था की जैसे शायद यही वो पल था जिसका इंतज़ार मैं कब से कर रहा था | 

‘ साहिल मुझको तुम्हे कुछ बताना है ’ , उसने सन्नाटे को तोड़ते हुए कहा
‘ क्या सोनम , क्या कहना चाहती हो ? ’ , मैंने पूछा
‘ आरती भी तुमसे उतना ही प्यार करती थी जितना की तुम उससे करते थे ’ , सोनम ने कहा 

ये वो पल था जिसने एकदम से पुरे माहोल को बदल कर रख दिया |
‘ सोनम तुमने ऐसा क्योँ किया ? ’ ,मैंने पूछा
‘ क्यूंकि मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूँ , और मैं जानती हूँ मुझसे जायदा प्यार तुमसे कोई भी नहीं कर सकता ’ , सोनम ने जबाव दिया
‘ ऐसा तुम सोचती हो सोनम , और तुम गलत भी हो सकती हो ’ , मैंने गुस्से मैं कहा 

‘ तुम सिर्फ मेरे हो साहिल और मैंने तुम्हे पाने के लिए झूठ बोला , मगर अगर किसी अच्छे उद्देश के लिए झूठ भी बोला जाए तो वो सच से बढ़ कर होता है , मैं तुम्हे बहुत प्यार करना चाहती हूँ साहिल ’ , ऐसा कह कर उसने मुझे कस के गले लगा लिया |
उसके हाथ मेरे कंधो को जकड़े हुए थे , मैंने उससे अलग होते हुए कहा ‘ सोनम ये सब गलत है , ऐसा तुम सोचती हो, तुमने एक बार भी ये नहीं सोचा की मैं आरती से कितना प्यार करता था ’

‘ मुझे कोई फरक नहीं पड़ता की तुम किस्से प्यार करते हो , मैं जानती हूँ की वो लड़की तुम्हे उतना प्यार कभी नहीं कर पाएगी जितना मैं कर सकती हूँ . जान भी दे सकती हूँ मैं तुम्हारे लिए ’ , सोनम ने कहा
हम दोनों घर की तरफ चल दिए , मगर इस बार फरक इतना था की वही सुहाना मौसम अब सुहाना नहीं लग रहा था , और शायद मौसम को भी मेरे दिल की बात कैसे पता चल गयी | बादलों के गरजने के साथ हलकी बारिश शुरू हो गयी | सोनम ने बारिश से बचने के लिए मुझे पीछे से कस के पकड़ लिया , मगर अब मुझे ये बिलकुल भी अच्छा नहीं लग रहा था |


मैं तो अपने ही विचारो मैं खोया हुआ था , ‘ सोनम ने जो मेरे साथ किया वो सही है ? क्या वो सच मैं मुझसे बहुत प्यार करती है ? या उसको सिर्फ मेरी ज़रूरत है अपने अकेलेपन से बचने के लिए ? क्या झूठ बोल कर प्यार हासिल करके सोनम ने सही किया ? ‘ बहुत सारे सवाल थे मेरे दिल मैं जिनके जबाव मुझको नहीं पता थे |
हाँ एक बात तो पक्की थी और वो ये झूठ बोल कर प्यार हासिल कर के सोनम ने मुझे पा तो लिया मगर साथ ही उसे कुछ और भी मिला और वो था मुझे खोने का ‘ डर ‘|

मैं उसको उसके घर छोड़कर अपने घर पहुंचा , बारिश से कपडे भीग गए थे और तबियत भी ख़राब लग रही थी , बिस्तर पर लेटते ही कब नींद आ गयी पता नहीं चला , मगर जब आँख खुली तो पता चला की फ़ोन बज रहा था | ये सोनम का फ़ोन था , मैंने फ़ोन उठाया |


‘ साहिल , पता है मैं कितना परेशान हो गयी थी तुम्हारे लिए , कितनी बार फ़ोन किया मैंने , क्या कर रहे थे तुम ? ’ , सोनम ने कहा 

‘ सोनम मेरी तबियात ख़राब थी , इसलिए मैं सो गया था ’ , मैंने जबाव दिया 

‘ तुम सच बोल रहे हो ना ? , कहीं अपने दोस्तों के साथ बाहर घूम तो नहीं रहे और मुझसे पीछा छुड़ाने के लिए बहाना बना रहे हो ? ’ , सोनम ने कहा 

