Monday 10 September 2018

"justin bieber" - से संबंधित मजेदार रोचक जानकारी



दोस्तों जस्टिन बीबर नाम तो आपने कभी न कभी जरूर सुना होगा।
जस्टिन बीबर एक मशहूर कैनेडियन सिंगर है जो कि गाने गाने के साथ साथ गाने लिखते भी हैं।

आपको बता दें कि बचपन के दिनों में उनकी मां ने उनकी प्रतिभा को देखते हुए उनके वीडियोज को YouTube पर डालना शुरू किया था। यूट्यूब पर वीडियो के डाले जाने के बाद लोगों ने उनके गाने और उनकी आवाज को इतना ज्यादा पसंद किया कि वह आज दुनिया भर में लोगों के बीच काफी ज्यादा पॉपुलर है।

छोटी सी उम्र में ही बड़े स्टार बन चुके जस्टिन बीबर की जिंदगी से जुड़ी कुछ रोचक तथ्यों के बारे में हम आपको बताने वाले हैं। तो चलिए जानते हैं जस्टिन बीबर की जिंदगी से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां

लोगों का पसंदीदा हेयर स्टाइल

जस्टिन बीबर के हेयर स्टाइल को आज लोगों के द्वारा इतना ज्यादा पसंद किया जाता है कि कई सारी किशोर लड़के और लड़कियां जस्टिन बीबर के जैसे हेयर स्टाइल को रखने के लिए ₹10000 तक खर्च कर दिया करते हैं।

लोकप्रियता

आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Facebook पर हर सप्ताह जस्टिन बीबर से 2 लाख से भी ज्यादा लोग जुड़ा करते हैं। जिसकी वजह से उनकी प्रसिद्धि आज लगातार लोगों के बीच बढ़ती जा रही हैं।

दिन में 6 घंटे आराम

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि जस्टिन गाते तो बेमिसाल है ही इसके साथ ही वह एक साथ गिटार पियानो और अन्य वाद्य यंत्रों को अच्छी तरह से चला सकते हैं। अपने काम के दबाव की वजह से जस्टिन बीबर 1 दिन में मात्र 6 घंटे सो पाते हैं।

एक छोटे से डॉगी ने किया पेशाब

ऐसा बताया जाता है कि एक बार जब जस्टिन बीबर अपने एक गाने ‘One Less Lonely Girl’ की शूटिंग कर रहे थे उस दौरान उनके ऊपर एक छोटे से डॉगी ने पेशाब कर दिया था।

यह भी जाने- 
job करने से पहले ध्यान देने वाली योग्य बाते l

जर्मन प्रसंशक ने कहा आई लव यू

जस्टिन बीबर एक बार जब जर्मनी गए थे तो उनकी एक प्रशंसक ने उन्हें जर्मन भाषा में “Ich Lie be Dich” कह दिया था। जिसे सुनने के बाद जस्टिन बीबर सन्न रह गए थे। आपको बता दें कि जर्मन भाषा के इस शब्द का अंग्रेजी में मतलब आई लव यू होता है।

सबसे ज्यादा देखा गया वीडियो

जस्टिन बीबर के द्वारा गाया गया गाना बेबी उस समय लोगों के द्वारा सबसे ज्यादा बार देखा गया यूट्यूब वीडियो था। परंतु अब उनकी वही वीडियो यूट्यूब की सबसे ज्यादा डिसलाइक की जाने वाली वीडियो बन चुकी है।

बहुत ज्यादा डर

जस्टिन बीबर को 7 साल की छोटी सी उम्र से ही छोटे जगह में रहने से बहुत ज्यादा डर लगता है। ऐसा बताया जाता है कि तंग कमरों में रहने से जस्टिन बीबर को घुटन महसूस होने लगती है।

बिल्लियों से नफरत

जस्टिन की माने तो एक बार उन्हें सपने में ऐसा ख्याल आया था कि एक बिल्ली उन्हें खा रही है। उसके बाद से जस्टिन बीबर को बिल्लियों से काफी ज्यादा नफरत हो गई।

खुद का सर्च इंजन

आपको यह बात शायद मालूम होगी कि जस्टिन बीबर किसी भी जानकारी को Google पर सर्च नहीं किया करते बल्कि उनका खुद का एक सर्च इंजन है। जो कि Google की तकनीक का ही उपयोग किया करता है।


ट्विटर अकाउंट की कीमत 50 करोड़

सोशल मीडिया पर अकाउंट लोगों के बीच काफी ज्यादा पॉपुलर हो चुके जस्टिन बीबर के ट्विटर अकाउंट की बात करें तो उनके ट्विटर अकाउंट की कीमत आज लगभग 50 करोड रुपए से भी ज्यादा है।

Saturday 28 April 2018

जानिये- अपना मन वास्तव में है क्या? what is mind?






