नमस्कार दोस्तों आज के हिंदी विचार में आपके लिए एक कहानी लेकर आया हूँ जो की बहुत ही उम्दा और प्रेरणादायक है इस कहानी को आप सभी जरूर पढ़े ....धन्यवाद्
दोस्तों यह कहानी है , दो दोस्तों की , जो एक गांव में रहते थे! जिसमे से एक आठ साल का था , और दूसरा दस साल का , दोनों अच्छे दोस्त थे! बुल्कुल सोले फिल्म के जय और वीरू के जैसे दोनों हमेशा साथ रहा करते थे! साथ-साथ खेलते कूदते , साथ-साथ खाते-पीते और साथ-साथ नाचते गाते!
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फिर एक दिन वह दोनों अपने गांव से खेलते-खेलते दूर निकल जाते है! उनमे से एक दोस्त (दस साल वाला) , वह अचानक कुए में गिर जाता है और बहुत जोर से चीखता और चिल्लाता है! क्यूंकि उसे तैरना नहीं आता था!
अब जो दूसरा दोस्त था मतलब (आठ साल वाल) वह अपने आस-पास में देखता तो उसे कोई नज़र नहीं आ रहा था! ताकि वह बुला सके मदद के लिए!
तभी उसने नीचे एक बाल्टी और रस्सी देखि , तो उसने ना आव देखा और ताव देखा और जल्दी से उसने बाल्टी को कुए में फेक दिया!
तभी उसका दोस्त वह रस्सी पकड़ लेता है और बाल्टी के सहारे किनारे आ जाता है , लेकिन उसका दोस्त (आठ साल वाला) वह रस्सी पुरी ताकत और जोर के साथ खींचता रहा , खींचता रहा और वह तब खींचता रहा जब तक उसका दोस्त जो की उससे बड़ा था (दस साल का) , उसे वह (आठ साल का) दोस्त उसे तब तक खींचता रहा जब तक की वह उस कुए से बहार न निकल जाता!
अब यह कहानी यहाँ तक तो ठीक थी , मतलब यह कहानी हमें समज आ रही है , लेकिन वास्तव में हुआ क्या? वह दोनों इतने डर गए थे और एक दूसरे को गले लगा का रो रहे थे , क्यूंकि उससे (छोटे वाले दोस्त) ने अपने (बडे वाले दोस्त) को कुए से बहार खींच कर बचाया था , वह दोनों आश्चर्य में लींन हो गए थे!
क्यूंकि जैसे ही यह दोनों दोस्त एक हो गए और एक दूसरे से गले मिल रहे , रो रहे और खुश हो रहे तब उन्हें एक तरफ से उन्हें डर भी लग रहा था!
डर इसलिए था की अब गांव जायेंगे तो बहुत पिटाई होगी मतलब वह इस घटना की जानकारी बताएँगे की कुए गिरने के बाद केसे बचाया तो पता नहीं क्या होगा?
लेकिन सब से मज़े की बात तो , यह की वह दोनों अपने गांव गए और वहा जाकर अपने घर वालों और गांव के लोगों को बताया तो किसीने उन पर विश्वास ही नहीं किया उन दोनों पर!
वह सब लोग अपनी जगहे ठीक थे , क्यूंकि इतने से बच्चे में इतनी ताकत कहाँ से आई की वह अपने से (बड़े दोस्त को) खींच ले बहार वो भी कुए में से तो ऐसा सोच कर कोई उन पर विश्वास ही नहीं कर रहे थे! सब लोग सोच रहे थे ऐसा कैसे हो सकता है
क्यूंकि जो लड़का पानी की भरी बाल्टी बहार नहीं खींच सकता वह इतना वजन कैसे उठा सकता है? मतलब उन पर कोई भी विश्वास ही नहीं कर रहे थे!
लेकिन एक आदमी था उस गांव में , जिसने उन दोनों पर विश्वास कर लिया था , उन्हें सब गांव के लोग रहीम चाचा कहते थे , रहीम चाचा सबसे समझदार बुजुर्गों में से एक थे , और सब को लगा की यार यह झूठ नहीं बोलते है जरूर सच है इनकी बात में तभी रहीम चाचा इन पर विश्वास कर रहे तभी सारे गांव वाले इक्कठे होकर रहीम चाचा के पास चले जाते है!
और जाकर के पूछते है की देखिये हमें तो कुछ समझ आ नहीं रहा आप बताइये की ऐसा कैसे हो सकता है!
तभी चाचा को हंसी आ गयी और बोले में क्या बताऊँ बच्चे बता तो रहे है!
उसने बाल्टी को उठा कर कुए में फेखा और इसने बाल्टी को पकड़ा और अपनी पूरी ताकत से उसे खींच दिया और अपने दोस्त को बचा लिया!
कुछ देर बार सारे गांव वाले उनकी तरफ देखंने लगे!
बात यह नहीं की वह छोटा सा बच्चा कैसे कर पाया यहाँ सवाल यह है की वह यह क्यों कर पाया? उसमे इतनी ताकत कहाँ से आयी?
बस एक जवाब , सिर्फ एक जवाब है की- जिस वक्त उस बच्चे ने यह किया मतलब बढे वाले बच्चे को खींचा , उस समय दूर-दूर तक कोई नहीं था उस जगहे पर , बच्चे को यह बताने वाला की तू यह नहीं कर सकता! कोई नहीं था , कोई नहीं , वह खुद भी नहीं.....संदीप माहेश्वरी
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