‘ तुम मुझसे प्यार करते हो न साहिल ? ’ ,सोनम ने कहा 

‘ हाँ मैं तुमसे प्यार करता हूँ सोनम ’ , मैंने जबाव दिया 

‘अच्छा सुनो आज मेरे cousin की इंगेजमेंट है और तुमने कहा था की तुम साथ चलोगे , तो जल्दी से तैयार हो जाओ ’ , सोनम से कहा 

‘ सोनम मैं नहीं चल सकता , मेरी तबियत ठीक नहीं है ’ , मैंने जबाव दिया 

‘ तबियत ठीक नहीं है ये मेरे साथ नहीं जाना चाहते हो ? साफ़ साफ़ कहो न की मेरे साथ चलने मैं शर्म लगती है तुमको ? ’ , सोनम ने गुस्से मैं कहा और फ़ोन काट दिया 



फ़ोन रखते ही मैं गहन विचारो मैं डूब गया , ‘ये लड़की हीन भावना की शिकार है | हर परिस्तिथि को ये अपने हीन भावना के चश्मे से देखती है , इसको हमेशा ये लगता है की लोग इसको पसंद नहीं करते हैं , शायद इसका रंग कम होना एक कारण हो सकता है , मगर मुझे तो सांवली लडकियां हमेशा से अच्छी लगती हैं , एक अजीब सी कशिश होती है उनमें | ‘कुछ समझ मैं नहीं आ रहा था , तभी मुझे अपने परम मित्र यश दीक्षित की याद आई , जिन्होंने अभी अभी मनोविज्ञान से अपनी पढाई पूरी की है , मैंने उन्हें फ़ोन लगाया और अपनी सारी समस्या बताई |


‘ इतनी गंभीर समस्या मैं कैसे फंस गए तुम ’ ,यश ने मेरा मजाक बनाते हुए कहा

‘ भाई तुम्हे तो मजाक लग रहा है और यहाँ मुझे समझ मैं नहीं आ रहा है की मैं इस लड़की से पीछा कैसे छुडाऊं ’ ,मैंने जबाव दिया 

‘ अच्छा उसके बचपन के बारे मैं बताओ ,कितने भाई बहन है और उसका बचपन कैसा बीता ? ’ ,यश ने पूछा 

‘ तीन भाई बहन हैं वो ,एक भाई और दो बहन ,सबसे बड़ी है सोनम ,जब वो छोटी थी तब उसके घर की आर्थिक स्तिथि ठीक नहीं थी , तब भी पिता ने सब बच्चो को सबसे अच्छे स्कूल मैं पढाया ,उसने मुझे बताया था की जब वो class १२ मैं आ गयी तब जाकर उसके घर मैं टीवी आया ‘ ,मैंने कहा 

‘ और बताओ मुझे क्या जानते हो उसके बारे मैं ? उसकी छोटी बहन उससे कितने छोटी है ? ’ ,यश ने बहुत ही गंभीरता से पूछा 

‘ उसके छोटी बहन उससे दो साल छोटी है , उसका बचपन कुछ जायदा अच्छा नहीं बीता ‘ ,मैंने जबाव दिया 

‘ अब समझ मैं आई सारी कहानी साहिल भाई ’ ,यश ने हँसते हुए कहा 

‘ सोनम जब छोटी थी ,तब सब उससे प्यार करते थे और फिर जब वो २ साल की हुई तो सब लोग उसकी बहन से प्यार करने लग गए ,क्यूंकि उसके घर की आर्थिक स्तिथि इतनी अच्छी नहीं थी इसलिए कोई भी नयी चीज़ जब उसके घर आती तो वो उसकी बहन को मिलती सोनम की जगह ,उसके Sub Conscious मस्तिष्क मैं एक बात बैठ गयी की मेरी बहन ने मुझसे मेरा प्यार छीना है और इसी बात का बदला वो आज ले रही है | ‘ , यश ने कहा 