मन क्या है ? what is mind? 




दोस्तों मन को इतने आसान शब्दों में परिभाषित नहीं कर सकते है ,  चलिए चलते है  मन की गहराई में , तभी पता लगेगा .
की आखिर जो हमारा मन है , यह वास्तव में है क्या? दोस्तों आज हम इसी विषय की जानकारी से आपको अवगत कराएंगे! दोस्तों आप  जरूर पढ़े और सबके साथ शेयर करे!  





मन ये बङा साधारण सा लगने वाला प्रश्न लगता अवश्य है पर है नहीं . आप विचार करे कि मन शब्द का प्रयोग पूरे विश्व में होता है .लेकिन ये कोई नहीं जानता कि मन आखिर है कहाँ किसको मन कहा जाता है .हमारे शरीर में उसकी क्या और कहाँ स्थिति है . तो लोग अक्सर सिर की तरफ़ इशारा करते हैं और कोई कोई दिमाग या दिल को मन बताते हैं यह दोंनों ही बात गलत हैं और ये एक आश्चर्यजनक सत्य है.






वर्तमान मेडीकल सांइस में जितनी खोज हो चुकी है उसके आधार पर कोई भी अभी भी नहीं बता सकता कि मन आखिर है क्या और हैं कहाँ .हांलाकि इस तरह की बात कहना उचित नहीं है फ़िर भी आगामी सौ साल बाद , हजार साल बाद भी ये प्रश्न का उत्तर ज्यों का त्यों ही रहेगा .




आज मान लीजिये कि नासा के प्रोजेक्ट देख कर संसार हैरत में है और नासा का सबसे बङा मिशन है . ऐसे किसी दूसरे ग्रह की तलाश जिस पर किसी भी प्रकार का जीवन हो या फ़िर हमारी तरह की मनुष्य सभ्यता वहाँ निवास करती हो . इस पर अरबों डालर का खर्च आता है .अब जरा आप बहुत लोकप्रिय पुस्तक तुलसी की रामायण का उत्तरकाण्ड खोलकर देंखे तो नासा की तमाम खोज तमाम प्रयास आपको बचकाने लगेगें . इसमें तुलसी ने काकभुसुन्डी के माध्यम से अनेको स्रष्टियों का वर्णन किया है . 








वास्तव में मन है पर वहाँ कहीं नहीं जहाँ हम समझते हैं . बुधि भी मन का ही दूसरा रूप है. बुधि मन का ही परिशोधित रूप है. मन जब कोई फैसला करता है तो उसे बुधि कहते हैं. चित भी मन का ही तीसरा रूप है. मन जब कल्पना करता है तो उसे चित कहते हैं. मन जब कोई कियृा करता है तो उसे अंहकार कहते हैं. तो इस जगत में या कहीं भी सारा खेल ही मन का है. लेकिन वास्तव में वो कया है जिसे मन कहते हैं! 




 बहुत से लोग इस गलतफ़हमी के शिकार हैं कि इस सृष्टि को ब्रह्मा ने बनाया है । आईये इसको भी जानते हैं । सात दीप । नव खन्ड के । इस राज्य का मालिक । निरंजन यानी ररंकार यानी राम यानी कृष्ण यानी काल पुरुष यानी मन है । यह सृष्टि निर्माण के बाद अपने आरीजनल रूप को गुप्त करके हमेशा के लिये अदृष्य हो गया । वास्तव में इसकी पत्नी और इसके तीन बच्चे ब्रह्मा विष्णु शंकर भी इसको अपनी इच्छा से नहीं देख सकते हैं । यह अपनी इच्छा से ही किसी को मिलता है । आपको याद होगा । राम अवतार के समय शंकर ने कहा था । हरि व्यापक सर्वत्र समाना । प्रेम से प्रकट होत मैं जाना ।

