Tuesday 27 November 2018

गाय और शेर की ..प्रेरणादायक कहानी ...जय गुरुदेव




एक गाय घास चरने के लिए एक जंगल में चली गई। शाम ढलने के करीब थी। उसने देखा कि एक बाघ उसकी तरफ दबे पांव बढ़ रहा है। वह डर के मारे इधर-उधर भागने लगी। वह बाघ भी उसके पीछे दौड़ने लगा।

दौड़ते हुए गाय को सामने एक तालाब दिखाई दिया। घबराई हुई गाय उस तालाब के अंदर घुस गई। वह बाघ भी उसका पीछा करते हुए तालाब के अंदर घुस गया। तब उन्होंने देखा कि वह तालाब बहुत गहरा नहीं था। उसमें पानी कम था और वह कीचड़ से भरा हुआ था। उन दोनों के बीच की दूरी काफी कम हुई थी। लेकिन अब वह कुछ नहीं कर पा रहे थे। वह गाय उस किचड़ के अंदर धीरे-धीरे धंसने लगी। वह बाघ भी उसके पास होते हुए भी उसे पकड़ नहीं सका। वह भी धीरे-धीरे कीचड़ के अंदर धंसने लगा। दोनों भी करीब करीब गले तक उस कीचड़ के अंदर फस गए। दोनों हिल भी नहीं पा रहे थे। गाय के करीब होने के बावजूद वह बाघ उसे पकड़ नहीं पा रहा था।

थोड़ी देर बाद गाय ने उस बाघ से पूछा, क्या तुम्हारा कोई गुरु या मालिक है?

बाघ ने गुर्राते हुए कहा, मैं तो जंगल का राजा हूं। मेरा कोई मालिक नहीं। मैं खुद ही जंगल का मालिक हूं।

गाय ने कहा, लेकिन तुम्हारे उस शक्ति का यहां पर क्या उपयोग है?

उस बाघ ने कहा, तुम भी तो फस गई हो और मरने के करीब हो। तुम्हारी भी तो हालत मेरे जैसी है।

गाय ने मुस्कुराते हुए कहा, बिलकुल नहीं। मेरा मालिक जब शाम को घर आएगा और मुझे वहां पर नहीं पाएगा तो वह ढूंढते हुए यहां जरूर आएगा और मुझे इस कीचड़ से निकाल कर अपने घर ले जाएगा। तुम्हें कौन ले जाएगा?

थोड़ी ही देर में सच में ही एक आदमी वहां पर आया और गाय को कीचड़ से निकालकर अपने घर ले गया। जाते समय गाय और उसका मालिक दोनों एक दूसरे की तरफ कृतज्ञता पूर्वक देख रहे थे।


 वे चाहते हुए भी उस बाघ को कीचड़ से नहीं निकाल सकते थे क्योंकि उनकी जान के लिए वह खतरा था।

गाय समर्पित ह्रदय का प्रतीक है। बाघ अहंकारी मन है और मालिक सद्गुरु का प्रतीक है। कीचड़ यह संसार है। और यह संघर्ष अस्तित्व की लड़ाई है। किसी पर निर्भर नहीं होना अच्छी बात है लेकिन उसकी अति नहीं होनी चाहिए। आपको किसी मित्र,किसी गुरु, किसी सहयोगी की हमेशा ही जरूरत होती है।

🙏जयगुरुदेव🙏

Tuesday 6 November 2018

जानिए:- कामयाबी के लिए संतुलन क्यों जरूरी है?

दोस्तों यदि हमें Life में कामयाब यानी successful होना है तो हमे जीवन में संतुलन जरूर बनाये रखना है मतलब बैलेंस बनाये रखना जरूर है! दुनियां में बहुत से लोग ऐसा कर भी पाते है और वह जीवन की हर लड़ाई को जीत लेते है , लेकिन कुछ लोग ऐसा नहीं कर पाते है और उन्हें हार का सामना करना पढ़ता है! 
यह भी पढ़िए:-  जीवन के पांच सिद्धांत जो बदल देंगे आपकी ज़िंदगी





आपको जीवन रुपी रस्सी पर चलने और life में balance बनाने के लिए जिस Tool की जरूरत होगी वह आपके पास आपके जन्म से ही है! उसका नाम है- दिमाग! Mind होता तो सभी के पास है- लेकिन बहुत कम लोग ही इसका सही से इस्तेमाल कर पाते है! 


दोस्तों आपने खेल जरूर देखा होगा जिसमे एक व्यक्ति रस्सी पर चलता है और चलते समय अपना संतुलन बनाये रखता है ताकि वह गिरे नहीं! 



संतुलन बनाने के लिए वह अपने हाथ में एक लम्बा डंडा ले लेता है! यह डंडा उसे रस्सी पर चलते समय balance बनाये रखने में मदद करता है!  



सोचों दोस्तों , अगर उस व्यक्ति के पास वह डण्डा नहीं हो तो , क्या वह रस्सी पर चलते समय अपना बेलेन्स बना पायेगा? नहीं! वह बेलेन्स नहीं बना पायेगा और वह गिर जाएगा! 


इसी प्रकार हम सभी को एक जीवन मिला है जो इस रस्सी के समान ही है , जिस पर हमें चलना है!  जो व्यक्ति इस पर बैलेंस बना कर चलता है वह अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेता है और इस पर बैलेंस नहीं बना पाता , वह गिर जाता और असफल हो जाता है! 