‘ मतलब ? ’ , मैंने आश्चर्जनक मुद्रा मैं पूछा 

‘ मतलब आरती मैं उसको अपनी बहन दिखाई देती है , उसने बदला लेने के लिए आरती से उसका प्यार छीन लिया ’ ,यश ने जबाव दिया 

‘ और रही बात हीन भावना की तो उसके माँ बाप अपने बच्चो मैं तुलना बहुत करते होंगे , और जैसा की तुमने बताया है की वो शहर के सबसे अच्छे स्कूल मैं पढ़ी , वहां वो और बच्चो को देखती होगी , अच्छे और महंगे कपडे पहनना , अच्छे से रहना , वो ये सब नहीं कर सकती थी इस बात से उसके मन मैं हीन भावना ने जन्म ले लिया ’ ,यश ने जबाव दिया 
‘ मतलब की लोगो से आगे निकलने की दौड़ मैं उसके माता पिता ने अपने बच्चो के साथ सच मैं गलत किया , भारत मैं ८० % राष्ट्रपति बहुत ही सामान्य दर्जे के हिंदी मध्यम स्कूल से पढ़ कर बढे हुए हैं ’ ,मैंने कहा 

‘ यही कारण है वो सबको ये बताने मैं लगी रहती है की वो कितनी अच्छी है , उसको लोगो की बुराई भलाई करने मैं अच्छा लगता है , वो सबको नीचा दिखने मैं लगी रहती है | इन सारी बातों का सिर्फ एक जबाव है , उसकी बहुत तुलना की गयी है बचपन मैं ’ , यश ने जबाव दिया 

‘ ये सब तो सही है यश भाई , मगर मुझे समझ मैं नहीं आ रहा की मैं इस लड़की से पीछा कैसे छुडाऊं ? ’ , मैंने कहा 

‘ भाई कल तू मेरे घर आ मैं तेरी समस्या का समाधान बताता हूँ ’ , 
यश ने हँसते हुए मुझसे कहा
अगले दिन सुबह उठ कर मैं यश दीक्षित के घर पहुंचा , वो अपने बगीचे मैं मेरा इंतज़ार कर रहे थे , टेबल पर चाय की केतली के साथ दो प्याले रक्खे हुए थे |

‘ आओ साहिल भाई , मैं तुम्हारा ही इंतज़ार कर रहा था ’ , यश ने मुस्कराते हुए कहा 
‘ भाई मैं बहुत परेशान हूँ आज कल , समझ मैं नहीं आ रहा है की क्या करूँ ’ , मैंने जबाव दिया 

‘ चीनी एक चम्मच या दो ? ’ , यश ने मुझसे पूछा
‘ एक ! ’ , मैंने कहा 

यश ने एक चम्मच चीनी मेरे प्याले मैं डाली और प्याले को मेरी तरफ आगे बढ़ाते हुए कहा

‘ भाई मेरे पास ऐसे कई केस आते रहते हैं ,और हम लोग थेरेपी दे कर धीरे धीरे पेशेंट को हीन भावना और मानसिक रोग से बहार निकाल लेते हैं , तुम उस लड़की को अगर ऐसे ही छोड़ दोगे तो वह और हीन भावना मैं चली जाएगी , उसको ऐसा लगेगा की उसमें सच मैं कोई कमी है तभी तुमसे उसको छोड़ दिया ‘ 

‘ फिर मैं क्या करूँ ? ’ , मैंने पूछा

‘ मुझे तुम्हारी समस्या का एक समाधान नज़र आ रहा है , तुम उसकी मुझसे दोस्ती करवाओ मैं उसको बिना बताये उसकी हीन भावना का इलाज़ करता रहूँगा , मैंने ऐसे कई पेशेंट का इलाज़ किया है ’ , यश ने कहा 

‘ मगर वो तुमसे दोस्ती क्योँ करेगी और वो तुमसे अपनी सारी बातें क्योँ शेयर करेगी ? ’ , मैंने कहा 

‘ तुम उसकी दोस्ती मुझसे करवाओ मगर उसको ये मत बताना की मैं मनोरोग का डॉक्टर हूँ ,मेरी कोई बहन नहीं है मैं उसको अपनी बहन बना लूँगा ,ऐसा होने से वो अपनी सारी बातें मुझसे बहुत आराम से शेयर कर लेगी ,’ यश ने कहा 