तब भी इसकी सिर्फ़ आवाज ही आकाशवाणी के द्वारा सुनाई दी थी । वास्तव में यही राम कृष्ण के रूप में अवतार लेता है । और वेद आदि धर्म ग्रन्थ इसी की प्रेरणा से रचे गये हैं । वेदों को तो इसने स्वंय रचा है । सारे धर्म ग्रन्थों में यही संदेश देता है । इसकी पत्नी अष्टांगी कन्या यानी आध्या शक्ति यानी सीता यानी राधा यानी ब्रह्मा विष्णु शंकर की माँ यानी प्रकृति यानी सृष्टि की पहली औरत है ।



वेदांत के नजरीये से कहा जाय तो मन नाम की कोई वस्तु ही नही है, वह मात्र एक आभास है। जब शरीर-बुद्धि-अहंकार सयुक्त होते है तब एक उर्जा का निर्माण होता है वह उर्चाका नाम चित्तशक्ति कहलाता है। यह शक्ति का पर्यायवाचि शब्द ही मन के नाम से संसार में जाना जाता है। हालाकि मन और आत्मा दो अलग अलग नही है, जबकी वह अलग अलग दिखते जरुर है। जब आत्मा निष्किर्य, निर्लिप्त अवस्था में रहता है तब उसे आत्मा कहते है और जब वह सक्रिय रहता है तब उसे मन कहा जाता है। जब आत्मा शरीर-बुद्धि-अहंकार को स्विकार करता है उससे आश्कत रहता है तब वह मन कहलाता है अन्यथा वह सिर्फ निराकार, निगुण आत्मा ही होता है। 




शरीर, बुद्धि, संसार यह सब चित्तशक्ति का हि परिणाम है जो आत्मा की नीजकी शक्ति कहलाती है। आश्कति के कारण ही आत्मा अपनी शक्ति का उपयोग करके यह सब सृष्टि रचता है और एक समय ऐसा आता है जब वह आशक्ति रहीत हो कर सर्वव्यापक परमात्मा में लिन हो जाता है। 








परमात्मा और आत्मा एक ही है पर विभिन्न आश्क्तिओं के कारण मन-चित्त बहुतरे दिखते है और वह अपना अपना संसार निर्माण कर मनोनाश होने तक उसमें आत्मा को खिचकर बाधित करते रहते है। यह सिर्फ मेरी समज है हालाकि ज्ञानिलोग उसमें कुच प्रकाश डाल सकते है जो सब के लिए लाभदाई हो सकता है।

Wednesday 11 April 2018

जाने-दुनिया के पक्षी और जानवर जो अब विलुप्त होने की कगार पर है!





कई जानवर और पौधे प्रजातियां विलुप्त हो गई हैं और कई और अधिक गंभीर खतरे में हैं। क्या हम पृथ्वी के वन्यजीवों की रक्षा करने और प्राकृतिक दुनिया की रक्षा करने के तरीकों का पता लगा सकते हैं? लेकिन कोई उन उपाय को अपनाएंगे नहीं तो दोस्तों आज की पोस्ट जीव जंतुओ पर ही आधारित है जो अभी इस दुनियां में नहीं है , और कुछ शेष रहे है तो वह भी ख़त्म होने की कगार पर है! 

   अवश्य पढ़े-  पशु-पक्षी हमारे दोस्त है! हमें इनकी मदद करनी चाहिए!  

           मेरा यह मानना है की हम इनकी रक्षा नहीं कर सकते है परन्तु इनके बारे में जान तो सकते है! क्यूंकि दोस्तों इनकी भी दुनिया हमारे जैसे ही रही होगी! 
         
         अब यह एक सोचने का मात्र साधन रह गया है क्यूंकि दुनिया इतनी तरक्की जो कर रही जिसकी वजह से इन स्थलधारी जीवों की और कोई ध्यान नहीं देता है जिसके कारण इनके जीवन पर संकट के काले बदल छाए हुए जो अब बिलकुल समाप्त या विलुप्त होने की कगार पर  है! 
        
           दोस्तों मैं कोई दूसरे देश की बात नहीं कर रहा हूँ! मै  अपने देश की बात कर रहा हूँ क्योंकि अपने देश में भी बहुत जीव जंतु , पशु  , जानवर और पक्षी है लेकिन इनके ऊपर भी संकट के बदल छाए हुए है अब आप यही से समझ सकते हो! 


           पहले के समय में गॉवों में बैल और  भेसा बहुत हुआ करते थे लेकिन आज के दौर में आप गॉव में जाकर देखोंगे वो विलुप होते जा रहे थे! 