यदि दोस्तों हम इस खेल को देखे तो खेल खेलना वाला एक डण्डे की सहायता से बैलेंस बनाता है! यानी हमे भी अपने जीवन में बैलेंस बनाये रखने के लिए एक टूल की जरूरत होगी! वैसे जीवन में हम सब कुछ अच्छा चाहते है! हम चाहते है की सब कुछ बैलेंस रहे  बहुत से लोग ऐसा कर भी पाते है और वह जीवन की हर लड़ाई को जीत लेते है , लेकिन कुछ लोग ऐसा नहीं कर पाते है और उन्हें हार का सामना करना पढ़ता है! 



जीवन में सभी लोग सफलता प्राप्त करना चाहते है! सभी बहुत पैसा चाहते है! सभी लोग अच्छा रिलेसशनशिप चाहते है! साथ ही सभी लोग अच्छा और बेहतर स्वाथ्य के मालिक बनना चाहते है! 



सभी लोग इन सभी को पाने का पूरा प्रयास भी करते है , लेकिन इन सभी में बेलेन्स न बना पाने के कारण लोग कई चीजों को गवां देते है और खुद को असफल महसूस करते है! 



आपको इस जीवन रुपी रस्सी पर चलने और लाइफ में बैलेंस बनाने के लिए जिस टूल की जरूरत होगी वह आपके पास है आपके जन्म से ही है , उसका नाम है आपका दिमाग! अब आप कहेंगे की यह तो सबके पास होता है , तो हर कोई अपने जीवन में बैलेंस क्यों नहीं बना पाता? 




दोस्तों  यह माइंड होता तो सभी के पास है , लेकिन बहुत कम लोग ही इसका सही इस्तेमाल कर पाते है!  



दोस्तों आप इस लेख यदि पूरा पढ़ेंगे तो निश्चिन्त रूप से अपने माइंड का इस्तेमाल जीवन में बैलेंस बनाने के लिए सही से कर पाएंगे! 


आइये  जानते है की जीवन में संतुलन बनाये रखने के लिए आपको अपने माइंड की मदद से क्या क्या करना चाहिए! आगे दिए गए तरीको को ध्यान से पढ़िए और अपने जीवन में संतुलन बनाकर साधारण जीवन को एक सफल जीवन में बदल दीजिये! 

जीवन में बेलेन्स बनाने के उपाए 

1. 👉  सबसे पहले आप उन चीजों की एक लिस्ट बना लीजिये जिसमे आप बैलेंस बनाना चाहते है! 

2. 👉  लिस्ट बनाने के लिए आप कभी दो चीजों को एक साथ मत जोड़िये! शाम को अपने ऑफिस से आने के बाद आप अपने घर पर समय दीजिये! इसके लिए आप टाइम फिक्स कर सकते है!  

3. 👉  बैलेंस बनाने के लिए आप रोज कुछ समय फैमिली को अवश्य दे! आप वीकेंड में रात के खाने के लिए आप किसी रेस्टोरेंट में जा सकते है , या किसी पिकनिक पर जा सकते है! 

4. 👉   बहुत से लोग ऑफिस में अपनी घरेलू ज़िंदगी के बारे में और शाम को घर जाकर अपने ऑफिस के काम के बारे में सोचते  रहते है! ऐसा बिलकुल भी नही करना चाहिए! 

5. 👉  आपको कुछ भी करना हो तो आप सही से तभी कर पाएंगे जब आपके पास एक प्राथमिक क्रम हो! अपनी बॉडी को स्वस्थ्य बनाने के लिए आपको प्रत्येक दिन कुछ समय जरूर निकालना चाहिए! 

6. 👉   सेहत बनाने के लिए आपको रोज सुबह सुबह का समय निकालना चाहिए! आप सुबह उठ कर ध्यान , व्यायाम आदि कर सकते है! इसके लिए आपको रोज सुबह जल्दी उठना चाहिए और सेहत के लिए रोज 30 मिनिट जरूर निकालना चाहिए! 

7. 👉   आपका जीवन सही और संतुलन से चलता रहे , इसके लिए आपको आय में से कुछ पैसा जरूर लगाना चाहिए!  

8. 👉    आपका समय बर्बाद न हो इसके लिए आप रोज श्याम को एक डायरी में दिन भर में किये उन कार्यों के बारे में लिखिए जो बिलकुल भी जरूरी नहीं थे! 

9. 👉    आपको रोज अपने उन कार्यों के बारे में जरूर लिखना है जिनसे आपका टाइम ख़राब होता है! और उसकी जगह उन कामों को दीजिये जो जरूरी है! दोस्तों कुछ ही दिनों में आप पाएंगे की आप अपने हर जरूरी काम के लिए समय दे पा रहे है! 

10. 👉   अब सबसे जरूरी लाइफ के बारे में बात करते है , वह है- आपकी प्राथमिकता में आपको रोज कुछ समय अपने लिए भी देना चाहिए! आपके लिए क्या जरूर है , क्या सही है? आपका मन और आपका शरीर कितना संतुलन में है , सुबह सेहत के लिए कितना समय देना है , शाम को थकने पर क्या करना है ताकि रिलेक्स मिले! इन सभी चीजों के बारे में सोच कर आपको इनके लिए समय जरूर देना चाहिए! 

दोस्तों  यदि आपको यह लेख अच्छा लगा तो जरूर नीचे बताये गए सोशल मीडिआ आइकॉन पर क्लिक कर इस ब्लॉग को शेयर करे. और यदि आपके मन में कोई सवाल है तो आप बेझिक पूछ सकते है....धन्यवाद. 

हिंदीविचार जो बदल दे आपकी ज़िंदगी 

Saturday 13 October 2018

22 best motivated thoughts in hindi





जिसके पास उम्मीद है , वह लाख बार हार कर भी , हार नहीं सकता!


