नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारे हिंदी विचार ब्लॉग में , दोस्तों आज के हिंदी विचार ब्लॉग में आपको बहुत ही इंट्रेस्टिंग जानकारी बताने जा रहा हूँ जो हम सब के लिए बहुत जरूरी है दोस्तों आप सभी को पता होगा ही की हमें आलश्य आता है तो कही न कही से हमारा नुकशान ही होता है!आज हम जानेगे की-
- आलश्य क्या है और इसे कैसे दूर किया जाए?
- आलश्य को दूर करना हमारे लिए क्यों जरूरी है?
- क्या वकाई में आलश्य मनुष्य का शत्रु है?
- आदि सवालों के बारे में जानेंगे!
also read:- सभी परीक्षाओं में आने वाले GK प्रश्न और उत्तर पढ़े दोस्तों सबसे पहला हमारा प्रश्न यह है की आलश्य क्या है? दोस्तों आलश्य मनुष्य की गंभीर समस्या का दूसरा नाम है यह मनुष्य पर इस प्रकार से हावी हो जाता है जैसे उसे किसी प्रकार की लत लग गयी हो!
कुछ लोगों को तो अपना सबसे जरूरी समय तक गवाना पढता है मतलब यदि उन्हें जरूरी काम के बीच आलश्य आ जाय तो वह काम को अधूरा ही छोड़ देते है या फिर पूरे जोश और स्पूर्ति के साथ उस कार्य को नहीं करते है , जिससे उन्हें बहुत जोखिमों का सामना करना पढता है!
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जैसे की
मुझे ही देख लो मेने इस ब्लॉग को लिखने की प्लानिंग पूरे तीन घंटे की , की थी लेकिन हुआ क्या?
मुझे इस बीच आलश्य , मतलब नींद आ गयी और में सो गया इस तरह यह ब्लॉग लिखने में पूरे तीन घंटे की वजह पूरा एक दिन लगा दिया अब हुआ क्या मेरा तो समय बर्बाद हो गया न!
दोस्तों ऐसा ही आपके साथ भी होता है जब भी आप कोई इम्पोर्टेन्ट काम करने जाते हो! लेकिन उस समय क्या होता? आपको आलश्य आ जाता है और आप सो जाते हो या फिर उस काम को अच्छे से नहीं कर पाते हो! जिसकी वजह से आपको बहुत समस्या का सामना करना पड़ता है!
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इस लिए दोस्तों इस पोस्ट को आप अच्छे से समझते हुए पढ़ना क्यूंकि में आपको इसकी गहराई में लेकर जा रहा हूँ ताकि आपको समझ आ जाए , जो यह हमारा आलश्य है आखिर यह है क्या?
दोस्तों जहाँ तक मुझे पता है की हमें आलश्य तभी आता है जब हमारे पास अधिक काम होता हो या फिर उस कार्य को करने में हमारी कोई दिलचस्पी न हो उस कार्य को करने में हमें कोई Intrest न हो उस समय हमे आलश्य का शिकार होना पढता है और हम अपने ऑफिस या कोई और वर्क को अच्छे से नहीं कर पाते है जिससे हमें बहुत नुकशान होता है!
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कभी कभी तो कुछ लोगो को अपने बॉस के द्वारा डॉट या पनिशमेंट का भी शिकार होना पढता है और यह सब होता है उनके काम की वजह से मतलब वह लोग उस काम को पूरे दिलचस्पी के साथ नहीं कर पाते है!
दोस्तों आपको एक छोटा साथ उदाहरण बताता हूँ!
जब हम स्कूल जाते थे तब क्या होता था हमारे साथ पता होगा आपको , हम स्कूल नहीं जाने के बहाने बनाते थे कभी सरदर्द तो कभी पेटदर्द या कुछ और! लेकिन मम्मी के थप्पड़ और पापा के डर से हमें स्कूल जाना ही पड़ता था! ऐसा क्यों होता था क्यूंकि हमे पढ़ाई करने में आलश्य आता है और हमारा पढ़ाई में इतना इंट्रेस्ट भी नहीं होता है इसलिए हम स्कूल नहीं जाने के बहाने बनाते है!
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वही इसके दूसरी और या विपरीत देखा जाए तो क्या होगा?
मेने आपको ऊपर बताया की हम स्कूल नहीं जाते थे क्यूंकि हमारा पढ़ाई में कोई इंट्रेस्ट नहीं था! लेकिन वही इसके विपरीत देखा जाये तो हम दिन भर खेलने-कूदने और सोशल मीडिया फेसबुक , व्हाट्सअप और मोबाइल चलाने में हम कभी बोरिंग फील नहीं होते वल्कि इच्छा होती है की दिन भर फेसबुक और व्हटसअप में लगे रहो क्यूंकि हमें अच्छा लगता है और इन सब में हमारा इंट्रेस्ट है!इसलिए हम टाइमपास करते रहते है न की कोई काम!