           उस समय बैल किसानो का प्रमुख साधन हुआ करता था या यूँ कहे की बैल किसान का दांया हाथ हुआ करता था लेकिन आज के समय में देख लो , गावों में कुछ भी नज़र नहीं आएगा! क्यूंकि इनके जगह आज की मशीनी तकनीकों ने जो ले ली है! 




     


पशु संरक्षण बहुत जरूरी है 


कई जानवर और पौधे प्रजातियां विलुप्त हो गई हैं और कई और अधिक गंभीर खतरे में हैं। धरती के वन्यजीवों की रक्षा करने और प्राकृतिक दुनिया की रक्षा करने के तरीकों को ढूंढना अब पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।





विलुप्त होने के अनेक कारण 


विलुप्त होने एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। मनुष्य विकसित होने से पहले कई प्रजातियां मौजूद थीं। हालांकि, पिछले 400 वर्षों में, जानवरों और पौधों की विलुप्त होने की संख्या संकट बिंदु पर पहुंच गई है। मानव आबादी के स्तर में नाटकीय रूप से एक ही समय की अवधि में वृद्धि हुई है और प्राकृतिक संसाधनों की अपनी क्रूर खपत के साथ मनुष्य की हिंसक प्रवृत्ति को सीधे स्थिति के लिए जिम्मेदार बनाया गया है! 





डोडो पक्षी नहीं है

डोडो का एक उत्कृष्ट उदाहरण है कि मानव व्यवहार पृथ्वी की जैविक विविधता को अपूरणीय क्षति क्यों पैदा कर सकता है। उड़ान रहित डोडो हिंद महासागर में मॉरीशस द्वीप के मूल निवासी था। यह द्वीप के पेड़ों से गिर गया फल रहता था और जब तक इंसानों को 1505 तक नहीं पहुंचा दिया जाता था, तब तक वे जीवित नहीं रहते थे। नाविक पक्षी नाविकों के लिए भोजन का स्रोत बन गए थे और पशुओं से खुद को बचाने की क्षमता की कमी थी जैसे कि सूअर, बंदर और चूहे । डोडोस की आबादी में तेजी से कमी आई और आखिरी एक को 1681 में मार दिया गया।





लुप्तप्राय जानवर

2002 में, कई जानवरों को मानव गतिविधि के परिणामस्वरूप विलुप्त होने के साथ धमकी दी जाती है। विश्व वन्यजीव कोष इन जानवरों का सामना करने की स्थिति के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अथक प्रयास करता है और उनकी रक्षा करने के तरीके ढूंढता है। कई प्रोफाइल पर ध्यान केंद्रित करके, राइनो, पांडा, व्हेल और शेर जैसे 'करिश्माई आइकॉन', डब्ल्यूडब्ल्यूएफ का उद्देश्य 'गंभीर रूप से महत्वपूर्ण पर्यावरणीय मुद्दों' को संवाद करना है। संगठन का अंतिम लक्ष्य 'ग्रह के प्राकृतिक वातावरण के क्षरण को रोकने के लिए और भविष्य को बनाने के लिए है, जिसमें मनुष्य स्वभाव के अनुरूप रहती हैं'।







व्हेल


इंटरनेशनल व्हेलिंग कमिशन हर साल मिलता है एजेंडा में प्रजातियों के अस्तित्व को सुनिश्चित करने और जापान जैसे देशों से होने वाली जटिल समस्याओं को सुनिश्चित करने के तरीके शामिल हैं, जो 'वैज्ञानिक' प्रयोजनों के लिए कुछ व्हेल शिकार करने के इच्छुक हैं। इस तथ्य के बावजूद कि दुनिया के एक तिहाई महासागरों को व्हेल अभयारण्य घोषित किया गया है, 13 में से सात व्हेल प्रजातियां लुप्तप्राय रहती हैं। उत्तर अटलांटिक राइट व्हेल की दुर्दशा विशेष रूप से गंभीर है तेल की उनकी समृद्ध आपूर्ति के लिए शिकार, उनकी संख्या सिर्फ 300 तक घट गई है। जहाजों के साथ टकराव, जहरीले प्रदूषण और मछली पकड़ने के जाल में उलझे हुए व्हेल की मौत के अन्य प्रमुख कारण हैं।








टाइगर्स


पिछले 100 वर्षों में शेष बाघों की संख्या में 5% से 5000 से 7,000 तक की कमी हुई है और बाली, जावन और कैस्पियन बाघ पहले से ही विलुप्त हैं। दक्षिण चीन के शेर में गायब होने के लगभग करीब 20-30 अभी भी जिंदा जीवित हैं। पारंपरिक चीनी दवाओं के लिए राइनो सींग, बाघ की हड्डियों और अंगों की तरह मांग की जाती है। ये आइटम बाघ की खाल के साथ अवैध रूप से कारोबार कर रहे हैं!