जो अपने मन की पीड़ा को स्पष्ट रूप से नहीं   कह सकता उसी को क्रोध अधिक आता है! 




जलो सिर्फ वहाँ  , जहाँ आपकी जरूरत हो ..उजाले में चिरागों के कोई मायने नहीं होते! 


यदि आप गुस्से के एक क्षण में धैर्य रखते हैं, तो आप दु:ख के सौ दिन से बच जाएंगे।




      नेक इंसान बनने के लिए वैसी ही कोशिश करो,    जैसे खूबसूरत दिखने के लिए करते हो। 

      समस्या के बारे में सोचने से बहाने मिलते हैं, समाधान के बारे में सोचने पर रास्ते मिलते हैं।

      दो बातें इंसान को अपनों से दूर कर देती हैं, एक उसका …अहम… और दूसरा उसका …वहम.. ।

      महान बनने की चाहत तो हर एक में हैं… पर पहले इंसान बनना अक्सर लोग भूल जाते हैं।

      अहंकार दिखा के किसी रिश्ते को तोड़ने से अच्छा है कि, माफी माँगकर वो रिश्ता निभाया जाये।

      छोटी-छोटी बातों में ही आनंद खोजना चाहिए, क्योंकि बड़ी-बड़ी बातें तो जीवन में कुछ ही होती हैं।

      एक मिनट में जिन्दगी नहीं बदलती। पर एक मिनट सोच कर लिया हुआ फैसला पूरी जिन्दगी बदल देता

      अच्छे इंसान सिर्फ और सिर्फ अपने कर्म से पहचाने जाते हैं। क्योंकि अच्छी बातें तो बुरे लोग भी कर लेते है।

      यदि किसी भूल के कारण कल का दिन दु:ख में बीता है तो उसे याद कर आज का दिन व्यर्थ में न बर्बाद करो।”

      मनुष्य सुबह से शाम तक काम करके उतना नहीं थकता, जितना क्रोध और चिंता से एक क्षण में थक जाता है… 


      कभी पीठ पीछे आपकी बात चले तो घबराना नहीं, क्योंकि बात तो उन्ही की होती है.. जिनमें वाकई कोई बात होती है।

      जब रिश्तों में झूठ बोलने की आवश्यकता महसूस होने लगे, तब समझ लेना चाहिए कि रिश्ता समाप्ति की ओर है।

      इंसान को बोलना सीखने में तीन साल लग जाते हैं… लेकिन क्या बोलना है? ये सीखने में पूरी जिदंगी लग जाती है।

      जिंदगी में अच्छे लोगों की तलाश मत करो, खुद अच्छे बन जाओ, आपसे मिलकर शायद किसी की तलाश पूरी हो जाए।








      Monday 8 October 2018

      21 हिन्दीविचार जो बदल दे आपकी ज़िंदगी





      🔔   *अतिसुन्दर प्रार्थना*   🔔
       
           
      *_इतनी   मेहरबानी_*
      *_मेरे   ईश्‍वर   बनाये   रखना,_*
       *_जो   रास्ता   सही   हो_*
      *_उसी   पर   चलाये   रखना।_* 
       *_ना   दुखे   दिल   किसी   का_*
      *_मेरे   शब्दो   से,_* 
       *_इतना   रहम   तू   मेरे   भगवान_*
      *_हम सब पर बनाये   रखना_*



                                     

      मूर्ख व्यक्ति की पहचान  







      किसी मूर्ख व्यक्ति की पहचान उसकि वाचालता से होती है 
      जबकि बुद्धिमान व्यक्ति की पहचान उसके मौन रहने से होती है!



                                     
      मधुर वाणी बोलना एक महँगा शौक है,




      मधुर वाणी बोलना एक महँगा शौक है,जो हर किसी के बस की बात नहीं!अपने खराब मूड के समय बुरे शब्द न बोलें,
      क्योंकि खराब मूड को बदलने के बहुत मौके मिलेंगें पर




      शब्दों को बदलने के नहीं 



                                     
      वो सिर्फ भीख लेने नहीं दुआ देने भी आता है!!








      जलील मत करना किसी गरीब को अपनी चौखट पर




      वो सिर्फ भीख लेने नहीं दुआ देने भी आता है!!



                                     
      “कठोर किंतु सत्य”






       माचिस किसी दूसरी चीज को जलाने से पहले खुद
      को जलाती हैं..! इसी प्रकार *गुस्सा* भी एक माचिस की तरह है..!
      यह दुसरो को बरबाद करने से पहले खुद को बरबाद करता है…!!

                                     
      दिल से ज्यादा" ऊपजाऊँ" जगह और कोई नहीं है! 





      दिल से ज्यादा" ऊपजाऊँ" जगह और
      कोई नही हैं !
      क्योकी यहाँ जो कुछ "बोया" जाये , बढता ज़रूर हैं !!*
      फिर चाहे वो "प्यार" हो.......
      या "नफरत" .................||
                                     

      वो तुम्हें लूट लेंगे



      घर के अंदर जी भर के रो लो पर दरवाज़ा हँस कर ही खोलो....!!
       क्योंकि लोगों को यदि पता लग गया कि तुम अंदर से टूट चुके हो तो वो तुम्हें लूट लेंगे




                                             

       *इंसान* कभी *गलत* नहीं होता

      *इंसान* कभी *गलत* नहीं होता, उसका *वक़्त* गलत होता है मगर लोग इंसान को *गलत* कहेते हे जैसे के..............
      *पतंग* कभी नहीं *कटती, कटता* तो *धागा* हे फिर भी लोग कहेते हे *पतंग* कटी"..!  