मैंने ऐसा ही किया सोनम की दोस्ती यश दीक्षित से करा दी और यश ने उसे अपनी बहन बना लिया , धीमे धीमे यश ने सोनम को बिना बताये थेरेपी देना शुरू की और सोनम हीन भावना से बहार आने लग गयी , उसे अपनी गलती का एहसास होने लग गया |

सोनम ने मुझसे और आरती दोनों से माफ़ी मांगी , आज सोनम पूरी तरह से हीन भावना से बहार आ चुकी है और एक अच्छी जिंदिगी जी रही है |

मेरी सोनम से अब बात नहीं होती है मगर यश की आज भी सोनम से दोस्ती



Tuesday 29 May 2018

बीबी/गर्लफ्रेंड का गुस्सा कम करने के पांच रामवाण उपाय, bibi /girlfriend ka gussa km karne ke upaay












अरे, यार.... यह बीबी का गुस्सा भी न ,सभी शादीसुदा लोगों  की सबसे बड़ी प्रॉब्लम  बन गयी है! हर शादीसुदा इंसान को जिसे हर समय  झेलना पड़ता है! कभी  - अनचाहे तो कभी जाने -अनजाने
जब पत्नी गुस्से में हो तो पति की शामत आ जाती है मतलब उस समय बो बेचारा हो जाता है! 



गुस्से को शांत करना बहुत मुश्किल काम नहीं है , लेकिन पुरुष  ही क्या जो मुश्किलों का सामना न कर पाए बैसे बीबी को मनाना बहुत ही मुश्किल काम है लेकिन नामुमकिन नहीं है , तो आईये जानते  है

किस प्रकार अपनी पत्नी  के गुस्से  पर काबू में किया  जा  सकता है 






बैधानिक चेतावनी :- नुक्सो को सोच समझ कर इस्तेमाल करे ,इसके साइड इफेक्ट भी हो  सकते है इसके  आप स्वयं  जिम्मेदार होंगे! 





पहला तरीका  ;-
सबसे पहला उपाय यह की आप अपनी बीवी का गुस्सा कम या शांत करने के लिए ... आपकी गलती नहीं भी हो ,  तो भी ये मान लो कि 'हां, मुझसे गलती हो गई'।
अब आप 'सुरक्षित' महसूस कर रहे हैं। वैसे भी हमेशा शादीशुदा पुरुष  की ही गलती होती है! 





दूसरा तरीका :-
जब भी आपकी पत्नी गुस्से से आपको देखे, उन्हें प्यार से जवाब दे 
और जिस नाम से बुलाते हैं उस नाम से प्यार से बुलाएं- जैसे कोई प्यारा सा नाम के साथ थोड़ी तारीफ़ भी करे 'अरे मेरी स्वीटहार्ट, तुम हंसती हुई दीपिका पादुकोण लगती हों', चाहे आप उसकी हंसी देखकर या सुनकर 'घबरा' जाते हों। 

तीसरा तरीका :-
अगर खाना बेस्वाद बना हो तब भी आप अपनी पत्नी की जमकर तारीफों के पुल बांध दें। 
बस यही नहीं, खाने के बाद डाइनिंग टेबल और किचन भी साफ कर दिया, मतलब थोड़ी साफ सफाई या पत्नी की मदद करना चाहिए तो ऐसा लगेगा जैसे कोई युद्ध छिड़ा ही नहीं था।

चौथा तरीका :-




कभी भी पत्नी के खाने के बारे में गलत बात न करे मतलब ये न बोलें कि मुझे ये नहीं खाना है! कजाते समय जो भी बने उसकी प्रशसा या जम कर तारीप जरूर  करते हुए खाए हां, अगर 4-5 दिन भूख हड़ताल पर बैठने की हिम्मत है
तो कर लो अपने मन की,
फिर तो भगवान भी आपकी मदद नहीं कर सकता।







मुझे तुम्हारी ये बात नहीं अच्छी लगती' ऐसा बोलना मतलब अपने कपड़ों में खुद आग लगाने से भी ज्यादा खतरनाक है। हमेशा यही बोलें कि तुम हमेशा सही हों।