 कार्रवाई करनी चाहिए


डब्ल्यूडब्ल्यूएफ सक्रिय रूप से लुप्तप्राय जानवरों के प्राकृतिक आवासों को और अधिक क्षति से बचाने और शिकारियों की गतिविधियों को रोकने के लिए दुनिया के कई क्षेत्रों में सक्रिय रूप से शामिल है। वे प्रदूषण और वनों की कटाई के खतरे को कम करने के उद्देश्य से कानूनों को लागू करने के लिए सरकारों और नीति निर्माताओं को प्रभावित करने के लिए भी काम करते हैं। घर और कार्यस्थल में हमारा अपना व्यक्तिगत प्रयास भी एक अंतर बना सकते हैं। अपशिष्ट और प्रदूषण को कम करने, जल, लकड़ी और ऊर्जा को बचाने और जब भी संभव हो, पुन: उपयोग और पुनर्चक्रण करके, हम और भी अधिक जानवरों की हार की संभावना को कम कर सकते हैं, कभी भी वापस नहीं लौट सकते।

Saturday 31 March 2018

अप्रेल फूल मानाने वालो! पहले इसके पीछे का सच जान लो! जरूर पढ़े!

 अप्रेल फूल मानाने वालो! पहले इसके पीछे का सच जान लो! जरूर पढ़े!




                 


                 नमस्ते दोस्तों आज जो  पोस्ट लेकर आया हूँ वो सायद आपके लिए एक दर्पण के जैसे काम कर जाय! लेकिन   इससे पहले आपको बताना चाहूंगा यह पोस्ट किसी राजनीतिक संगठन से सबन्धित नहीं है और मेरा उद्देश्य किसी समाज अथवा संगठन को ठेस पहुंचना नहीं है लेकिन हम हिन्दू है तो इसके पीछे का सच जानना हमारे लिए बहुत जरूरी है!

  आप जानते है यह 

                   आप जानते है की आज के दिन मतलब 1 अप्रेल को मूर्खता दिवस मानते है! परन्तु दोस्तों सायद आपको इसके बारे में पता नहीं होगा तो जरूर पढ़े और पसंद आये तो आगे भी शेयर करे ..धन्यवाद!

 दोस्तों "अप्रैल फूल" किसी को कहने से पहले इसकी वास्तविक सत्यता हमे जरुर जान लेना चाहिए .! पावन महीने की शुरुआत को मूर्खता दिवस कह रहे हो! पता भी है क्यों कहते है अप्रैल फूल (अप्रैल फुल का अर्थ है - हिन्दुओ का मूर्खता दिवस).??  जी हाँ सही पढ़ा आपने!


यह है मूर्खता का प्रमाण!!!!

ये  देश की  आजादी से पहले  अंग्रेजों  की देन है…
मुर्ख हिन्दू कैसे समझें "अप्रैल फूल" का मतलब बड़े
दिनों से बिना सोचे समझे चल रहा है अप्रैल फूल,
अप्रैल फूल ???
इसका मतलब क्या है.?? दरअसल जब ईसाइयत अंग्रेजो
द्वारा हमे 1 जनवरी का नववर्ष थोपा गया तो उस
समय लोग विक्रमी संवत के अनुसार 1 अप्रैल से नया साल मनाते थे, जो आज भी सच्चे हिन्दुओ
द्वारा मनाया जाता है!


यह सच है !!!



आज भी हमारे बहीखातेर बैंक 31 मार्च को बंद होते है और 1 अप्रैल से शुरू
होते है, पर उस समय जब भारत गुलाम था तो ईसाइयत
ने विक्रमी संवत का नाश करने के लिए साजिश करते
हुए 1 अप्रैल को मूर्खता दिवस "अप्रैल फूल" का नाम
दे दिया ताकि हमारी सभ्यता मूर्खता लगे अब आप
ही सोचो अप्रैल फूल कहने वाले कितने सही हो आप.?