मतलब क्या समझे इस उदहारण का आप की जहाँ पर काम करने में मजा होगा या इंट्रेस्ट होगा वह पर आलश्य नहीं होगा और वही इसके विपरीत जहाँ पर जिस काम को करने में कोई इंट्रेस्ट या मजा नहीं होगा वह पर हमें आलश्य का सामना करना पढ़ेगा , मतलब पूरा काम हमारे इंट्रेस्ट या दिलचस्पी का है!
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अब यहाँ पे यह दिलचस्पी शब्द को अच्छे से समझ लेना मतलब आलश्य तभी आएगा जब हम कोई काम बिना दिलचस्पी या इंट्रेस्ट के करते है वही किसी काम को इंट्रेस्ट या दिलचस्पी के साथ करेंगे तो क्या होगा वह काम हो जायेगा और आलश्य भी नहीं आएगा!
दोस्तों हम आलश्य को दूर करने से पहले इसके प्रमुख कारणों के बारे में जान लेते है?
नींद का पूरा न होना:- जी हाँ दोस्तों हमें सबसे अधिक आलश्य तभी आता है जब हमारी नींद पूरी नहीं हो पाती है मतलब हम अच्छे से सो नहीं पाते है जिसके कारण हमें कोई कार्य करते वक्त बहुत नींद और तनाव महसूस होता है जिससे हम कोई भी काम को अच्छे से नहीं कर पाते है!
आवश्यकता से अधिक भोजन करना:- आप सभी को पता होगा ही की जब हम अधिक भोजन कर लेते है तो इसके बाद हमें गहरी नीन्द आती है और आलश्य का सामना करना पडता है जिसके कारण हम कोई भी कार्य अच्छे से नहीं कर पाते है!
कार्य को व्यवस्थित ढंग से नहीं करना:- कार्य कम हो या अधिक इससे फर्क नहीं पडता यदि किसी काम को व्यवस्थित ढंग से नहीं करते है तो इसके कारण भी हमें आलश्य जैसा महसूस होने लगता है और काम के प्रेस्सर से हमे आलस्य आने लगता है!
कमजोरी या किसी बिमारी का शिकार होना:- जहाँ तक मुझे पता है एक बीमार व्यक्ति को बहुत कामजोरी का सामना करना पड़ता है और जिसके चलते वह कोई कार्य नहीं कर पाता है और आलस्य का शिकार हो जाता है!
नियमित व्यायाम या ध्यान न करना:- दोस्तों यदि आप अपने शरीर को थोड़ा रेलक्स नहीं करोगे तो इससे आपको आलस्य जैसी बिमारी का सामना करना पड़ सकता है जो आपके लिए बिलकुल सही नहीं है!
दोस्तों मेने आपको आलश्य के प्रमुख पांच कारण बताये है वैसे तो आलश्य आने के अनेको कारण है!
अब सवाल यह आता है की हम आलश्य को कैसे दूर करे?
दोस्तों आलश्य को दूर करने के लिए दिलचस्पी का होना अनिवार्य है!
आलश्य को दूर करने के लिए इन बातों का ध्यान रखे एवं इन बातों को अपने जीवन में आपनाये.
हमेशा अपने मन में कुछ अलग और नया करने की इच्छा रखे!
हमेशा अपने आपको और अपने दिमाग को तेज और हरदम स्वचलित रखे!
दोस्तों कुछ ऐसा कार्य करे जिसमे आपका इंट्रेस्ट या दिलचस्पी हो!
यदि आपको कोई ऐसा काम मिला करने के लिए जिसको करने से आपको आलश्य आता है , उस काम को अपने अनुसार अलग करने चाह और इच्छाशक्ति से करने की कोशिश करे!
ऐसा क्यों होता है की कुछ चीजे या काम जो आपको मजबूरी में करने पड़ते है!
दोस्तों मै ऐसा नहीं कह रहा हूँ की आप यह काम न करे , लेकिन आपको समझना चाहिए की आपके पास वो शक्ति है जिसमे आप दुनियां को कुछ अलग और नया कर के दिखा सकते हो!
अब यहाँ पे सवाल है की:-
क्या कुछ नया नहीं है क्या इस दुनिया में कुछ नया करने के लिए कुछ सीखने नया सिखने के लिए!
अगर आपको अपनी लाइफ में कुछ अलग करना है , कुछ इंट्रेस्टिंग बनाना है , तो इस गलतफ़हमी से सबसे पहले बहार आना पड़ेगा!
आप लोगों को सोचना चाहिए की कोई और आपकि लाइफ को इंटरस्टिंग बनाने वाला नहीं है!
अगर आपकी लाइफ का ठेका आपने किसी और को दे दिया वह कोई भी हो तो समझ जाओ आपकी लाइफ बहुत बोरिंग और बेकार वाली है!
दोस्तों आपको अपनी लाइफ का ठेका आपको खुद उठाना पड़ेगा , मेरी लाइफ का ठेका मेरे हाथ में है , मुझे समझा है की मुझे क्या करना है और क्या नहीं करना है!
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