जैसे सूरज सिर्फ पूरब से ही निकल सकता है, वैसे तुम हमेशा सही हो सकती हो।वो बाहर चली गयी हो और मैकअप अच्छा न हो तब तो भाई आपके ही हाथ में है उनका गुस्सा, चाहे वे कैसी भी लग रही हों। 







उन्हें यही बोलें कि वे एकदम परी जैसी लग रही हैं। अगर आपने ये बोल दिया कि मैकअप खराब है या कपड़े, तो फिर सोच लो उस दिन की बजाए 'अगले दिन' आप पार्टी में गयी 

पांचवा  तरिका 




अपनी बीवी को इम्प्रेस करने के लिए उसके साथ टिपटॉप बनकर घूमने जाएं, उनके लिए धन के देवता बन जाएं, मतलब शॉपिंग, घुमाना-फिराना, फिल्म दिखाना,बच्चों के स्कूल के सारे काम करना, मायके लेकर जाना। 

यह तो कभी भूल कर भी न करे 

दोस्तों बस इतना कर लिया मतलब आप  'गंगा स्नान' करके आ गए।उनके साथ होते हुए फोन पर व्हाट्सअप और फेसबुक पर 
अपना एंटरटेनमेंट करने की बजाए सिर्फ उसे वक्त दें, 
नहीं तो आपका एंटरटेनमेंट हो सकता है। 



वैसे टाइम पर फोन का बिल भरना न भूलें, 
ये आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है।मॉल में शॉपिंग करते समय या पार्टी में दूसरी लड़कियों की तारीफ भूलकर भी न करें।



पत्नी के सामने दूसरी औरत की तारीफ करना मतलब बिना प्रशिक्षण आपने उस खतरनाक खेल में हिस्सा ले लिया है,
जिसका नाम तो सुना ही होगा 'मौत का कुआं'। 




इससे अच्छा है कि उनकी तारीफ में एक गाना ही गा दें-
'तारीफ करूं क्या उसकी, जिसने तुझे बनाया...।'

दोस्तों आपको यह पोस्ट किसी लगी हमें जरूर कम्मेंट कर के जरूर बताये , धन्यवाद 

Thursday 10 May 2018

यूं ही वक्त कट जाता पता ही नहीं चलता!






वो स्याम का समय , चारों दिशाओं में प्यार का अहसास दिलाती वो हवाएं और एक प्यारा सा गार्डन जहाँ कभी कभी ऐसे ही बैठे रहना अच्छा लगता है , साथ में बैठे रहना और  कुछ मै कहुं , कुछ तुम कहो अपनी बाते! 







यूं ही वक्त कट जाता पता ही नहीं चलता!




उसी वक्त में , कभी-कभी तुम्हारी बाते सुनना अच्छा लगता , और कभी कभी अच्छा लगता है बस तुमको देखता रहूं! फिर उसी वक्त में तुम अपनी झुकी हुई नज़रे उठा कर देखती हो! उसी वक्त मेरी उठी हुई नज़रे झुक जाती है! 








यूँ ही वक्त कट जाता पता ही नहीं चलता! 




बस ऐसे ही वक्त कट जाता और इस वक्त में दो दिलो का मिलना अच्छा लगता है! फिर ऐसे ही वक्त की शरुआत होती और मिलना अच्छा लगता है , तुम मेरे दोस्त हो फिर दिल करता अच्छे दोस्त बन जाओ! 








यूँ ही वक्त कट जाता पता ही नहीं चलता! 




तुम जो बताती हो , वो सुनते रहने का मन करता है! फिर तुम से कुछ कहने का मन करता है! वक्त से थोड़ा और थोड़ा बढ़ जाने की गुजारिश करने का मन करता है! लेकिन वक्त तो वक्त है ठहरा जितना है उतना ही कल फिर आएगा! 








यूँ ही वक्त कट जाता पता ही नहीं चलता! 




एहसास भी कुछ अलग होता है! जो हर वक्त बात करने में , हो ही जाता है , फिर चाहे वो दुख हो या सुख! ख़ुशी में अलग एहसास और गम में अलग एहसास हो जाता! 


यूँ ही वक्त कट जाता पता ही नहीं चलता! 