लेकिन हमे अब कुछ भूलना नहीं-


यादरखो अप्रैल माह से जुड़े हुए इतिहासिक दिन और
त्यौहार
1. हिन्दुओं का पावन महिना इस दिन से शुरू होता है
(शुक्ल प्रतिपदा)
2. हिन्दुओ के रीति -रिवाज़ सब इस दिन के कलेण्डर
के अनुसार बनाये जाते है।
6. आज का दिन दुनिया को दिशा देने वाला है।
अंग्रेज ईसाई, हिन्दुओ के विरुध थे इसलिए हिन्दू के
त्योहारों को मूर्खता का दिन कहते थे और आप
हिन्दू भी बहुत शान से कह रहे हो.!!
गुलाम मानसिकता का सुबूत ना दो अप्रैल फूल लिख के!


यह इसलिए मनाया गया था- 



अप्रेल  फूल सिर्फ भारतीय सनातन कलेण्डर, जिसको
पूरा विश्व फॉलो करता था उसको भुलाने और
मजाक उड़ाने के लिए बनाया गया था। 1582 में पोप
ग्रेगोरी ने नया कलेण्डर अपनाने का फरमान
जारी
कर दिया जिसमें 1 जनवरी को नया साल का प्रथम
दिन बनाया गया।
जिन लोगो ने इसको मानने से इंकार किया, उनको 1
अप्रैल को मजाक उड़ाना शुरू कर दिया और धीरे-
धीरे
1 अप्रैल नया साल का नया दिन होने के बजाय मूर्ख
दिवस बन गया।आज भारत के सभी लोग अपनी ही
संस्कृति का मजाक उड़ाते हुए अप्रैल फूल डे मना रहे
है। हम कट्टर हिन्दू है , फिर क्यों मना रहे!


हम कटटर हिन्दू है याद रखो- 



जागो हिन्दुओ जागो।।
अपने धर्म को पहचानो।
हम कटटर हिन्दू है

सब हिन्दुओ के साथ साझा करे!  

इस जानकारी को इतना फैलाओ कि कोई भी आज के दिन यानी  1 अप्रैल को  मूर्खता न मनाये यदि वो मनाता है तो वह स्वयं अपनी मूर्खता का परिचय  देता है और अंग्रेजों द्वारा प्रसिद्ध किया गया ये हिंदुओं का मजाक बंद होजाये । दोस्तों इस पोस्ट को इतना share  करों  ताकि देश के कोने कोने के हर एक हिन्दुओ तक यह सन्देश पहुँचे ...धन्यवाद

Sunday 18 March 2018

ऐसे याद करोगे तो आप कभी कुछ भूल ही नहीं सकते






दोस्तों हमारे पास पढ़ने के लिए बहुत बुक्स होती है , लेकिन हम उनको पढ़ नहीं पाते है क्यों नहीं पढ़ पाते है उसका कारण है वह हमें समझ में नहीं आती और इसलिए हम उनको पढ़ नहीं पाते और पढ़ते भी है तो भूल जाते है ऐसा क्यों होता है पता है आपको नहीं न तो दोस्तों आज इस पोस्ट में अपनी पढ़ाई से संबंधी ट्रिक जानेंगे .जरूर पढ़े!
(१).उत्सुकता(interesting)- जब हम कोई भी कार्य करते है तो हम boring तो जरूर हो ही जाते है लेकिन यही काम यदि दिलचस्पी के साथ किया जाय तो हम आराम से याद कर सकते है तो दोस्तों आप सबसे पहले तो वो विषय पढ़ो जिसमे आपका intrest हो जिससे आप कभी
boring नहीं होते हो , बस उसे अच्छे से याद करे!
(२).शांत वातावरण- दोस्तों हर कोई चाहता है की वह पढ़ते वक्त कोई उसे disturb न करे और वह disturb तभी होगा जब उसके आसपास का वातावरण सौरगुल होगा! तो दोस्तों पढ़ने के लिए शांत वातावरण का होना बहुत आवश्य्क होता है! जब भी आप घर में या अपने स्कूल में पढ़ने के लिए शांत जगह चुने और मन लगा कर पढ़े!
(३).स्वस्थ- दोस्तों स्वस्थ का हमारे जीवन में बहुत महत्व है यदि हमारा स्वस्थ अच्छा नही लगेगा तो हम पढ़ाइ करने में भी दिक्कत आएगी तो आप स्वस्थ का ध्यान रखे!
(४).एकाग्रता- पढ़ाइ करने के लिए एकाग्रता का होना अति आवश्यक है आप पढ़ते वक्त अपने दिमाग में एकाग्रता का अनुभव करे और पढ़े!
(५).ध्यान- ध्यान आता है एकाग्रता से आप अपना ध्यान अपनी पढ़ाइ पर केंद्रित करो पढ़ते समय शब्दों के अर्थ समझना बहुत जरूरी होता है आप पढ़ते वक्त ध्यान को सिर्फ अपने विषय पर लगाना है ताकि जिससे आपको अधिक समझ में आये!