                                       
      हिम्मत को ही जिन्दगी कहते हैं



      एक सपना चकनाचूर होने के बाद दुसरा सपना देखने की हिम्मत को ही जिन्दगी कहते हैं



                                     
      अच्छा *विचार* मन को हल्का कर देता है! 





      अच्छा *दिखने* के लिये मत जिओ  बल्कि *अच्छा* बनने के लिए जिओ



        जो *झुक* सकता है वह सारी  दुनिया को *झुका* सकता है



       अगर बुरी आदत *समय पर न बदली* जाये   तो बुरी आदत *समय बदल देती* है

      अच्छी *सोच*, अच्छी *भावना* अच्छा विचार* मन को हल्का कर देता है! 



                                     
      *यह तो आप के हाथ में ही है..*





      सभी को सुख देने की क्षमता*  

      *भले ही आप के हाथ में न हो...!*



      *किन्तु किसी को दुख न पहुँचे*
      *यह तो आप के हाथ में ही है..*!!




                                      

      हम तो अच्छे बने ,हमें किसने रोका है






      *दान करने से रुपया जाता है!*
       *"लक्ष्मी" नहीं!...*
      *घड़ी बंद करने से घड़ी बंद होती है!*
       *"समय" नहीं!...*
      *झूठ छुपाने से झूठ छुपता है!*
       *"सच" नहीं !...*



      *माना दुनियाँ बुरी है ,सब जगह धोखा है,*
      *लेकिन हम तो अच्छे बने ,हमें किसने रोका है !*



      *पूछा चिड़िया से कि घोसला* , *कैसे बनता है* 





      *मंजिल यूँ ही नहीं मिलती*
                      *राही को* 
       *जुनून सा दिल में जगाना* 
                     *पड़ता है,* 
      *पूछा चिड़िया से कि घोसला* 
                  *कैसे बनता है* 
      *वो बोली कि तिनका तिनका* 
                *उठाना पड़ता है।*









      गुड मॉर्निंग का मतलब 


      *केवल पैसों से आदमी धनवान नहीं होता*
      *असली धनवान वो है जिसके पास* 
                     *अच्छी सोच* 




                   *अच्छे दोस्त और* 
                     *अच्छे विचार*

      *सुबह की बधाई का मतलब सिर्फ़ किसी को गुड मॉर्निंग शुभ प्रभात कहना नहीं होता बल्कि इसके पीछे एक संदेश होता है ।* 
      *की जब मैंने आँखे खोली तो मुझे आप याद थे।* 

             🌹🙏🏻 *शुभ प्रभात* 🙏🏻🌹



          


      Wednesday 12 September 2018

      कपडे नहीं सोच बदलो....उन लोगो से मेरे कुछ प्रश्न है???





      लड़कियो के अनावश्यक नग्नता वाली पोशाक में  घूमने पर जो लोग या स्त्रीया ये कहते है की कपडे नहीं सोच बदलो....
      उन लोगो से मेरे कुछ प्रश्न है???




      1)वो सोच क्यों बदले?? सोच बदलने की नौबत आखिर आ ही क्यों रही है??? आपने लोगो की सोच का ठेका लिया है क्या??

      2) आप उन लड़कियो की सोच का आकलन क्यों नहीं करते??
       उसने क्या सोचकर ऐसे कपडे पहने की उसके स्तन पीठ जांघे इत्यादि सब दिखाई दे रहा है....इन कपड़ो के पीछे उसकी सोच क्या थी?? एक निर्लज्ज लड़की चाहती है की पूरा पुरुष समाज उसे देखे,वही एक सभ्य लड़की बिलकुल पसंद नहीं करेगी की कोई उस देखे




      3)अगर सोच बदलना ही है तो क्यों न हर बात को लेकर बदली जाए???
       आपको कोई अपनी बीच वाली ऊँगली का इशारा करे तो आप उसे गलत मत मानिए......सोच बदलिये..वैसे भी ऊँगली में तो कोई बुराई नहीं होती....आपको कोई गाली बके तो उसे गाली मत मानिए...उसे प्रेम सूचक शब्द समझिये.....
      हत्या ,डकैती, चोरी, बलात्कार, आतंकवाद इत्यादि सबको लेकर सोच बदली जाये...सिर्फ नग्नता को लेकर ही क्यों????




      4) कुछ लड़किया कहती है कि हम क्या पहनेगे ये हम तय करेंगे....पुरुष नहीं.....
      जी बहुत अच्छी बात है.....आप ही तय करे....लेकिन  पुरुष भी किस लड़की का सम्मान/मदद करेंगे ये भी वो तय करेंगे, स्त्रीया नहीं.... और वो किसी का सम्मान नहीं करेंगे इसका अर्थ ये नहीं कि वो उसका अपमान करेंगे

      5)फिर कुछ विवेकहीन लड़किया कहती है कि हमें आज़ादी है अपनी ज़िन्दगी जीने की.....
      जी बिल्कुल आज़ादी है,ऐसी आज़ादी सबको मिले, व्यक्ति को चरस गंजा ड्रग्स ब्राउन शुगर लेने की आज़ादी हो,गाय भैंस का मांस खाने की आज़ादी हो,वैश्यालय खोलने की आज़ादी हो,पोर्न फ़िल्म बनाने की आज़ादी हो... हर तरफ से व्यक्ति को आज़ादी हो।