सुन कर मेरी बात कभी तुम हंसती हो तो , कभी में हँसता हूँ , और बातों ही बातों में तुम नजाने कहाँ खो जाती हो पता ही नहीं चलता! यूँ दो दिलों का मिलना तो चलता ही रहेगा साहेब , लेकिन प्यार का इजहार करना अभी बाकी है!   





यूँ ही वक्त कट जाता पता ही नहीं चलता!

Monday 30 April 2018

"दिल के करीब"(एक अधूरी दास्ताँ)The Real Story Of My Life.






नमस्कार दोस्तों आज की पोस्ट में आपके लिए एक कहानी लेकर आया हूँ , जिसका शीर्षक "दिल के करीब-एक अधूरी दास्ताँ" है! जो की मेरे जीवन में समय अनुसार घट चुकी है , हो सकता है यह सायद आपके जीवन में कभी न कभी जरूर घटी हो. 
read this-  जानिये- अपना मन वास्तव में है क्या? what is mind?

दोस्तों मै भोपाल के डयनामिक पब्लिक स्कूल में पढता था मुझे यहां से बहुत कुछ सीखने को मिला और मुझे बहुत सारे दोस्त मिले  जैसे-  सुनील , दीपक , संकर , नीलेश , पंकच और भी बहुत सारे दोस्त  साथ में कुछ लड़कियाँ  भी मिली जो  मेरी  अच्छी दोस्त हुआ करती थी लेकिन जब से स्कूल के बाद कॉलेज में आये है सब अलग अलग हो गए दोस्तों अब में आप सभी को बहुत याद करता हूँ इसलिए यह में लेख लिख रहा हूँ जिससे आपकि भी यादे ताज़ी हो जाएगी!  दोस्तों यदि आपको यह अच्छा लगे तो जरूर शेयर करेt





चलिए दोस्तों अब में आता हूँ अपनी कहानी पर! 


दोस्तों यह उन दिनों की बात है , जब मेरी उम्र महज 13-14 साल के लगभग थी , तब में अपने गांव से आठवीं पास करके यहां भोपाल नवमी क्लास में पढने आया था और उस समय में गांव से भोपाल पहली बार आया था! पढ़ने के लिए , दोस्तों मेरा स्कूल का पहला दिन बहुत अच्छा रहा लेकिन मुझे थोड़ा अजीब लग रहा था क्यूंकि मुझे अपनी  मातृभाषा यानि गांव की बोली ही बोलना आती थी बाकी  हिंदी में बात करने में घबराहट सी होती थी साथ में  इंग्लिश तो बिलकुल भी नहीं आती थी  इसलिए मेरी किसी से भी बात करने की इच्छा नहीं हो रही थी और  कोई भी मुझसे दोस्ती नहीं करना चाह रहे थे , तो में बहुत निराश था और क्लास की फर्स्ट बेंच पर बैठा था , लेकिन किसी की पहले दोस्ती ने पूरे दिन को अच्छा और खुशमय बना दिया था!  


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जिस दिन मेरा पहला दिन था उसदिन हमारी ही क्लास में एक लड़की का बर्थडे था , तो  वह लड़की  सबसे पहले क्लास टीचर के पास गयी चोकलेट लेकर , में देखता रहा लेकिन कुछ समझ नहीं पा रहा था क्यूंकि पहली बार जो देख रहा था बस अपने मन में सोच रहा था की  ऐसा क्यों हो रहा है और क्या कर रहे यह सब में अच्छे से देख रहा था उस लड़की को ,  सबको चोकलेट देना और बाद में थेंक्स  बोलना , फिर पता चला की उस लड़की का बर्थडे है ! 








