Thursday 22 March 2018

जाने-- जीवन में धैर्यता का महत्व! The Importance Of Patience In Life









          दोस्तों
जीवन  में कठिन से कठिन परिस्थितियों एवं समस्यों का सामना करना , तथा उन पर विजय पाना ही धैर्यता है! ज़िंदगी में चाहे किसी भी समस्या या परिस्थिति अथवा कठिनाईयाँ हो उनको सहन करने की कला को धैर्यता कहते है! हमें हमारे जीवन में प्रगतिशील होना , और साथ में स्वम् और दूसरों को खुश रखना ही धैर्यता का प्रतिक है! धैर्य हमारे जीवन में ज्ञान और बुद्धि का परम् मित्र है! यदि हमारे जीवन में सुख शांति , खुशियां यह सब हमारे लक्ष्य है , तो धैर्य लक्ष्य का साथी है! जीवन में धैर्य को अपनाकर कार्य करना जितना सरल  है उससे भी कही गुना अधिक उसका फल होता है , यह जीवन में अद्भुत शक्ति के रूप में कार्य करता है!

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          दोस्तों यदि हमे हमारे जीवन में आगे बढ़ना है और शांति से लक्ष्य की प्राप्ति करनी है तो धैर्यता , सयम और सहनशीलता का रास्ता आपनाना होगा यही हमें हमारी मंजिल तक पहुचायेगे! हमारे जीवन में धैर्य नहीं है तो अनेक छोटी-बड़ी परेशानियाँ उत्पन्न होती है! अतः हमें जीवन के रास्ते पर सुखमय और शांतिपूर्ण चलना है तो धैर्य को का रास्ता जरूर ग्रहण करना चाहिए यह एक उत्तम गुण है!




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        यदि हमारा मन और तन साथ में हमारा शरीर , मस्तिष्क अगर धैर्यता और सयम से काम नहीं करेगा तो यह हमारे लिए परेशानियाँ पैदा कर सकता है जैसे हम यातायात में वाहन  चला रहे है तो हमें धैर्यता के साथ वाहन  पर यात्रा करनी चाहिए! अगर हम यातायात में अपने धैर्य को अनदेखा और उसकी अवहलना करेंगे तो हमें परेशानियों का सामना करना पढ़ेगा! ट्रैफिक जाम , एक्सीडेंट व् लोगों का आक्रोश आदि परेशानिया उत्त्पन्न हो जाती है! इसलिए हमें अपने धैर्य को काबू में करके रखे एवं सही निर्णय ले और साथ में अपने जीवन में  धैर्य को मित्र बना के  रखना आवश्यक है!




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             हमारे जीवन में धैर्य , सहनशीलता , और संयम हमेशा अपना मूल्य चुकाते है! मनुष्य को अपने द्वारा कार्य करने के लिए धैर्यता के भाव को अपनाना चाहिए मनुष्य को दृंढ़निश्चय और कठिन कार्य ही दूसरों से शक्तशाली व् कमजोर होने का फर्क कराते है! यदि मनुष्य चाहे तो किसी भी कार्य हो प्रगति और निरंतरता से करे तो उसकी सभी कठिनाइयां दूर हो जाती है!




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               दोस्तों हमारे इतिहास में कई ऐसे उदाहरण है और अभी भी देखने को मिल जाते है जो बिलकुल अशक्त , निर्धन , बेसहारा और मामूली परिस्थिति के लोगों ने अपने धैर्य के बलबूते पर तथा निरंतर प्रयास के चलते , अपनी शक्ति से असम्भव दिखने वाले कार्यों को करके दिखाया है!

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            यदि बात हमारे पुराने इतिहास की हो तो उसमे महात्मा गांधी , सुभाषचन्द्र बोस , छत्रपति शिवाजी , महाराणा प्रताप , बाबा साहिब आंबेडकर , आदि अनेक महत्वपूर्ण महापुरुषों ने अपने धैर्य को लक्ष्य बना कर , द्रण्ड-संकल्प शक्ति से नाकाम कार्य में भी असाधारण उपलधियाँ प्राप्त की है , जिसकी वजह से आज भी अमर है!
         
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                   हमारे भारतीय अनेक आध्यात्मिक  ग्रांथों में यह  सन्देश दिया गया  है की इस संसार में ऐसा कोई भी कार्य नहीं है , जो धैर्य , सयम , आत्मविश्वास , उत्साह और कठोर परिश्रम से पूर्ण नहीं किया गया हो , इन कार्यों में यह सभी प्रकार की भावनाये पूर्ण रूप से सम्पनन्न होती है!




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           इतिहास में कोलंबस ने अपने धैर्य के बलबूते पर कठिन परिश्रम कर समुंद्री यात्रा में एक नए देश को खोज निकला था!

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          जॉर्ज स्टीवेंसन ने अपने धैर्य को कायम रखते हुए  पंद्रह वर्ष की  कठिन महेनत से अपनी मशीन को सुचारु रूप से रखा!




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           वैज्ञानिक एडिसन ने अपने बल्ब के अविष्कार के लिए धैर्यता पूर्वक अपने कार्य को 900 बार फ़ैल होने के बाद भी आखिर में सफलता पायी जिसके द्वारा आज पूरी दुनिया जगमगा रही है!

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              जब आईजक न्यूटन अपने खोज के दौरान अपने आवश्यक लेख के पेपर अपने पालतू कुत्तो द्वारा नष्ट किये जाने पर भी अपने धैर्य को कायम रखा और गुरुत्वाकर्षण के बल और गति के सिद्धांत की खोज की जो सब के लिए आज  भी अमर है!

            

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