      6) फिर कुछ नास्तिक स्त्रीया कुतर्क देती है की जब नग्न काली की पूजा भारत में होती है तो फिर हम औरतो से क्या समस्या है??
      पहली बात ये की काली से तुलना ही गलत है।।और उस माँ काली का साक्षात्कार जिसने भी किया उसने उसे लाल साडी में ही देखा....माँ काली तो शराब भी पीती है....तो क्या तुम बेवड़ी लड़कियो की पूजा करे?? काली तो दुखो का नाश करती है...... और काली से ही तुलना क्यों??? सीता पारवती से क्यों नहीं??
      क्यों न हम पुरुष भी काल भैरव से तुलना करे जो रोज कई लीटर शराब पी जाते है????
      शनिदेव से तुलना करे जिन्होंने अपनी सौतेली माँ की टांग तोड़ दी थी।

      7)लड़को को संस्कारो का पाठ पढ़ाने वाला कुंठित स्त्री समुदाय क्या इस बात का उत्तर देगा की क्या भारतीय परम्परा में ये बात शोभा देती है की एक लड़की अपने भाई या पिता के आगे अपने निजी अंगो का प्रदर्शन बेशर्मी से करे???
      क्या ये लड़किया पुरुषो को भाई/पिता की नज़र से देखती है ???
        जब ये खुद पुरुषो को भाई/पिता की नज़र से नहीं देखती तो फिर खुद किस अधिकार से ये कहती है की "हमें माँ/बहन की नज़र से देखो"
      कौन सी माँ बहन अपने भाई बेटे के आगे नंगी होती है??? भारत में तो ऐसा कभी नहीं होता था....




      सत्य ये है कीअश्लीलता को किसी भी दृष्टिकोण से सही नहीं ठहराया जा सकता। ये कम उम्र के बच्चों को यौन अपराधो की तरफ ले जाने वाली एक नशे की दूकान है।।और इसका उत्पादन स्त्री समुदाय करता है।
      मष्तिष्क विज्ञान के अनुसार 4 तरह के नशो में एक नशा अश्लीलता(सेक्स) भी है।
      चाणक्य ने चाणक्य सूत्र में सेक्स को सबसे बड़ा नशा और बीमारी बताया है।।
      अगर ये नग्नता आधुनिकता का प्रतीक है तो फिर पूरा नग्न होकर स्त्रीया अत्याधुनिकता का परिचय क्यों नहीं देती????
      गली गली और हर मोहल्ले में जिस तरह शराब की दुकान खोल देने पर बच्चों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है उसी तरह अश्लीलता समाज में यौन अपराधो को जन्म देती है।



      भाईयो मेने सच कहा या गलत comments जरुर करना please
      लेख पडने के बाद विडियो जरूर देखें
      पसंद आये तो लाईक कमेन्ट व सेर करना ना भुले।
      धन्यवाद 




      Wednesday 27 June 2018

      एक अच्छा लीडर





      भयानक युद्ध चल रहा था, नेपोलियन की सेनाएं सीमा पर लड़ रही थी! उन दिनों सन्देश पहुचने का सबसे तेज़ और एकमात्र जरिया घुड़सवार ही थे!। नेपोलियन अपने केम्प में अपने मंत्रियों से चर्चा कर रहा था, तभी एक सन्देश वाहक बड़ी तेज़ी से घोडा दौड़ाता हुआ आया, जैसे ही वह कैंप पर पहुंचा उसका घोडा थकान, भूक, और प्यास से मर गया क्यों की वह रास्ते में कहीं भी आराम के लिए नहीं रुका था।

      नेपोलियन ने उसका लाया हुआ सन्देश पढ़ कर तुरंत उसका जवाब लिखकर दे दिया, क्यों की सन्देश को सेना तक जल्दी से जल्दी पहुचाना बहुत ज़रूरी था, इसलिए नेपोलियन ने घुड़सवार को तुरंत रवाना होने को कहा।




      जब उस सन्देश वाहक सेनिक ने बताया की उसका घोडा मर गया है तो नेपोलियन ने तुरंत कहा की कोई बात नहीं तुम मेरा ख़ास घोडा ले जाओ।

      यह सुनकर सेनिक हेरान हो गया, क्यों की वह घोडा बहुत ख़ास था, उसके कई किस्से प्रचलित थे, सेनिक ने सकुचाते हुए कहा “सम्राट! में छोटा सेनिक आपके घोड़े पर कैसे बैठ सकता हूँ? यह सुनकर नेपोलियन ने कहा “एक छोटा आदमी भी दुनिया में ऊँची से ऊँची चीज़ प्राप्त कर सकता है! में भी कभी तुम्हारी ही तरह एक सामान्य सेनिक ही था!”




      यह सुनने के बाद भी सेनिक का डर ख़त्म नहीं हुआ “सम्राट! मेरी हिम्मत नहीं हो पा रही है की में एक सम्राट के घोड़े पर बैठू! मुझे तो कोई सामान्य घोडा दे दीजिये!”




      समझाते हुए नेपोलियन ने कहा “ देखो! सामान्य घोडा धीरे भागेगा और तुम देर से युद्ध स्थल पहुंचोगे, हो सकता है इसकी वजह से हम हार जाएँ, फिर न यह घोडा ख़ास रहेगा और न मेरी सम्राट की पदवी!, जीवन में हर किसी का एक विशेष महत्त्व होता है, एक ख़ास भूमिका निभाने के लिए हमें बनाया गया है जिसे हमें पूरा करना है! तुम इसी घोड़े को लेकर तुरंत रवाना हो जाओ ।
      एक अच्छा लीडर वह होता है जो अपने पीछे चलने वालो के आत्मविश्वाश को बढाए!




      दूसरों के अहसान को याद रखिये!

       दूसरों के अहसान को याद रखिये!