अब जो आपको बताने वाला हूँ  यह बहुत इंट्रेस्टिंग है हुआ यूँ  की वह लड़की मेरे पास आयी और कहने लगी तुम्हारा पहला दिन है , नए आये हो , और नाम पुछा- तो मेने कहा- हाँ आज  पहला दिन है और अपना नाम (सरमाते हुए ) बताया दिया सोनू!  फिर उसने कहा कोई बात नहीं , और अपना हाथ आगे बढ़ाते बोली  मेरा बर्थडे है यार मुझे विश तो करों .....लेकिन मै फिर भी नहीं समझ पा रहा था क्यूंकि उसने इंग्लिश में विश करना जो बोल दिया था! में बस उसकि  और देखे जा  रहा था , तभी मेने lदेखा की वो  अपना हाथ आगे बढ़ते हुए मिलाने को  कह रही है तो मेने झट से उसका हाथ पकड़ा मतलब सेकहैंड किया और जोर से उसकी नाजुक हथेली को दबा दिया क्यूंकि पहली बार किसी लड़की का हाथ छुआ था और पता भी नहीं था की कितने नाज़ुक और मुलायम होते है लड़कियों के हाथ!


 अब जो हुआ वो तो में कभी भूल ही नहीं सकता. क्युकी अब वह जोर से बोली छोड़ो यार सोनू.... मेरा हाथ क्या कर रहे हो , फिर मेने माफ़ी मांगी और तभी वह बोली कोई बात नहीं दोस्ती में इतना तो चलता है फिर मेने हिंदी में बोला जन्मदिन की बहुत बधाई! तभी..वह थोड़ा सा हंसने लगी और हंसते हुए ही  जैसे वह सबको बोली थी ऐसे ही मुझसे भी बोल दिया-  थैंक्स! तब से मुझे थैंक्स और सॉरी कहने का एह्सास हुआ!

दोस्तों अब मैं अपनी कहानी को आगे बताता हूँ-

जिस लड़की से मेरी दोस्ती हुई थी वह अभी वर्तमान में भले ही मेरे साथ नहीं है , लेकिन वह  मेरे दिल के बहुत करीब है में उसका नाम जाहिर नहीं कर सकता हूँ इसलिये  मै आपको उसका काल्पनिक नाम अंजलि बता रहा हूँ!




उन दिनों मेरी अंजलि के साथ दिनप्रतिदिन अच्छी दोस्ती होती जा रही थी! हम एक दूसरे की मदद करते थे जैसे होमवर्क करना या पढाई करते वक्त छोटी बड़ी जरूरत आदि इस बीच हम बाते करते थे कभी इशारों में तो कभी बोलचाल में हम दोनो अच्छे से एक दूसरे को जानने लगे थे! उस समय मेंरी लगभग सभी क्लास के बच्चों से और  मेरे सहपाठियों से अच्छे से मित्रता हो गयी थी , लेकिन मै अपने दोस्तों के साथ लास्ट बैंच पर कभी नहीं बैठा में हमेशा सबसे आगे वाली बेंच पर बैठता था , क्यूंकि अंजलि भी आगे ही बैठती थी , मुझे उससे बात करना और , बार बार देखना मुझे अच्छा लगता  था!

जिसके कारन  मेरे दोस्तों ने मुझसे बात करना कम कर दिया था! तो मेने भी उनसे बात करना कम कर दिया था! बस मेने उस समय एक दोस्त बनाया था जो वर्तमान अभी भी मेरे साथ है जिसका नाम सुनील है! 

हमारी ऐसी स्टोरी लगभग नवमी क्लास के आखरी पेपर तक चली और हमारी बाते वो तो कभी  ख़त्म नहीं हुई थी! जब लास्ट पेपर था तब उसने बताया की गर्मी की छुट्टियों में , वह  बहार जा रही है  अपनी नानी के यहां! फिर मेने भी कहl हाँ ठीक है में भी जाऊँगा अपने गांव  , तभी उसने कहा हम दूर रहकर भी बात कर सकते है , मेने कहा हाँ जरूर कर सकते है लेकिन उस समय हमारे पास कोई फोन नहीं था बस घर वालों के पास था! 

दोस्तों यहां पर मेरे दोस्त सुनील ने मेरी बहित मदद की और हम दोनों ने  एक आईडिया लगाया और सिम खरीद के देदी अपने डॉक्यूमेंट से ताकि हम बात कर सके फिर मै गांव आ गया था! फिर हम फोन पर  बात करने लगे थे!




लेकिन मेने उससे इतने दिन तक बात करने पर भी उसे अपने दिल की बात नहीं बतायी थी न उसने और ना ही मेने  क्यूंकि हम एक दूसरे के अच्छे दोस्त मानते थे!