इसके लिए एक उदाहरण देता हूँ!
           हम जिस घर में रहते है उस घर की याद हमारे दिमाग में छाप छोड़ जाती है वह हमेशा के लिए बस जाती है हमारे मस्तिष्क में क्यूंकि उस समय हम हमारे घर में रहते है तो वह की प्रत्येक बस्तु हमें याद होती है ठीक उसी प्रकार जैसे एक फिल्म  को फिल्माया जाता है वैसे ही हम भी अपने मस्तिष्क में अपनी यादों को इस प्रकार याद कर सकते है
         आप जब पढ़ते हो तो उस समय अपने दिमाग उस पढ़ाई से संबधित कल्पना कर सकते हो , कल्पना में आप कुछ भी सोच सकते हो , कोई आपके पढ़ाई से सम्बंधित कहानी बना सकते हो अपने मन में , जब आप पढ़ते हो तो उसे समझ कर पढ़े और साथ में अपने दिमाग में कल्पना भी करते चले ताकि जब आप लिखोगे तो वह उस कहानी के द्वारा याद आ जाये
          कुछ भी पढ़ते वक्त हमारा ध्यान का फॉक्स मात्र हमारी पढ़ाइ पर होना चाहिए!दोस्तों नीचे दिए लिंक क्लिक कर भी जान सकते हो..धन्यवाद
प्रेरणादायक विचार
क्यों सब लोग हमारी परीक्षा लेते है?
आत्मविश्वास को कैसे बढ़ाये? जाने 5 तारीखे हिंदी में!

Wednesday 14 March 2018

जाने दिमाग से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण रोचक हिंदी विचार


www.hindivichar597.online हमारा दिमाग केसा होता है? यह काम कैसे करता है? अदि सवाल हमारे दिमाग में आते है तो दोस्तों ऐसे विचार मेरे दिमाग में बहुत दिनों से आ रहे है , जो की मुझे अंदर ही अंदर सोचने पर मजबूर कर रहे है और आपको भी ऐसे विचार आते ही होंगे यह तो जाहिर बात है! लेकिन फिर भी , हमारे पास दिमाग के बारे में ऐसे सवालों के जवाब तो होना ही चाहिए! दोस्तों आज हम हिंदी विचार में दिमाग से सबंधित कुछ रोचक विचार , कुछ रोचक तथ्य जो हमारे लिए न सुलझे हुए रहस्य के जैसे है उन्ही के बारे में जानकारी आप पढ़ने वाले है! आप मेरे लिए ना सही लेकिन अपने दिमाग के लिए जरूर समय निकले और जाने अपने दिमाक के बारे में रोचक तथ्य...🙏🙏