      फ़्रांस का महान सम्राट नेपोलियन (Napoleon), जिसे हमेशा अपनी बहादुरी, ईमानदारी और दृढनिश्चय के लिए याद किया जाता है, सामान्य लोगो, अपने सेनिकों के साथ भी बड़ी सहजता और सरलता से पेश आता था। नेपोलियन में कई उच्च मानवीय गुण थे जिससे वह जानता में लोकप्रिय नायक की तरह बन गया।

      यह कहानी उसकी मानवीयता, दया और अपने पर किये एहसान को याद रखना और उसकी कीमत चुकाने के बारे में है।




      नेपोलियन ने बचपन में बहुत गरीबी देखि थी, कई बार उसके पास खाने के लिए पैसे नहीं होते थे, उसके स्कूल के बहार ही एक औरत फल और खाने की चीजें बेचा करती थी ।

      कभी कभी एसा भी होता की नेपोलियन की जेब में एक सिक्का भी नहीं होता था, ऐसे में वो उस औरत से खाने की चीजें मजबूरी में उधार ले लिया करता और पैसे आने पर उसे ईमानदारी से लोटा देता। वह औरत भी नेपोलियन पर विश्वास कर उसे ख़ुशी खुसी उधार दे देती।




      जीवन में आगे चलकर, अपनी योग्यता, मेहनत, धुन और महत्वकांक्षा के ज़रिये नेपोलियन फ़्रांस की सेना में एक सामान्य सेनिक से एक अफसर, फिर सेनापति और अंत में फ़्रांस का सम्राट बन गया! सम्राट बनने के बाद जब वह अपने पुश्तेनी गांव पहुंचा तो उसने लोगों से उस औरत का पता पुछा और उसके घर पर उससे मिलने गया।नेपोलियन ने उस औरत से पुछा “मेम, क्या आप मुझे पहचानती हैं?”

      उस वक़्त नेपोलियन ने फोजी जनरल की वर्दी पहन रखी थी, जिसे देखकर वह औरत थोड़ी सहम गयी फिर उसने विस्मय से कहा “नहीं, माफ़ कीजियेगा में आपको नहीं जानती!?




      नेपोलियन ने प्यार से मुस्कुराते हुए कहा “आप मुझे भूल गयीं हों, पर वह छोटा लड़का आपको अभी तक नहीं भूला है जिसे आप खुशी ख़ुशी उधार दे दिया करतीं थी” ।

      यह कहकर नेपोलियन ने उस बूढी औरत को सिक्कों से भरी एक थेली उपहार में दी।





      दोस्तों, हमेशा उन लोगों को याद रखिये जो आप पर एहसान करतें है, जो आपकी मदद करतें हैं, हमेशा उनका एहसान चुकाने की कोशिश कीजिये! फ़्रांस में सम्राट तो कई हुए होंगे पर क्या किसी को उनका नाम तक याद है? लेकिंग नेपोलियन को इन्ही इंसानियत के गुणों के लिए हमेशा याद किया जाता रहेगा!





      गुजरात में एक प्रसिद्ध वकील

      गुजरात में एक प्रसिद्ध वकील




      गुजरात में एक प्रसिद्ध वकील

      गुजरात में एक प्रसिद्ध वकील रहा करते थे ।
      एक बार वे एक मुकदमा लड़ रहे थे कि गाँव में उनकीपत्नी बीमार हो गई ।.वे उसकी सेवा करने गाँव पहुचे कि उन्ही दिनों उनके मुक़दमे की तारीख पड़ गई ।.एक तरफ उनकी पत्नी का स्वास्थ्य था, तो दूसरी और उनका मुकदमा ।.
      उन्हें असमंजस में देख पत्नी ने कहा –“मेरी चिंता न करे, आप शहर जाये । आपके न रहने पर कहीँ किसी बेकसूर को सजा न हो जाये ।”.



      वकील साहब दुःखी मन से शहर पहुचे औरजब वे अपने मुवक्किल के पक्ष में जिरह करने खड़े हुए ही थे कि किसी ने उनको एक टेलीग्राम लाकर दिया।.उन्होंने टेलीग्राम पढ़कर अपनी जेब में रखलिया और बहस जारी रखी ।
      अपने सबूतो के आधार पर उन्होंने अपने मुवक्किल को निर्दोष सिद्ध कर दिया, जो कि वह था भी ।.सभी लोग वकील साहब को बधाई देने पहुँचेऔर उनसे पूछने लगे कि टेलीग्राम में क्या लिखा था ?.
      वकील साहब ने जब वह टेलीग्राम सबकोदिखाया तो वे अवाक् रह गए । उसमे उनकी पत्नी की मृत्यु का समाचार था ।



      लोगों ने कहा- “आप अपनी बीमार पत्नी कोछोड़कर कैसे आ गए ?”.
      वकील साहब बोले –“आया तो उसी के आदेश से ही था; क्योकि वह जानती थी कि बेकसूर को बचाने का कर्तव्य सबसे बड़ा धर्म होताहै “।.



      वे वकील साहब और कोई नहीं — सरदारवल्लभ भाई पटेल थे, जो अपनी इसी कर्तव्य परायणता के कारण लौह पुरुष कहलाये |.सरदार जी के लिए एक लाइक करने की कोशिश करें





      हाथी की रस्सी

      हाथी की रस्सी




      हाथी की रस्सी
      एक बार एक आदमी सर्कस देखने गया, वहां सभी प्रकार के जानवरो को पिंजरों में रखा गया था। जब वह हाथियों के बाड़े से गुजरा तो वह अचानक रुक गया और बहुत ही आश्चर्य में पड़ गया, वह सोचने लगा की इतने बड़े और शक्तिशाली जानवर को ना तो किसी पिंजरे और न ही किसी ज़ज़ीर से बल्कि, सिर्फ एक कमज़ोर, छोटी रस्सी से बांधकर रखा गया है. उसने सोचा की अगर चाहे तो यह हाथी कभी भी अपने पैर में बंधी इस कमज़ोर रस्सी को तोड़कर आज़ाद हो सकता है, लेकिन यह हाथी ऐसा कभी नहीं करता।