जब गर्मियों की छुट्टियां ख़त्म हो गयी थी तब में वापिस गांव से भोपाल आ गया था! और अपनी दसवीं की पढाई की शुरुआत हो गयी थी! लेकिन मेने दसवीं में पास होने के लिए अपनी दोस्त यानी अंजलि से बात करना कम कर दिया और अपना पूरा फोकस अपनी पढाई पर लगाया. 

इस बीच हमारे स्कूल में एनुअल फंक्शन का प्रोग्रेम भी चला था दोस्तों वो प्रोग्रेम हमारे लिए बहुत अच्छा रहा! अंजलि ने प्रोग्रेम में डांस में भाग लिया था , तो में उसके साथ अधिक रहता था मेने उसके बहुत सारे अच्छे फोटो भी क्लिक किये थे जो की बहुत अच्छे थे! दोस्तों सायद यह प्रोग्राम हमारे लिए आखरी था! फिर वह प्रोग्राम ख़त्म हो जाता है इसके बाद वापिस हम अपनी पढाई पर ध्यान देने लग गए थे! 


मेने पूरे मन लगा कर अपनी पढाई की और दसवीं क्लास में अच्छे अंको से पास हुआ था , लेकिन अंजलि के एक विषय में सप्प्लिमेंट्री आ गयी थी तो उसने स्कूल आना बंद कर दिया था दिया था और हमारी बाते भी नहीं हो पा रही थी तब में बिलकुल अकेला महसूस कर रहा था क्यूंकि मुझे ऐसा लगा की में उसे दिल से चाहने लगा था लेकिन मेने कभी भी उसे अपने दिल की बात नहीं बताई और मेने अपनी ग्यारवी क्लास ऐसे ही निकल दी उसका इन्जार करने में निकल दिया , लेकिन मुझे वो तब मिली जब हमारे ग्यारवी के एग्जाम हुए- मेने उससे बात करने की बहुत कोशिश की  लेकिन मै कहे नहीं पाया और उसने भी मुझे इग्नोर कर दिया ..मुझे बिकुल भी अच्छा नहीं लगा था में बहुत दुखी हुआ , क्यूंकि में उसके बारे में कुछ अधिक ही सोचने लगा था! 


अब दोस्तों इस कहानी की आखरी कड़ी है  वो वह  चिंगारी जो सायद आज भी मेरे सीने भी भड़क रही है! दोस्तों यह उस दिन की बात है जब अंजलि मुझे बाहरवीं क्लास में मिली तब मेने उससे बात की ...और कहा की में तुम्हे बहुत पसंद करने लगा हूँ और मेने उसको प्रोपोज़ किया उसका हाथ शेकहैंड करते हुए अपने दिल की बार बोली लेकिन उस समय कुछ ऐसा हुआ सायद जिसकी वजह से में आज तक दोबारा नहीं मिली लेकिन आज भी वह मेरे दिल के बहुत करीब है!  





दोस्तों उस दिन मेने  जैसे ही उसे  I Love You  बोला   तो उसने मुझे बढ़े ही प्यार से कहा ..देखो सोनू अपन दोनों अच्छे दोस्त है तुम जैसा सोच रहे हो वैसा हो नहीं सकता क्यूंकि मेरे पहले से बॉयफ्रैंड है में तो बस तुम्हे अच्छा दोस्त मानती हूँ और अब कभी तुम से बात नहीं करूंगी! 

दोस्तों इतना कहा उसने मेरे दिल के चीथड़े  चीथड़े उड़ गए थे क्यूंकि दोस्तों वह मेरे ज़िंदगी का पहला प्यार था! वो आज भले भी मेरे साथ नहीं है लेकिन वह दिल के बहुत करीब है जिसे में सायद ही कभी निकल पाऊँ!


  •  दोस्तों अब आप ही बातओं मेने कोई गलत किया जो उसे तीन साल बाद बताया और मुझे यह देखने को मिला!  क्या मुझे यह सब पहले ही बोल देना चाहिए था हाँ या नहीं आप जरूर बताये 

Note-  दोस्तों यदि मुझसे लिखने में कोई गलती हुए हो तो मुझे माफ़ करे ..धन्यवाद  

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