  1. हमारा दिमाग पांच साल की उम्र तक मात्र 95% बढ़ता है इसके बाद में हम जब बड़े हो जाते है यानी 18 की उम्र तक हमारा दिमाग पूर्ण रूप से विकसित यानि 100% बढ़ जाता है 
  2. हमारे दिमाग को दो हिस्सों में विभाजित किया गया! यदि हमारे आधे हिस्से में सर्जरी होती है तो हम अपनी यादों को नहीं भूलते है 
  3. हम जब किसी को नजदीक से या उसकी आँखो में नजरे मिलाते है , उस समय हमारे दिमाग का right वाला हिस्सा काम करता है! 
  4. हमारा दिमाग में इतनी शक्ति होती है , जो की 12 से 24 वाट की बिजली उतपन्न कर सकता है!  
  5. एक सामन्य मनुष्य के दिमाग में एक दिन 50 हजार से भी अधिक विचार आते है , जिसमे से 70% उसके विचार नकारात्मक होते है! 
  6. यदि तुलना की जाय तो पुरषों का दिमाग , महिलाओं के दिमाग से 10% बड़ा होता है!  
  7. हमारे दिमाग की मेमोरी भी किसी कंप्यूटर से कम नहीं , परन्तु कंप्यूटर की मेमोरी भर जाती है लेकिन हमारे दिमाग की मेमोरी कभी नहीं full ही नहीं होती यह अनलिमिटेड है!
  8. हमारे दिमाग में न्युरॉन पाए जाते है जिस्मे से हर एक न्यूरॉन लगभग 40 हजार से भी अधिक गुणसुत्रीसंयोजनों से जुड़े रहते है! 
  9. दिमाग की सभी कोशिकाएं अलग अलग होती है तथा दिमाग में न्यूरॉन की संख्या लगभग 100 अरब होती है! 
  10. यदि हमारे दिमाग को 5 मिनिट के अंदर ऑक्ससीजन  न मिले  तो यह हमेशा के लिए काम करना बंद कर देगा! 
  11. हमारे दिमाग में विचार करने की ,  सोचने एवं समझने तथा उसका निर्णय लेने की रफ़्तार 268 मील प्रति घंटा है ,  जो किसी रेसिंग स्पोर्ट के बराबर है! 
  12. बच्चों का दिमाग  TV देखने से विकसित नहीं होता है वह इतनी तेज कल्पना  नहीं कर सकते बल्कि उनका दिमाग  किताबे और लिखने पढ़ने से होता है क्यूंकि बच्चो का दिमाग इतना तेज नहीं होता है जितना की एक युवा व्यक्ति का!
  13. एक  स्वस्थ व्यक्ति के दिमाग में 80% पानी होता है!
  14. हमें बचपन के कुछ दिन याद नहीं होते है क्यूंकि उस समय हमारा दिमाग विकसित होता है मतलब हमारा  "HIPPOCAMPUS” विकसित नहीं होता है! 
  15. वैज्ञानिक शोधों से पता चलता है की हमारे दिमाग की खोज 6000 पहले सुमेर में की गयी है!                              www.hindivichar597.online
  16. हमारे दिमाग का 60% भाग सफेद रंग में है बाकि 40% भाग grey रंग का होता है जिसमे न्यूरॉन पाए जाते है! 
  17. चालीस साल की उम्र के बाद हमारा दिमाग सिकुड़ने लगता है!
  18. वजन की दृस्टि से एक रुसी लेखक "Ivan turgenew" का दिमाग 2.5  किलो था उसकी मृत्यु 1833 में हुई थी! 
  19. हमारा दिमाग कंप्यूटर से भी तेज प्रतिक्रिया करता है! 
  20. हमारा दिमाग बहुत जटिल संरचनाओ एवं कोशिकाओं  से मिलकर बना है इसमें लगभग 100 मिलियन न्यूरॉन एवं 1.1 ट्रिलियन कोशिकाएं है! 
  21. जब हमारे दिमाग में ब्लड सर्कुलेशन काम हो जाता है तब हमारा दिमाग काम करना बंद कर देते है! 
  22. हमारे दिमाग में दिन में विचार कम आते है बल्कि रात में अधिक आते है क्यूंकि उस समय हमारा दिमाग शांत रहता है!
  23. सबसे रोचक बात तो यह है की हमारे दिमाग की कोशिकाएं पूरे जीवन काल तक जीवित रहती है जबकि हमारे शरीर की अन्य कोशिकाएं परिवर्तित होती रहती है! 
  24. हमारी सभी जीवित कोशिकाओं में से मात्र 4% ही काम करती है बाकी सभी दिमाग के अंदर स्थाई रूप से रहती है! 
  25. यदि व्यक्ति चॉकलेट का सेवन करता है तो उसके दिमागी हालत सही होते है क्यूंकि चॉकलेट से  दिमाग को अच्छा महसूस होता है! 
  26. हँसते समय हमारा दिमाग बहुत तेज गति से कार्य करता है क्यों उस समय हमारा पूरा दिमाग कार्य करता है! www.hindivichar597.online 
  27. हमारे दिमाग में एक सेकंड के अंदर एक लाख रसायनिक प्रतिकिया होती है जो की निर्णय लेने में तीर्व गति से कार्य करती है! 
  28. हमारा दिमाग हमारे शरीर का लगभाग दो प्रतिशत होता है परन्तु  यह शरीर का बीस प्रतिशत खून तथा बीस प्रतिशत ऑक्सीजन उपयोग करता है! 
  29. एक गर्भवती महिला के दिमाग के न्यूरॉन्स की गिनती की जाय तो यह  2,00,000 न्यूरॉन  प्रति मिनिट बढ़ती है