      उसने पास ही एक महावत ( हाथी पालने वाला ) को देखा, और उससे पूछा
      ” यह शक्तिशाली हाथी इतनी कमज़ोर रस्सी से क्यों बंधा है और कभी भी आज़ाद होने की कोशिश क्यों नहीं करता ?
      महावत ने कहा ” जब ये हाथी छोटे और कमज़ोर थे तब हम इन्हे इसी आकर की रस्सी से बांधकर रखते थे, तब ये हाथी कमज़ोर थे और इस रस्सी को नहीं तोड़ पाते थे, धीरे धीरे ये बढ़े होते गए तब भी ये हाथी इस बात को विश्वास करने के आदि हो गए की वे इस रस्सी को नहीं तोड़ सकतें हैं।



      अब भी वे यही विश्वास करतें हैं की ये रस्सी इनसे नहीं टूटेगी इसलिए ये कभी रस्सी तोड़कर आज़ाद होने का प्रयास नहीं करते।”
      यह उत्तर सुनकर वह व्यक्ति आश्चर्य से सोचने लगा की ये जानवर जब चाहें तब अपने बंधन से आज़ाद हो सकतें हैं लेकिन क्यों की वे एसा विश्वास करतें हैं की वे ऐसा नहीं कर सकते इसलिए शक्तिशाली होने के बावजूद भी गुलामी की ज़ंज़ीर में जकड़े रहतें हैं।

      इन्ही हाथियों की तरह हम में से कितने लोग ऐसे हैं जो यह विश्वास करतें हैं की हम कोई काम नहीं कर सकते सिर्फ इसलिए की हम उसे पहली बार करते हुए असफल हो गए थे।




      किसी काम को करते हुए असफल हो जाना सामान्य बात है, नाकामी, सीखने की प्रकिर्या का एक हिस्सा है, हमें अपने विश्वास को बनाये रख जीवन में संघर्ष करते रहना चाहिए।





      Monday 25 June 2018

      'बापू' का सपना 'स्वच्छ भारत' एक विशेष लेख.





      नमस्कार दोस्तों आज की पोस्ट में हम स्वच्छ भारत अभियान के बारे में पूरी जानकारी लेकर आये है! इसकी शुरुआत कब से हुई? इसका प्रमुख्य उद्देस्य क्या है? इससे हम केसे जुड़ सकते है? यह हमारे लिए क्यों जरूरी है? ..आदि सवालों के बारे में जानेंगे तो दोस्तों आप भी इस अभियान के बारे में जानना चाहते है तो दोस्तों हमारे साथ बने रहे ..धन्यवाद् ...क्यूंकि इतना कीमती समय दे रहे हो ....अब समय बर्बाद नहीं करते हुए इसकी पूरी जानकारी आपको बता ही देता हूँ! 


      स्वच्छ भारत अभियान क्या है? 

      स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत भारत सरकार ने राष्ट्रीय स्तर अभियान के रूप में की है , इसका प्रमुख उद्देश्य सड़क , कस्बे , गांव और छोटे बड़े शहर को स्वच्छ और साफ सुथरा रखना है!  





      स्वच्छ भारत अभियान राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के जन्मदिवस 02 अक्टूम्बर को 2014 को आरम्भ किया गया! राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी ने देश को आजादी दिलाई लेकिन उनका सपना पूरा नहीं हुआ था जिसका नाम है 'स्वच्छ भारत'! 


      राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने अपने आसपास के लोगों को स्वच्छता बनाये रखने सम्बन्धी सन्देश दिया था एवं इस सन्देश को मतलब स्वच्छ भारत अभियान को जागरूक करने की सलाह दी थी तथा स्वच्छता सम्बन्धी शिक्षा प्रदान कर राष्ट्र को एक उत्कर्ष सन्देश दिया था! 

      स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत और इससे वेबसाइट पर जाकर आप जुड़ सकते है! 

      तिथि- 02 अक्टूम्बर 2014 

      स्थान- नई दिल्ली , भारत 

      वेबसाइट- http://swachhbharat.mygov.in/





      इसका प्रमुख्य उद्देस्य क्या है? 

      दोस्तों स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य व्यक्ति , क्लस्टर और सामुदायिक एवं सार्वजानिक शौचालयों का निर्माण करने के माध्यम से खुले में सोच की समस्या कम करना है या फिर जड़ से ख़त्म करना है! स्वच्छ भारत मिशन लेट्रिन या टॉयलेट को बनवाने के बाद इसके उपयोग करने की निगरानी की जाएगी! 


      भारत सरकार ने 2 अक्टूम्बर 2019 तक यानी महात्मा गाँधी के जन्मदिवस की 150 वी वर्षगांठ तक भारतीय ग्रामीण में 1.96  लाख करोड़ रूपये की अनुमानित लागत के 1.2 करोड़ शौचालयों का निर्मांण करके खुले में सोच की कुप्रथा या खुले में सोच करने की आदत से भारत को मुक्त कराना है! इसका लक्ष्य ओडीएफ को हांसिल करना रखा गया है! 

      सही मायने में इसकी शुरुआत कब हुई?

      दोस्तों यदि बात करे स्वच्छ भारत अभियान की तो यह आधिकारिक रूप से शुरू किया गया! भारत सरकार ने स्वछता का पुनर्गठन किया और स्वछता अभियान की शुरुआत किया जिसका बाद में 1 अप्रेल 2012 को तत्कालीन प्रधानमन्त्री मनमोहन सिंह द्वारा निर्मल भारत अभियान एनबीए नाम दिया! 

      निर्मल भारत अभियान एक प्रकार से कार्यक्रम था जो की वर्ष 1999 से वर्ष 2012 तक पूर्ण रूप से स्वच्छता से सिद्धांतों को आधार बना कर पूर्ण रूप से चलाया गया! 




      फिर हुई ग्रामीण क्षेत्रों में सुरुआत!

      सरकार ने 2 अक्टुम्बर 2019 तक भारत के सभी गांव में सौचालय बनवाने की शुरुआत की गई! प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी में अपने 2014 के भाषण में स्वतंत्रता के उपलक्ष्य शौचालय के विषय इसकी  जरूरत के बारे में बताया! 

      क्या हमें कभी दर्द हुआ है कि हमारी मां और बहनों को खुले में शौच करना पड़ता है? गांव की गरीब महिलाएं रात की प्रतीक्षा करती हैं; जब तक अंधेरा नहीं उतरता है, तब तक वे शौंच को बाहर नहीं जा सकतीं हैं। उन्हें किस प्रकार की शारीरिक यातना होती होंगी, क्या हम अपनी मां और बहनों की गरिमा के लिए शौचालयों की व्यवस्था नहीं कर सकते हैं?

      प्रधान मंत्री मोदी ने 2014 के जम्मू और कश्मीर राज्य चुनाव अभियान के दौरान स्कूलों में शौचालयों की आवश्यकता के बारे में भी बताया:- 

      जब छात्रा उस उम्र तक पहुंचती है जहां उसे पता चल जाता है कि स्कूल में महिला शौचालयों की कमी के कारण उसने अपनी शिक्षा को बीच में छोड़ दी है और इस कारण जब वे अपनी शिक्षा को बीच में छोड़ देते हैं तो वे अशिक्षित रहते हैं। हमारी बेटियों को गुणवत्ता की शिक्षा का समान मौका भी मिलना चाहिए। 60 वर्षों की स्वतंत्रता के बाद प्रत्येक स्कूल में छात्राओं के लिए अलग शौचालय होना चाहिए था। लेकिन पिछले 60 सालों से वे लड़कियों के लिए अलग-अलग शौचालय नहीं दे सके और नतीजतन, महिला छात्रों को अपनी शिक्षा को बीच में छोड़ना पड़ता था! -नरेंद्र मोदी




      प्रचार के लिए इन लोगों को चुना गया! 

      सचिन तेंडुलकर
      प्रियंका चोपड़ा
      अनिल अंबानी
      बाबा रामदेव
      सलमान खान
      शशि थरूर
      तारक मेहता का उल्टा चश्मा की टीम
      मृदुला सिन्हा
      कमल हसन
      विराट कोहली
      महेन्द्र सिंह धोनी
      ईआर. दिलकेश्वर कुमार 

      साफ शहरों की सूची में बनाई गयी! 

      दोस्तों  भारत सरकार ने 15 फरवरी 2016 को सफाई की सूची बनाई गयी!  सफाई सिलेक्शन 2016 में 73 शहरों की लिस्ट बनाई गयी! 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों का सर्वे किया गया की वह कितने साफ है या कितने गंदे शहर है! 

      टॉप 10 शहर की लिस्ट में इन शहरों के नाम! 

      1.इंदौर (मध्य प्रदेश)
      2.चंडीगढ़
      3. तिरुचिरापल्ली (तमिलनाडु)
      4.नई दिल्ली
      5.विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश)
      6.सूरत (गुजरात)
      7.राजकोट (गुजरात)
      8.गंगटोक (सिक्किम)
      9.पिंपरी चिंचवड (महाराष्ट्र)
      10.ग्रेटर मुंबई (महाराष्ट्र)





       
      इस दौरान की जाने वाली गतिविधियों में शामिल हैं-

      स्कूल कक्षाओं के दौरान प्रतिदिन बच्चों के साथ सफाई और स्वच्छता के विभिन्न पहलुओं पर SBAविशेष रूप से महात्मा गांधी की स्वच्छता और अच्छे स्वास्थ्य से जुड़ीं शिक्षाओं के संबंध में बात करें।



      कक्षा, प्रयोगशाला और पुस्तकालयों आदि की सफाई करना।
      स्कूल में स्थापित किसी भी मूर्ति या स्कूल की स्थापना करने वाले व्यक्ति के योगदान के बारे में बात करना और इस मूर्तियों की सफाई करना।
      शौचालयों और पीने के पानी वाले क्षेत्रों की सफाई करना।
      रसोई और सामान ग्रह की सफाई करना।
      खेल के मैदान की सफाई करना
      स्कूल बगीचों का रखरखाव और सफाई करना।
      स्कूल भवनों का वार्षिक रखरखाव रंगाई एवं पुताई के साथ।
      निबंध,वाद-विवाद, चित्रकला, सफाई और स्वच्छता पर प्रतियोगिताओं का आयोजन।
      'बाल मंत्रिमंडलों का निगरानी दल बनाना और सफाई अभियान की निगरानी करना। 





      दोस्तों यदि यह जानकरी आपको अच्छी लगी या फिर किसी लगी अथवा आपके मन में कोई भी सवाल हो तो आप बेजिझक नीचे कमेंट करके पूछ सकते है में आपको इसका तुरंत जवाब दूंगा और यदि आपको यह जानकारी अच्छी तो आप ने किसी भी आइकॉन पर क्लिक कर के वाट्सअप फेसबुक और भी साइट पर शेयर कर सकते हो!